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नेट थिएट पर रंग -ए- गजल
जयपुर । नेट थिएट कार्यक्रम की श्रंखला के तहत आज सुप्रसिद्ध गज़ल गायक अर्जुन मारू ने गायकी का ऐसा जादू चलाया की गजल के श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए ।
नेट थिएट के राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया कि अर्जुन मारू ने सैफुद्दीन सेफ की लिखी गजल मेरी दास्तान ए हसरत, सुना सुना के रोए से कार्यक्रम की शुरुआत की । उसके बाद उन्होंने शायर जिगर मुरादाबादी की ग़ज़ल बदली तेरी नजर तो नजारे बदल गए अपनी पूर् कशिश आवाज में सुनाई तो बदली ने भी ऐसा रंग बदला की मेघ बरस उठे । मधुर वाणी के गायक मारू ने अब्बास अली शौख की ग़ज़ल जिस दिन से भा गई है ।
फिर शायद दर्शन की ग़ज़ल दौलत मिली जहान की कहने की बात है से माहौल का ऐसा रंग जमाया कि दर्शक वाह-वाह कर उठे और अंत में मीर तकी मीर की ग़ज़ल आपके सज्जादा नशी कुछ यादगार ए शह रे, सुना कर माहौल बनाया ।
इनके साथ तबले पर गुलाम फरीद और वायलिन पर गुलजार हुसैन ने ऐसी असरदार संगत की महफिल में चार चांद लग गए ।
नेट थिएट के राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया कि अर्जुन मारू ने सैफुद्दीन सेफ की लिखी गजल मेरी दास्तान ए हसरत, सुना सुना के रोए से कार्यक्रम की शुरुआत की । उसके बाद उन्होंने शायर जिगर मुरादाबादी की ग़ज़ल बदली तेरी नजर तो नजारे बदल गए अपनी पूर् कशिश आवाज में सुनाई तो बदली ने भी ऐसा रंग बदला की मेघ बरस उठे । मधुर वाणी के गायक मारू ने अब्बास अली शौख की ग़ज़ल जिस दिन से भा गई है ।
फिर शायद दर्शन की ग़ज़ल दौलत मिली जहान की कहने की बात है से माहौल का ऐसा रंग जमाया कि दर्शक वाह-वाह कर उठे और अंत में मीर तकी मीर की ग़ज़ल आपके सज्जादा नशी कुछ यादगार ए शह रे, सुना कर माहौल बनाया ।
इनके साथ तबले पर गुलाम फरीद और वायलिन पर गुलजार हुसैन ने ऐसी असरदार संगत की महफिल में चार चांद लग गए ।
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