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बसपा के बागी विधायक सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिले, नया दल बनाने पर भी विचार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासत काफी नए रंग दिखा रही है। बसपा से निकाले गये 11 बागी विधायक अब एकजुट हो गये है। वह नया दल बनाने जा रहे हैं। इसके साथ, मंगलवार को सभी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात भी की है।
राज्यसभा चुनाव में बसपा से बगावत करने के बाद निलंबित हुए श्रावस्ती के विधायक असलम राईनी ने कहा, '' बसपा के बागी विधायक आज सपा प्रमुख अखिलेष यादव से मिले हैं। हम लोगों की 90 प्रतिशत इच्छा सपा में जाने की है। हम लोगों की अभी 11 संख्या है। अभी एक विधायक कम हैं, उसे लाने का प्रयास कर रहे हैं। तब जाकर एक नया दल बना सकते हैं। अगर आज की तिथि में अगर हम किसी पार्टी में शामिल होते हैं तो हमारी सदस्यता रद्द हो जाएगी। इसीलिए अपना अलग दल बनाएंगे। हम लोगों के नेता लालजी वर्मा और रामअचल राजभर होंगे।''
उन्होंने कहा, '' वर्मा जी और राजभर साहब आज तक बहन जी से बातचीत करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन कुछ नहीं हो पाया है। अपनी बात कहने का मौका नहीं मिल पाया है। हम लोग नियमानुसार काम करेंगे जिससे हमारे दल में कोई आंच न आ सके। हम लोग तो लालजी वर्मा को अपनी पार्टी का मुखिया बनाएंगे। 11 विधायक अब एक साथ हैं। अभी हमारे पास एक विधायक की कमी है, जिसके कारण तत्काल नया दल नहीं बन पा रहा है। इस बीच अगर एक और विधायक साथ आया तो पार्टी बनाएंगे। नए दल का नाम लालजी वर्मा को तय करना है, उनसे बात हो रही है।''
राईनी ने कहा, '' हमको बसपा की अध्यक्ष मायावती से तो कोई शिकायत नहीं है, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा का व्यवहार ठीक नहीं है। वह जितना कहते हैं मायावती सिर्फ उतना ही करती हैं।''
ज्ञात हो कि बसपा बागी विधायकों के समाजवादी पार्टी में शामिल होने पर अभी संशय बना हुआ है। इन की राह में दल बदल कानून का रोड़ा है। यह सपा विधायक दल मंडल में भी शामिल नहीं हो सकते हैं। इसके लिए पहले विधानसभा अध्यक्ष को पत्र सौंपना पड़ेगा। ऐसे में सपा के रणनीतिकार चाहते हैं कि विधान परिषद चुनाव से पहले किसी तरह की बाधा ना आए। संभावना है कि विधान परिषद चुनाव के बाद ही अगला कदम आगे बढ़ाएंगे। बसपा विधायकों का समर्थन मिलने के बाद समाजवादी पार्टी 3 विधान परिषद सदस्य आसानी से जिता लेगी। अखिलेश यादव से मुलाकात करने वाले बागियों में असलम राइनी, असलम अली, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल, सुषमा पटेल और हरगोविंद भार्गव शामिल थे।
--आईएएनएस
राज्यसभा चुनाव में बसपा से बगावत करने के बाद निलंबित हुए श्रावस्ती के विधायक असलम राईनी ने कहा, '' बसपा के बागी विधायक आज सपा प्रमुख अखिलेष यादव से मिले हैं। हम लोगों की 90 प्रतिशत इच्छा सपा में जाने की है। हम लोगों की अभी 11 संख्या है। अभी एक विधायक कम हैं, उसे लाने का प्रयास कर रहे हैं। तब जाकर एक नया दल बना सकते हैं। अगर आज की तिथि में अगर हम किसी पार्टी में शामिल होते हैं तो हमारी सदस्यता रद्द हो जाएगी। इसीलिए अपना अलग दल बनाएंगे। हम लोगों के नेता लालजी वर्मा और रामअचल राजभर होंगे।''
उन्होंने कहा, '' वर्मा जी और राजभर साहब आज तक बहन जी से बातचीत करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन कुछ नहीं हो पाया है। अपनी बात कहने का मौका नहीं मिल पाया है। हम लोग नियमानुसार काम करेंगे जिससे हमारे दल में कोई आंच न आ सके। हम लोग तो लालजी वर्मा को अपनी पार्टी का मुखिया बनाएंगे। 11 विधायक अब एक साथ हैं। अभी हमारे पास एक विधायक की कमी है, जिसके कारण तत्काल नया दल नहीं बन पा रहा है। इस बीच अगर एक और विधायक साथ आया तो पार्टी बनाएंगे। नए दल का नाम लालजी वर्मा को तय करना है, उनसे बात हो रही है।''
राईनी ने कहा, '' हमको बसपा की अध्यक्ष मायावती से तो कोई शिकायत नहीं है, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा का व्यवहार ठीक नहीं है। वह जितना कहते हैं मायावती सिर्फ उतना ही करती हैं।''
ज्ञात हो कि बसपा बागी विधायकों के समाजवादी पार्टी में शामिल होने पर अभी संशय बना हुआ है। इन की राह में दल बदल कानून का रोड़ा है। यह सपा विधायक दल मंडल में भी शामिल नहीं हो सकते हैं। इसके लिए पहले विधानसभा अध्यक्ष को पत्र सौंपना पड़ेगा। ऐसे में सपा के रणनीतिकार चाहते हैं कि विधान परिषद चुनाव से पहले किसी तरह की बाधा ना आए। संभावना है कि विधान परिषद चुनाव के बाद ही अगला कदम आगे बढ़ाएंगे। बसपा विधायकों का समर्थन मिलने के बाद समाजवादी पार्टी 3 विधान परिषद सदस्य आसानी से जिता लेगी। अखिलेश यादव से मुलाकात करने वाले बागियों में असलम राइनी, असलम अली, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल, सुषमा पटेल और हरगोविंद भार्गव शामिल थे।
--आईएएनएस
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