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अमर जवान ज्योति को बुझाने का औचित्य समझ से परे: अशोक गहलोत
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को बुझाने और इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक लौ में मिलाने की आलोचना की और कहा कि इसका औचित्य किसी की समझ से परे है। उन्होंने कहा, "शहीदों के सम्मान में अगर दो अलग-अलग लपटें जलती रहीं तो मोदी सरकार को कहां दिक्कत थी? 50 साल से शहीदों को श्रद्धांजलि देने वाली अमर जवान ज्योति को बुझाना शहादत का अपमान है।"
उन्होंने कहा, "ऐसा करना इतिहास बदलने की कोशिश है, लेकिन मोदी सरकार को समझना चाहिए कि इस तरह की कोशिशों से इतिहास नहीं बदल जाता, बल्कि महान काम करके एक सुनहरा इतिहास बनाना पड़ता है।"
उन्होंने कहा, "अमर जवान ज्योति पाकिस्तान को दो भागों में बांटने वाले सैनिकों की याद में थी। इसे बुझाना और इसे 'विलय' का नाम देना उस प्रकाश की शुद्धता को कम करने का एक प्रयास है। बांग्लादेश युद्ध की जीत के 50 साल पूरे होने पर इस तरह का कृत्य करना बेहद निंदनीय है।" (आईएएनएस)
उन्होंने कहा, "ऐसा करना इतिहास बदलने की कोशिश है, लेकिन मोदी सरकार को समझना चाहिए कि इस तरह की कोशिशों से इतिहास नहीं बदल जाता, बल्कि महान काम करके एक सुनहरा इतिहास बनाना पड़ता है।"
उन्होंने कहा, "अमर जवान ज्योति पाकिस्तान को दो भागों में बांटने वाले सैनिकों की याद में थी। इसे बुझाना और इसे 'विलय' का नाम देना उस प्रकाश की शुद्धता को कम करने का एक प्रयास है। बांग्लादेश युद्ध की जीत के 50 साल पूरे होने पर इस तरह का कृत्य करना बेहद निंदनीय है।" (आईएएनएस)
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