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रोपड़ पुलिस ने हाईवे पर लूटपाट करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश
चंडीगढ़ /रोपड़, । रोपड़ पुलिस ने हाईवे पर लूटपाट करने वाले गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार करके एक अहम सफलता दर्ज की है। एक कम आयु के लडक़े द्वारा चलाया जा रहा यह गिरोह जिला अम्बाला (हरियाणा), पटियाला और मोहाली के साथ-साथ रोपड़ में वारदात करने के लिए सक्रिय था। इस गिरोह के 4 मैंबर अभी भी भगौड़े हैं।
गिरफ़्तार किये गये इन 6 सदस्यों के विरुद्ध उक्त जिलोंं में, जहां यह पिछले 2 सालों से सक्रिय थे, लूट, डकैती और इरादातन कत्ल के कुल 16 मामले दर्ज हैं। पिछले दो सालों के दौरान हुई डकैतियाँ और 21 लाख रुपए की लूट करने वाले यह दोषी 12 विभिन्न मामलों में वांछित थे। पुलिस ने उक्त दोषियों से 1लाख रुपए की नकदी और मोटरसाईकल बरामद किये हैं।
इस गैंग का सरगना खुशप्रीत उर्फ ख़ुशी (19) जोकि शम्बू, पटियाला का निवासी है, विरुद्ध 8 मामले दर्ज हैं। गिरोह के अन्य सदस्यों की शिनाख़्त नाभा का रहने वाले विकास (7 मामले), शम्बू का निवासी मनदीप (8 मामले), मोरिंडा से गुरविन्दर (2 मामले), बसी पठाणा का गुरविन्दर (4 मामले) और फतेहगड़ साहिब के रहने वाले विक्की (2 मामले) के तौर पर की गई है। रोपड़ के एस.एस.पी स्वप्न शर्मा ने बताया कि इन अपराधियों की मुलाकात मोहाली और पटियाला की जेलों में हुई थी जहाँ यह अलग-अलग मामलों के अंतर्गत बंद थे।
यह गिरोह उन लोगों को अपना शिकार बनाता था जिनके पास समिति की वसूली या लोन (कजऱ्) की बड़ी रकम होती थी और उन इलाकों में लूट करता था जहाँ ऐसे लोग ज़्यादा हों। पेट्रोल पंप या गैस एजेंसियाँ जहाँ रोज़मर्रा पैसों की वसूली होती है, भी इस गिरोह के निशाने पर होते थे।
लूट या डकैती करने से पहले यह 2-3 दिन तक अपने शिकारों की शिनाख़्त, उनका रुटीन और बच कर निकलने वाले रास्तों आदि जांच लेते थे।
गिरफ़्तार किये गये इन 6 सदस्यों के विरुद्ध उक्त जिलोंं में, जहां यह पिछले 2 सालों से सक्रिय थे, लूट, डकैती और इरादातन कत्ल के कुल 16 मामले दर्ज हैं। पिछले दो सालों के दौरान हुई डकैतियाँ और 21 लाख रुपए की लूट करने वाले यह दोषी 12 विभिन्न मामलों में वांछित थे। पुलिस ने उक्त दोषियों से 1लाख रुपए की नकदी और मोटरसाईकल बरामद किये हैं।
इस गैंग का सरगना खुशप्रीत उर्फ ख़ुशी (19) जोकि शम्बू, पटियाला का निवासी है, विरुद्ध 8 मामले दर्ज हैं। गिरोह के अन्य सदस्यों की शिनाख़्त नाभा का रहने वाले विकास (7 मामले), शम्बू का निवासी मनदीप (8 मामले), मोरिंडा से गुरविन्दर (2 मामले), बसी पठाणा का गुरविन्दर (4 मामले) और फतेहगड़ साहिब के रहने वाले विक्की (2 मामले) के तौर पर की गई है। रोपड़ के एस.एस.पी स्वप्न शर्मा ने बताया कि इन अपराधियों की मुलाकात मोहाली और पटियाला की जेलों में हुई थी जहाँ यह अलग-अलग मामलों के अंतर्गत बंद थे।
यह गिरोह उन लोगों को अपना शिकार बनाता था जिनके पास समिति की वसूली या लोन (कजऱ्) की बड़ी रकम होती थी और उन इलाकों में लूट करता था जहाँ ऐसे लोग ज़्यादा हों। पेट्रोल पंप या गैस एजेंसियाँ जहाँ रोज़मर्रा पैसों की वसूली होती है, भी इस गिरोह के निशाने पर होते थे।
लूट या डकैती करने से पहले यह 2-3 दिन तक अपने शिकारों की शिनाख़्त, उनका रुटीन और बच कर निकलने वाले रास्तों आदि जांच लेते थे।
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