Advertisement
RSS की सम्राट स्कंदगुप्त को बड़े नायक के रूप में पेश करने की तैयारी
लखनऊ विश्वविद्यालय के भारतीय प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के
अस्टिेंट प्रोफेसर डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने कहा, स्कंदगुप्त का इतिहास
बहुत उम्दा है। भारत में गुप्तकाल के दौरान स्कंदगुप्त ने 455 से 467 ईस्वी
तक शासन किया था। 12 वर्षों में इनके शासन में प्रजा बहुत सुखी थी।
इन्होंने अपनी सभ्यता और संस्कृति की रक्षा के लिए मध्य एशिया के बर्बर
आक्रांता हूणों से भीषण संग्राम किया था और विजय हासिल की थी।
स्कंदगुप्त ने न केवल हूणों को पराजित किया था, बल्कि गुप्त साम्राज्य की रक्षा के अलावा आर्य की संस्कृति को भी नष्ट होने से बचाया था। उन्होंने बताया, पुष्यमित्र को परास्त कर अपने नेतृत्व की योग्यता और शौर्य को सिद्ध कर स्कंदगुप्त ने विक्रमादित्य की उपाधि धारण की।
स्कंदगुप्त ने न केवल हूणों को पराजित किया था, बल्कि गुप्त साम्राज्य की रक्षा के अलावा आर्य की संस्कृति को भी नष्ट होने से बचाया था। उन्होंने बताया, पुष्यमित्र को परास्त कर अपने नेतृत्व की योग्यता और शौर्य को सिद्ध कर स्कंदगुप्त ने विक्रमादित्य की उपाधि धारण की।
Advertisement
Advertisement
वाराणसी
उत्तर प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement