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महाराष्ट्र संकट : पार्टी पर नियंत्रण पाने के लिए शिवसेना-विद्रोहियोंका गुट आमने-सामने

मुंबई। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के भाग्य पर सस्पेंस जारी रहने के बीच बुधवार को यहां शिवसेना और बागी गुट के बीच पार्टी पर नियंत्रण पाने के लिए सत्ता संघर्ष छिड़ गया है। शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने सभी पार्टी विधायकों को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लेने के लिए एक पत्र लिखा।
प्रभु ने कहा, "यदि आप बैठक में शामिल होने में विफल रहते हैं, तो यह माना जाएगा कि आप स्वेच्छा से पार्टी छोड़ने का इरादा रखते हैं और आपकी सदस्यता कानूनों के अनुसार रद्द की जा सकती है और आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी, जिसे नोट किया जाना चाहिए।"
विद्रोही गुट के नेता मंत्री एकनाथ शिंदे ने पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री द्वारा व्हिप के जरिए बुलाई गई बैठक को 'अवैध' करार दिया है।
शिंदे - (जिन्होंने लगभग 45 विधायकों के समर्थन का दावा किया है) ने गुवाहाटी में कहा कि शिवसेना के एक विधायक भरत गोगावले को पार्टी के नए मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्त किया गया है।
यह घटनाक्रम तब हुआ, जब प्रभु ने शाम 5 बजे बैठक के लिए बागी समूह के सभी 55 विधायकों को सोशल मीडिया, ई-मेल और संदेशों के माध्यम से पत्र भेजा।
--आईएएनएस
प्रभु ने कहा, "यदि आप बैठक में शामिल होने में विफल रहते हैं, तो यह माना जाएगा कि आप स्वेच्छा से पार्टी छोड़ने का इरादा रखते हैं और आपकी सदस्यता कानूनों के अनुसार रद्द की जा सकती है और आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी, जिसे नोट किया जाना चाहिए।"
विद्रोही गुट के नेता मंत्री एकनाथ शिंदे ने पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री द्वारा व्हिप के जरिए बुलाई गई बैठक को 'अवैध' करार दिया है।
शिंदे - (जिन्होंने लगभग 45 विधायकों के समर्थन का दावा किया है) ने गुवाहाटी में कहा कि शिवसेना के एक विधायक भरत गोगावले को पार्टी के नए मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्त किया गया है।
यह घटनाक्रम तब हुआ, जब प्रभु ने शाम 5 बजे बैठक के लिए बागी समूह के सभी 55 विधायकों को सोशल मीडिया, ई-मेल और संदेशों के माध्यम से पत्र भेजा।
--आईएएनएस
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