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राजस्थान राज्य आई.एल.डी. कौशल विश्वविद्यालय की अभिनव पहल

khaskhabar.com : मंगलवार, 25 जून 2019 5:47 PM (IST)
राजस्थान राज्य आई.एल.डी. कौशल विश्वविद्यालय की अभिनव पहल
जयपुर। राजस्थान राज्य आई.एल.डी. कौशल विश्वविद्यालय ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों से परम्परागत स्नातक डिग्री की शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों के भविष्य को रोजगारोन्मुखी बनाने की एक अभिनव पहल की है।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ललित के. पंवार की अध्यक्षता में सम्पन्न एकेडमिक कौंसिल ने इस सम्बन्ध में महत्वपूर्ण निर्णय लेकर विनियमों को मंजूरी दी है।

एकेडमिक कौंसिल ने ‘‘रेगुलेशन फॉर स्किल क्रेडिट सर्टिफिकेट‘‘ को मंजूरी देते हुए कॉनकरन्ट स्किल कोर्सेस (समवर्ती कौशल पाठ्यक्रम) प्रारम्भ करने की सहमति दी है जो राज्य के विभिन्न राजकीय विश्वविद्यालयों से जुड़े महाविद्यालयों में बी.ए., बी.एससी., बी.कॉम., बी.सी.ए., बी.बी.ए., बी.टेक. आदि पारम्परिक डिग्री कोर्सेस में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों के जीवन में बदलाव लाने और उन्हें रोजगार के क्षेत्र के लिए प्रेरित करने में सार्थक साबित होगें।

‘‘समवर्ती कौशल पाठ्यक्रमों‘‘ को राजस्थान राज्य आई.एल.डी. कौशल विश्वविद्यालय के विनियमों की मंजूरी के पश्चात स्नातक डिग्री की शिक्षा प्राप्त कर रहा कोई भी विद्यार्थी कौशल आधारित सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व एडवांस डिप्लोमा कर सकता है। इसके लिए यह विश्वविद्यालय विद्यार्थी का अलग से कॉनकरन्ट एनरोलमेंट करेगा जिसके लिए माइग्रेशन सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होगी।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ललित के. पंवार ने बताया कि कॉनकरन्ट कोर्स दो क्रेडिट से लेकर 72 क्रेडिट तक के हैं। एक क्रेडिट का अर्थ है 30 घंटे कौशल शिक्षा प्राप्त करना। यदि विद्यार्थी न्यूनतम दो क्रेडिट (60 घंटे) कौशल शिक्षा आधारित पाठ्यक्रम का अध्ययन व प्रैक्टिकल करता है तो उस विद्यार्थी को ‘‘टू क्रेडिट सर्टिफिकेट‘‘ दिया जा सकता है। यदि विद्यार्थी 18 माह में 36 क्रेडिट कौशल शिक्षा जो ‘‘नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क‘‘ के 5 लेवल के बराबर है को ‘‘डिप्लोमा कॉनकरन्ट‘‘ तथा यदि विद्यार्थी 36 माह (तीन वर्ष) में 72 घंटे कौशल आधारित शिक्षा के पाठ्यक्रम को पूरा करता है तो उसे ‘‘एडवांस डिप्लोमा कॉनकरन्ट‘‘ दिया जायेगा जो नियमित डिग्री के अतिरिक्त होगा। ये सर्टिफिकेट, एडवांस डिप्लोमा व डिप्लोमा विद्यार्थी को रोजगार से जोड़ने में कारगर साबित होंगे।

विश्वविद्यालय के डायरेक्टर स्कि्ल एजूकेशन प्रो. अशोक के. नगावत ने बताया कि प्रदेश के सभी राजकीय विश्वविद्यालय से सम्बद्धित महाविद्यालय एवं शिक्षण संस्थान तथा अन्य विश्वविद्यालय जिनके साथ राजस्थान राज्य आई.एल.डी. कौशल विश्वविद्यालय का एमओयू हो चुका है, में अध्ययनरत् विद्यार्थी एक सेमेस्टर में न्यूनतम 2 क्रेडिट व अधिकतम 12 क्रेडिट कौशल शिक्षा पाठ्यक्रम में अध्ययन करने के लिए अपने को पंजीकृत कर सकता है। उन्हाेंने बताया कि इसके लिए सम्बन्धित महाविद्यालय या शिक्षण संस्थान को राजस्थान राज्य आई.एल.डी. कौशल विश्वविद्यालय से निर्धारित पाठ्यक्रम हेतु ऎफिलियेशन लेना होगा।

कुलपति डॉ. ललित के. पंवार ने बताया कि राजस्थान राज्य आई.एल.डी. कौशल विश्वविद्यालय देश का पहला कौशल विश्वविद्यालय है जो विद्यार्थी को परम्परागत नियमित डिग्री के साथ ‘‘कॉनकरन्ट सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व एडवांस डिप्लोमा‘‘ देगा। उन्हाेंने बताया कि वर्तमान में शिक्षित बेरोजगारों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए उन्हें उच्च शिक्षा के लिए महाविद्यालयों में प्रवेश करने के साथ ही कौशल शिक्षा पाठ्यक्रमों से जोड़ना आवश्यक हो गया है जिससे विद्यार्थी उस कौशल शिक्षा क्षेत्र से जुड़े रोजगार को अपनाकर आत्मनिर्भर बन सके।

विश्वविद्यालय की सोमवार को सम्पन्न एकेडमिक कौंसिल की इस महत्वपूर्ण बैठक में विश्वविद्यालय के विभिन्न डीन, विशेषज्ञ, विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक पी.एम. त्रिपाठी व डायरेक्टर एच.आर. वी.के. माथुर मौजूद थे।

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