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युवा माता-पिता, गुरुजनों, मातृभाषा व मातृभूमि का आदर करें-आर्य
चण्डीगढ। हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य
ने युवाओं का आहवान किया कि वे एकेडमिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा
ग्रहण कर माता-पिता, गुरुजनों, मातृभाषा व मातृभूमि का आदर करें, ताकि देश
फिर से विश्वगुरु का दर्जा प्राप्त कर सके। आर्य शुक्रवार को
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभागार में राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव के
उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।
राज्यपाल ने रत्नावली महोत्सव की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र की पवित्र और ऐतिहासिक भूमि पर कौरवों और पाण्डवों का धर्म युद्ध हुआ। यह धरती विद्या के साथ-साथ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक द़ृष्टि से भी पूरी दुनिया में जानी जाती है। हरियाणा प्रदेश कृषि, पशुधन, मोबाईल, सेना और खेलों के क्षेत्र में देश में नम्बर एक स्थान पर है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शिक्षकों को यूनिवर्सिटी और प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए बच्चों को नैतिकता, अनुशासन और शिष्टाचार का पाठ पढाना होगा, क्योंकि अनुशासन में रहकर ही राष्ट्र सेवा की भावना पैदा की जा सकती है। जब प्रत्येक युवा के मन में राष्ट्र सेवा की भावना जन्म लेगी तो प्रदेश और देश पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाएगा।
राज्यपाल ने रत्नावली महोत्सव की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र की पवित्र और ऐतिहासिक भूमि पर कौरवों और पाण्डवों का धर्म युद्ध हुआ। यह धरती विद्या के साथ-साथ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक द़ृष्टि से भी पूरी दुनिया में जानी जाती है। हरियाणा प्रदेश कृषि, पशुधन, मोबाईल, सेना और खेलों के क्षेत्र में देश में नम्बर एक स्थान पर है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शिक्षकों को यूनिवर्सिटी और प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए बच्चों को नैतिकता, अनुशासन और शिष्टाचार का पाठ पढाना होगा, क्योंकि अनुशासन में रहकर ही राष्ट्र सेवा की भावना पैदा की जा सकती है। जब प्रत्येक युवा के मन में राष्ट्र सेवा की भावना जन्म लेगी तो प्रदेश और देश पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाएगा।
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