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विरोध के कारण दोनों महिलाएं सबरीमाला मंदिर नहीं पहुंच पाईं
तिरुवनंतपुर। सबरीमाला मंदिर के प्रवेश द्वार पर सैकड़ों भक्तों के भारी विरोध की वजह से
केरल पुलिस के सुरक्षा घेरे में जा रही दोनों महिलाओं को शुक्रवार को
भगवान अयप्पा मंदिर की यात्रा से लौटने को मजबूर होना पड़ा।
हैदराबाद की पत्रकार कविता अपने चार सहयोगियों और एक अन्य महिला भक्त रेहना
फातिमा के साथ सुबह करीब 10.50 बजे कोच्चि से पंबा पहाड़ी पर स्थित मंदिर
की अपनी यात्रा शुरू की। रेहन फातिमा कोच्चि की रहने वाली है।
सुबह करीब 6.45 बजे दोनों महिलाओं ने लगभग 100 पुलिसकर्मियों के सुरक्षा घेरे के साथ दो घंटे की चढ़ाई शुरू की थी। पुलिसकर्मियों की अगुवाई पुलिस महानिदेशक एस.श्रीजीत ने की। इस बीच दो महिलाओं के मंदिर पहुंचने की खबर सुनने के बाद मंदिर के तंत्री के लगभग 30 कर्मचारी अपना अनुष्ठान छोड़कर विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए और सीढ़ियों के सामने बैठ गए। ये सभी भगवान अयप्पा के मंत्र जपने लगे।
जब समूह मंदिर के पहले प्रवेश बिंदु पर पहुंचा तो हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर लेट गए। इसके बाद श्रीजीत के पास एक फोन आया, जिसके बाद उन्होंने प्रदर्शनकारियों को बताया कि सरकार ने बल का प्रयोग नहीं करने का फैसला किया है।
श्रीजीत ने कहा कि अब मुझे दोनों महिलाओं से बात करनी पड़ेगी, जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद मंदिर में जाने का अधिकार है। कृपया यहां व्यवधान उत्पन्न नहीं करें लेकिन आप मंत्रोच्चार करना जारी रख सकते हैं।"
इसके एक घंटे बाद श्रीजीत ने मीडिया से कहा कि उनकी मंदिर के तंत्री से बात हुई और उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अगर पंरपरा व विश्वास का कोई उल्लंघन किया गया तो वह मंदिर को बंद करने पर बाध्य हो जाएंगे।
श्रीजीत ने कहा कि इसलिए हमने दोनों महिलाओं को इस बारे में बताया और उन्होंने यात्रा छोड़कर लौटने का फैसला किया। उन्होंने घर पहुंचने तक सुरक्षा मुहैया कराने को भी कहा।"
सुबह करीब 6.45 बजे दोनों महिलाओं ने लगभग 100 पुलिसकर्मियों के सुरक्षा घेरे के साथ दो घंटे की चढ़ाई शुरू की थी। पुलिसकर्मियों की अगुवाई पुलिस महानिदेशक एस.श्रीजीत ने की। इस बीच दो महिलाओं के मंदिर पहुंचने की खबर सुनने के बाद मंदिर के तंत्री के लगभग 30 कर्मचारी अपना अनुष्ठान छोड़कर विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए और सीढ़ियों के सामने बैठ गए। ये सभी भगवान अयप्पा के मंत्र जपने लगे।
जब समूह मंदिर के पहले प्रवेश बिंदु पर पहुंचा तो हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर लेट गए। इसके बाद श्रीजीत के पास एक फोन आया, जिसके बाद उन्होंने प्रदर्शनकारियों को बताया कि सरकार ने बल का प्रयोग नहीं करने का फैसला किया है।
श्रीजीत ने कहा कि अब मुझे दोनों महिलाओं से बात करनी पड़ेगी, जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद मंदिर में जाने का अधिकार है। कृपया यहां व्यवधान उत्पन्न नहीं करें लेकिन आप मंत्रोच्चार करना जारी रख सकते हैं।"
इसके एक घंटे बाद श्रीजीत ने मीडिया से कहा कि उनकी मंदिर के तंत्री से बात हुई और उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अगर पंरपरा व विश्वास का कोई उल्लंघन किया गया तो वह मंदिर को बंद करने पर बाध्य हो जाएंगे।
श्रीजीत ने कहा कि इसलिए हमने दोनों महिलाओं को इस बारे में बताया और उन्होंने यात्रा छोड़कर लौटने का फैसला किया। उन्होंने घर पहुंचने तक सुरक्षा मुहैया कराने को भी कहा।"
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