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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के ट्रस्ट में जगह पाने को लेकर राजनीति शुरू
सबसे बड़ा विवाद जो प्रस्तावित ट्रस्ट के सामने आने की संभावना है, वह मंदिर निर्माण के लिए विभिन्न संगठनों, ट्रस्टों और धार्मिक समूहों द्वारा धन संग्रह से संबंधित है, विहिप इनमें से सबसे बड़ा है।
मुख्य मुद्दा यह होगा कि क्या ये फंड संग्रहकर्ता नए ट्रस्ट को धन सौंपने के लिए तैयार होंगे और क्या वे पिछले 27 वर्षों के दौरान एकत्र किए गए करोड़ों रुपये के लिए जवाबदेह होंगे। उन समूहों का कोई उचित रिकॉर्ड नहीं है, जो अब तक धन एकत्र कर रहे हैं और बड़ी मात्रा में राशि एकत्र कर भी चुके हैं।
राम लला मंदिर के मुख्य पुजारी, महंत सत्येंद्र दास, पहले ही दावा कर चुके हैं कि 18 करोड़ रुपये राम जन्मभूमि न्यास ट्रस्ट को हस्तांतरित किए गए थे और किसी के पास इसका कोई खाता नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर (शनिवार )को अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि का स्वामित्व हिंदुओं को दे दिया था और एक राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया और फैसले में कहा कि मुसलमानों को वैकल्पिक स्थल पर 5 एकड़ जमीन मिलेगी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि विवादित भूमि हिंदुओं को दी जानी चाहिए और केंद्र सरकार को मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया था।
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अयोध्या
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