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राजस्थान में 2026-27 तक बिजली की मांग, आपूर्ति और उपलब्धता का बनेगा रोडमेप, विद्युत क्षमता बढ़ाने की बनेगी योजना
जयपुर। राज्य के उर्जा विभाग द्वारा 2026-27 तक प्रदेश में बिजली की वर्षवार बिजली उपलब्धता, मांग और आपूर्ति व्यवस्था का रोड़मेप बनाया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने यह निर्देश मंगलवार को विद्युत भवन मेें आयोजित एनर्जी एफिसिएंसी कमेटी की बैठक में दिए।
उन्होंने बताया कि उनके स्तर पर संयुक्त सचिव एनर्जी आलोक रंजन के नेतृत्व में प्लानिंग व कोआर्डिनेशन सेल का गठन भी किया गया है। उन्होंने बताया कि यह सेल राज्य की सभी विद्युत कंपनियों से परस्पर समन्वय व संवाद कायम करेगा ताकि सूचनाओं की त्वरित प्राप्ति के साथ ही समयवद्ध निर्णय किए जा सके।
एसीएस माइंस, पेट्रोलियम व एनर्जी डॉ. अग्रवाल ने बताया कि उर्जा विकास निगम के निदेशक पॉवर ट्रेडिंग पीएस सक्सैना अगले आठ से दस दिनों में विद्युत उत्पादन निगम, तीनों डिस्कॉम, अक्षय उर्जा निगम व उर्जा विकास निगम सहित संबंधित संस्थाओं के विषेषज्ञ अधिकारियों के साथ तैयारी बैठक कर रोडमेप की रुपरेखा तैयार करेंगे। यह दल राज्य में विद्युत उत्पादन के कंवेशनल सोर्सेज के साथ ही अक्षय उर्जा व नवीकरण सोर्सेज से सोलर, विण्ड और बायोमॉस आदि की उपलब्ध क्षमता व भावी संभावनाओं का भी समावेश करेगा। उन्होंने बताया कि उसके बाद इसी माह आयोजित बैठक में इसे अंतिम रुप देकर राज्य सरकार को उपलब्ध करा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में राज्य में 6000 मेगावाट उत्पादन क्षमता बढ़ाने की बजट घोषणा की गई थी जिसे चरणवद्ध तरीके से इस रोडमेप के आधार पर बढ़ाया जाएगा।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एनर्जी एफिसिएंसी कमेटी की पहली बैठक जून 2019 में हुई थी। जुलाई 21 में भी आयोजित बैठक में तात्कालीक समाधान पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2021 के अंत तक विभाग स्तर पर कार्ययोजना को अंतिम रुप दे दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सरकार की बजट घोषणाओें को ध्यान में रखते हए व्यावहारिक व भविष्यदर्शी रोडमेप तैयार किया जाए।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के सभी ब्लॉकों में किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने की बजट घोषणा की जा चुकी है। इसके क्रियान्वयन में 17 जिलों में काश्तकारों को दो पारी में दिन में बिजली उपलब्ध कराई जाने लगी है। उन्होंने बताया कि चरणवद्ध तरीके से राज्य के अन्य जिलों में भी काश्तकारों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी है। उन्होंने बताया कि काश्तकारों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने से अब रात को बिजली की मांग कम होगी तो दिन में पीक अवधि में बिजली की मांग बढेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि रोड़ मेप इस तरह से बनाया जाएगा जो फिजिबल हो, मांग व आपूर्ति को पूरा कर सके और प्रदेशवासियों को निर्बाध गुणवतायुक्त बिजली मिल सके।
उन्होंने बताया कि उनके स्तर पर संयुक्त सचिव एनर्जी आलोक रंजन के नेतृत्व में प्लानिंग व कोआर्डिनेशन सेल का गठन भी किया गया है। उन्होंने बताया कि यह सेल राज्य की सभी विद्युत कंपनियों से परस्पर समन्वय व संवाद कायम करेगा ताकि सूचनाओं की त्वरित प्राप्ति के साथ ही समयवद्ध निर्णय किए जा सके।
एसीएस माइंस, पेट्रोलियम व एनर्जी डॉ. अग्रवाल ने बताया कि उर्जा विकास निगम के निदेशक पॉवर ट्रेडिंग पीएस सक्सैना अगले आठ से दस दिनों में विद्युत उत्पादन निगम, तीनों डिस्कॉम, अक्षय उर्जा निगम व उर्जा विकास निगम सहित संबंधित संस्थाओं के विषेषज्ञ अधिकारियों के साथ तैयारी बैठक कर रोडमेप की रुपरेखा तैयार करेंगे। यह दल राज्य में विद्युत उत्पादन के कंवेशनल सोर्सेज के साथ ही अक्षय उर्जा व नवीकरण सोर्सेज से सोलर, विण्ड और बायोमॉस आदि की उपलब्ध क्षमता व भावी संभावनाओं का भी समावेश करेगा। उन्होंने बताया कि उसके बाद इसी माह आयोजित बैठक में इसे अंतिम रुप देकर राज्य सरकार को उपलब्ध करा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में राज्य में 6000 मेगावाट उत्पादन क्षमता बढ़ाने की बजट घोषणा की गई थी जिसे चरणवद्ध तरीके से इस रोडमेप के आधार पर बढ़ाया जाएगा।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एनर्जी एफिसिएंसी कमेटी की पहली बैठक जून 2019 में हुई थी। जुलाई 21 में भी आयोजित बैठक में तात्कालीक समाधान पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2021 के अंत तक विभाग स्तर पर कार्ययोजना को अंतिम रुप दे दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सरकार की बजट घोषणाओें को ध्यान में रखते हए व्यावहारिक व भविष्यदर्शी रोडमेप तैयार किया जाए।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के सभी ब्लॉकों में किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने की बजट घोषणा की जा चुकी है। इसके क्रियान्वयन में 17 जिलों में काश्तकारों को दो पारी में दिन में बिजली उपलब्ध कराई जाने लगी है। उन्होंने बताया कि चरणवद्ध तरीके से राज्य के अन्य जिलों में भी काश्तकारों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी है। उन्होंने बताया कि काश्तकारों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने से अब रात को बिजली की मांग कम होगी तो दिन में पीक अवधि में बिजली की मांग बढेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि रोड़ मेप इस तरह से बनाया जाएगा जो फिजिबल हो, मांग व आपूर्ति को पूरा कर सके और प्रदेशवासियों को निर्बाध गुणवतायुक्त बिजली मिल सके।
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