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राजद का सत्ता पाने का 'दिवास्वप्न', सपना ही रह जाएगा : संजय जायसवाल

पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के जातिगत जनगणना कराने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दिए जाने के ऑफर के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने शुक्रवार को राजद पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उनका यह दिवास्वप्न सिर्फ दिवास्वप्न ही बनकर रह जाएगा।
उन्होंने बिना किसी के नाम लिए हुए कहा, बिहार की राजनीति में समाजवादी परजीवी नेताओं की एक विचित्र जमात है। बात ये सदैव कपर्ूी ठाकुर और राम मनोहर लोहिया की करेंगे पर कब बिना कोई काम धंधा किये, पशु चिकित्सा महाविद्यालय के चपरासी क्वार्टर से अरबपति हो जाएंगे, यह किसी को पता भी नहीं चलेगा।
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि जोंक जिस प्रकार मनुष्य का इंतजार करता है और मनुष्य रक्त मिलने पर एक बार में ही महीनों का प्रबंध कर लेता है, उसी प्रकार समाजवादी परजीवी नेता भी सत्ता का इंतजार करते रहते हैं।
भाजपा सांसद ने बिना किसी के नाम लिए लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस उम्र में राम भजन करना चाहिए उस उम्र में भी उन्हें इस बात का इंतजार है कि कब किसी गलती से सत्ता पुन: मिल जाए और फिर पिछली बार की भांति गरीबों का दोहन कर सकें।
डॉ जायसवाल ने कहा कि जिन्होंने 1990 से 2005 के कार्यकाल मे बिहार की स्थिति 1947 की तरह कर दिया, वह आज पूछते हैं कि हम नीति आयोग की रैंकिंग मे सबसे पीछे क्यों हैं?
उन्होंने कहा, उसी राजनीतिक दल के प्रदेश अध्यक्ष बेचारे समाजवादी परजीवी की तरह सत्ता पाने का येन केन प्रकारेण मौका ढूंढ रहे हैं, लेकिन अफसोस उनका यह दिवास्वप्न, सिर्फ दिवास्वप्न ही बनकर रह जाएगा। (आईएएनएस)
उन्होंने बिना किसी के नाम लिए हुए कहा, बिहार की राजनीति में समाजवादी परजीवी नेताओं की एक विचित्र जमात है। बात ये सदैव कपर्ूी ठाकुर और राम मनोहर लोहिया की करेंगे पर कब बिना कोई काम धंधा किये, पशु चिकित्सा महाविद्यालय के चपरासी क्वार्टर से अरबपति हो जाएंगे, यह किसी को पता भी नहीं चलेगा।
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि जोंक जिस प्रकार मनुष्य का इंतजार करता है और मनुष्य रक्त मिलने पर एक बार में ही महीनों का प्रबंध कर लेता है, उसी प्रकार समाजवादी परजीवी नेता भी सत्ता का इंतजार करते रहते हैं।
भाजपा सांसद ने बिना किसी के नाम लिए लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस उम्र में राम भजन करना चाहिए उस उम्र में भी उन्हें इस बात का इंतजार है कि कब किसी गलती से सत्ता पुन: मिल जाए और फिर पिछली बार की भांति गरीबों का दोहन कर सकें।
डॉ जायसवाल ने कहा कि जिन्होंने 1990 से 2005 के कार्यकाल मे बिहार की स्थिति 1947 की तरह कर दिया, वह आज पूछते हैं कि हम नीति आयोग की रैंकिंग मे सबसे पीछे क्यों हैं?
उन्होंने कहा, उसी राजनीतिक दल के प्रदेश अध्यक्ष बेचारे समाजवादी परजीवी की तरह सत्ता पाने का येन केन प्रकारेण मौका ढूंढ रहे हैं, लेकिन अफसोस उनका यह दिवास्वप्न, सिर्फ दिवास्वप्न ही बनकर रह जाएगा। (आईएएनएस)
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