Advertisement
सहारनपुर में रोके गए राहुल,बोले-दलितों को पूरे हिंदुस्तान में दबाया जा रहा है
नई दिल्ली/सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में हिंसाग्रस्त सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर गांव में
पीड़ितों से मिलने जाने की कोशिश कर रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को
पुलिस और प्रशासन ने हरियाणा बोर्डर पर यमुना पुल पर ही रोक लिया। इस
दौरान राहुल ने कहा कि दलितों को पूरे हिंदुस्तान में दबाया जा रहा है।
विरोध में राहुल ने करीब एक किलोमीटर की पदयात्रा की और एक ढाबे पर
मीडियाकर्मियों से बातचीत की।
उन्होंने कहा, आज के हिंदुस्तान में गरीब, कमजोर के लिए जगह नहीं है। दलितों को दबाया जा रहा है, ये पूरे हिंदुस्तान में हो रहा है, केवल यूपी ही नहीं, पूरे हिंदुस्तान में डर फैलाया गया है। मोदी सरकार सिर्फ अमीर लोगों की बात मानती है। सरकार में शामिल लोग हालांकि अपने भाषणों में गरीब-गरीब बार दोहराते हैं। राहुल ने कहा, मैं शब्बीरपुर के लोगों का हाल जानना चाहता था, लेकिन मुझे वहां नहीं जाने दिया गया। पुलिस न जानें हमसे क्या छिपाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि डीएम और एसएसपी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जैसे ही शब्बीरपुर के हालात सामान्य होंगे, वे स्वयं उन्हें उस गांव लेकर जाएंगे। राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था का राज कायम करने में पूरी तरह विफल रही है। शब्बीरपुर भी इसका उदाहरण है।
कश्मीर में जारी तनाव पर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, आज जम्मू-कश्मीर जल रहा है, हमने वहां शांति लाने के लिए 10 साल काम किया था, जम्मू-कश्मीर में जब शांति होती है तो हिंदुस्तान को शक्ति मिलती है और जब जम्मू-कश्मीर में अशांति होती है तो पाकिस्तान को फायदा होता है।
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी ने हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। अब उन्हें बताना चाहिए कि बीते तीन साल में उन्होंने कितने युवाओं को रोजगार दिया है।
इससे पहले,
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को पुलिस और जिला प्रशासन की इजाजत न मिलने के बावजूद शनिवार दोपहर यूपी के हिंसा प्रभावित जिले सहारनपुर पहुंचे। प्रशासन के रोकने पर राहुल हिंसाग्रस्त इलाके में नहीं गए और उन्होंने सरसावा गांव में पंचायत कर पीडि़तों से मुलाकात की। राहुल करीब आधा किलोमीटर पैदल चलकर सरसावां गांव तक पहुंचे। उन्होंने वहां प्रशासनिक अधिकारियों से भी मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर भी हैं।
इस दौरान राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मैं सहारनपुर जाना चाहता था, मुझे जाने नहीं दिया गया। असल में वे मुझे बॉर्डर पर रोके थे, मैं उठ कर यहां आ गया।’ राहुल का काफिला करनाल होते हुए यमुनानगर के रास्ते सहारनपुर की तरफ रवाना हुआ था। वहीं, प्रशासन ने राहुल की इस यात्रा के मद्देनजर यूपी-हरियाणा सीमा पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कतर रखा था। राहुल की अगुआई के लिए यूपी और हरियाणा के स्थानीय कांग्रेस नेता भी यमुना पुल पर बड़ी संख्या में मौजूद थे।
राहुल शनिवार सुबह सडक़ मार्ग से हरियाणा होते हुए सहारनपुर के लिए निकले थे। रवाना होने से पहले राहुल ने 10 जनपथ जाकर सोनिया गांधी से मुलाकात की। राहुल के आने की खबर पाकर कांग्रेस के कई स्थानीय नेता और कार्यकर्ता भी पहुंचे थे। बता दें कि स्थानीय प्रशासन ने साफ कहा था कि हिंसा प्रभावित इलाके में किसी को जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। अनुमति के बिना वहां जाने पर कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि प्रभावित इलाकों में नेताओं के जाने से हालात फिर बिगड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा, आज के हिंदुस्तान में गरीब, कमजोर के लिए जगह नहीं है। दलितों को दबाया जा रहा है, ये पूरे हिंदुस्तान में हो रहा है, केवल यूपी ही नहीं, पूरे हिंदुस्तान में डर फैलाया गया है। मोदी सरकार सिर्फ अमीर लोगों की बात मानती है। सरकार में शामिल लोग हालांकि अपने भाषणों में गरीब-गरीब बार दोहराते हैं। राहुल ने कहा, मैं शब्बीरपुर के लोगों का हाल जानना चाहता था, लेकिन मुझे वहां नहीं जाने दिया गया। पुलिस न जानें हमसे क्या छिपाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि डीएम और एसएसपी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जैसे ही शब्बीरपुर के हालात सामान्य होंगे, वे स्वयं उन्हें उस गांव लेकर जाएंगे। राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था का राज कायम करने में पूरी तरह विफल रही है। शब्बीरपुर भी इसका उदाहरण है।
कश्मीर में जारी तनाव पर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, आज जम्मू-कश्मीर जल रहा है, हमने वहां शांति लाने के लिए 10 साल काम किया था, जम्मू-कश्मीर में जब शांति होती है तो हिंदुस्तान को शक्ति मिलती है और जब जम्मू-कश्मीर में अशांति होती है तो पाकिस्तान को फायदा होता है।
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी ने हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। अब उन्हें बताना चाहिए कि बीते तीन साल में उन्होंने कितने युवाओं को रोजगार दिया है।
इससे पहले,
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को पुलिस और जिला प्रशासन की इजाजत न मिलने के बावजूद शनिवार दोपहर यूपी के हिंसा प्रभावित जिले सहारनपुर पहुंचे। प्रशासन के रोकने पर राहुल हिंसाग्रस्त इलाके में नहीं गए और उन्होंने सरसावा गांव में पंचायत कर पीडि़तों से मुलाकात की। राहुल करीब आधा किलोमीटर पैदल चलकर सरसावां गांव तक पहुंचे। उन्होंने वहां प्रशासनिक अधिकारियों से भी मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर भी हैं।
इस दौरान राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मैं सहारनपुर जाना चाहता था, मुझे जाने नहीं दिया गया। असल में वे मुझे बॉर्डर पर रोके थे, मैं उठ कर यहां आ गया।’ राहुल का काफिला करनाल होते हुए यमुनानगर के रास्ते सहारनपुर की तरफ रवाना हुआ था। वहीं, प्रशासन ने राहुल की इस यात्रा के मद्देनजर यूपी-हरियाणा सीमा पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कतर रखा था। राहुल की अगुआई के लिए यूपी और हरियाणा के स्थानीय कांग्रेस नेता भी यमुना पुल पर बड़ी संख्या में मौजूद थे।
राहुल शनिवार सुबह सडक़ मार्ग से हरियाणा होते हुए सहारनपुर के लिए निकले थे। रवाना होने से पहले राहुल ने 10 जनपथ जाकर सोनिया गांधी से मुलाकात की। राहुल के आने की खबर पाकर कांग्रेस के कई स्थानीय नेता और कार्यकर्ता भी पहुंचे थे। बता दें कि स्थानीय प्रशासन ने साफ कहा था कि हिंसा प्रभावित इलाके में किसी को जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। अनुमति के बिना वहां जाने पर कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि प्रभावित इलाकों में नेताओं के जाने से हालात फिर बिगड़ सकते हैं।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
सहारनपुर
उत्तर प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement