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मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सांभर झील में बडे़ पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन, 172 पक्षियों की जान बचाई
जिला कलक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि सुबह से नागरिक सुरक्षा
के 60 स्वयंसेवकों एवं एसडीआरएफ के 18 सदस्यों की टीमों ने बडे़ स्तर पर
झील में घायल पक्षियों की तलाश एवं मृत पक्षियोें के शवों को एकत्र कर
निस्तारण के लिए भेजे जाने का अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि सभी
पक्षी विशेषज्ञों की राय में और अधिक पक्षी मौत का शिकार नहीं हों इसके लिए
सबसे जरूरी कार्य मृत पक्षियों के शवों को उठाकर उनका सुरक्षित निस्तारण
किया जाना हैं। इसलिए रेस्क्यू टीमों ने मिलकर झील में रतन सागर के पीछे,
झपोल डेम के अन्दर एवं शाकम्भरी साइट पर मृत पक्षियों की तलाश का काम किया।
सबसे पहले रतन सागर में अभियान चला जहां करीब 15 पक्षी मृत मिले और 56
घायल पक्षियों को इस साइट से रेस्क्यू किया गया।
उन्होंने बताया कि इसके बाद एसडीआएफ की टीमों को झपोक डेम में उतारा गया जहां 15 सौ से ज्यादा मृत पक्षी मिले और 116 पक्षी रेस्क्यू किए गए। यहां मिले 15 सौ मृत पक्षी दो दिन पहले की केजुअलटी थे। उन्होने बताया कि जब भी कोई घायल पक्षी मिल रहा था तो उसे मौके पर ही दवाइयों के साथ मौजूद चिकित्सक मौके पर ही दवाई पिला रहे थे। पशुपालन विभाग का 22 सदस्यीय दल इस कार्य में लगा है। इसके बाद उन्हें रिकवरी के लिए काचरोदा स्थित रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया।
यादव ने बताया कि शाम होते-होते शाकम्भरी साइट पर अभियान चलाया गया। झपोक से शाकम्भरी के बीच का हिस्सा पूरी तरह साफ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान की साइट पर फुलेरा और सांभर नगरपालिकाओं द्वारा दो टे्रक्टर और 30 कर्मचारी उपलब्ध करवाए गए हैं। सुबह पशुपालन विभाग की टीम ने पक्षियों के सैंम्पल लिए हैं जो बरेली और कोयम्बटूर की लैब में भेजे गए हैं। यहां की रिपोर्ट मिलने पर पक्षियों की मौत का कारण पूरी तरह सामने आ जाएगा। यादव ने बताया कि शाकम्भरी साइट पर अभियान शनिवार को भी जारी रहेगा।
उन्होंने बताया कि इसके बाद एसडीआएफ की टीमों को झपोक डेम में उतारा गया जहां 15 सौ से ज्यादा मृत पक्षी मिले और 116 पक्षी रेस्क्यू किए गए। यहां मिले 15 सौ मृत पक्षी दो दिन पहले की केजुअलटी थे। उन्होने बताया कि जब भी कोई घायल पक्षी मिल रहा था तो उसे मौके पर ही दवाइयों के साथ मौजूद चिकित्सक मौके पर ही दवाई पिला रहे थे। पशुपालन विभाग का 22 सदस्यीय दल इस कार्य में लगा है। इसके बाद उन्हें रिकवरी के लिए काचरोदा स्थित रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया।
यादव ने बताया कि शाम होते-होते शाकम्भरी साइट पर अभियान चलाया गया। झपोक से शाकम्भरी के बीच का हिस्सा पूरी तरह साफ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान की साइट पर फुलेरा और सांभर नगरपालिकाओं द्वारा दो टे्रक्टर और 30 कर्मचारी उपलब्ध करवाए गए हैं। सुबह पशुपालन विभाग की टीम ने पक्षियों के सैंम्पल लिए हैं जो बरेली और कोयम्बटूर की लैब में भेजे गए हैं। यहां की रिपोर्ट मिलने पर पक्षियों की मौत का कारण पूरी तरह सामने आ जाएगा। यादव ने बताया कि शाकम्भरी साइट पर अभियान शनिवार को भी जारी रहेगा।
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