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राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में होगा आमूलचूल परिवर्तन, आखिर क्यों, यहां पढ़ें और सुनें
जयपुर । कांग्रेस सरकार आते ही, और नए मुख्यमंत्री के रूप में अशोक गहलोत के नाम का ऐलान होते ही राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में फेरबदल की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।
प्रदेश के नए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निशाने पर पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के सीएमओ की ब्यूरोक्रेसी रही है। खुलेआम गहलोत ने आईएएस अफसरों का नाम लिया था और हिदायत दी थी कि वह वसुंधरा सरकार के कहने पर कांग्रेस के खिलाफ कोई हथकंड़े नहीं अपनाएं। साथ ही गहलोत ने मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को भी पत्र लिखा था कि वह वसुंधरा सरकार के मनमाने फैसले पर सहमति नहीं जताए। इस खत के बाद मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने अशोक गहलोत से जाकर भी मुलाकात की थी।
वहीं अब अशोक गहलोत मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ लेने जा रहे है। इसलिए इससे पहले शनिवार को प्रदेश के आला आईएएस अफसरों, आईपीएस अफसरों, आरएएस अफसरों ने सरकारी आवास जाकर मुख्यमंत्री बनने पर अशोक गहलोत से मुलाकात की और बधाई दी।
माना जा रहा है कि नए साल से पहले या नए साल में ब्यूरोक्रेसी में आमूलचूल परिवर्तन हो सकता है। वहीं गहलोत सरकार के निशाने पर सीएमओ की ब्यूरोक्रेसी रहेगी, जिन्हें सबसे पहले बदला जाएगा। इसके बाद पुलिस प्रशासन में आमूलचूल परिवर्तन होगा।
वहीं शासन सचिवालय के गलियारों में सीएमओ, नए मुख्य सचिव और आरोपी आईएएस अफसर, जिनके मामले हाईकोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन बहाल होने के बाद ऊंचे पदों पर बैठे है। इन पर कुछ ना कुछ गहलोत सरकार आने वाले दिनों में फैसला ले सकती है।
प्रदेश के नए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निशाने पर पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के सीएमओ की ब्यूरोक्रेसी रही है। खुलेआम गहलोत ने आईएएस अफसरों का नाम लिया था और हिदायत दी थी कि वह वसुंधरा सरकार के कहने पर कांग्रेस के खिलाफ कोई हथकंड़े नहीं अपनाएं। साथ ही गहलोत ने मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को भी पत्र लिखा था कि वह वसुंधरा सरकार के मनमाने फैसले पर सहमति नहीं जताए। इस खत के बाद मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने अशोक गहलोत से जाकर भी मुलाकात की थी।
वहीं अब अशोक गहलोत मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ लेने जा रहे है। इसलिए इससे पहले शनिवार को प्रदेश के आला आईएएस अफसरों, आईपीएस अफसरों, आरएएस अफसरों ने सरकारी आवास जाकर मुख्यमंत्री बनने पर अशोक गहलोत से मुलाकात की और बधाई दी।
माना जा रहा है कि नए साल से पहले या नए साल में ब्यूरोक्रेसी में आमूलचूल परिवर्तन हो सकता है। वहीं गहलोत सरकार के निशाने पर सीएमओ की ब्यूरोक्रेसी रहेगी, जिन्हें सबसे पहले बदला जाएगा। इसके बाद पुलिस प्रशासन में आमूलचूल परिवर्तन होगा।
वहीं शासन सचिवालय के गलियारों में सीएमओ, नए मुख्य सचिव और आरोपी आईएएस अफसर, जिनके मामले हाईकोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन बहाल होने के बाद ऊंचे पदों पर बैठे है। इन पर कुछ ना कुछ गहलोत सरकार आने वाले दिनों में फैसला ले सकती है।
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