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पटियाला में पंजाबियों के बीच पुरानी यादों में खो गए राहुल
पटियाला । राहुल गांधी ने अपने बचपन की यादों को ताजा करते हुए कि बताया कि कैसे मुट्ठीभर सिखों ने उनके परिवार की रक्षा की थी, जब 1977 में उनकी दादी इंदिरा गांधी संसदीय चुनाव हार गई थीं। राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि उन्हें लगता है कि उन पर पंजाब और पंजाबियों का कर्ज है। राहुल गांधी ने याद करते हुए कहा, "घर में कोई नहीं था, सिवाय उन सिखों के, जिन्होंने मेरी दादी की रक्षा की।"
यह पूछे जाने पर कि पंजाबियों को उन पर भरोसा क्यों करना चाहिए, राहुल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पंजाब के लोगों को उनके कार्यो को देखना चाहिए और उनके राजनीतिक करियर को देखना चाहिए, जिसमें वह हमेशा किसी भी अन्याय से पीड़ित लोगों के साथ खड़े रहे हैं।
राहुल ने कहा कि उन्होंने पंजाबियों से बहुत कुछ सीखा है, जिसका वह आभार प्रकट करते हैं। राहुल ने कहा कि उन्हें हमेशा यह महसूस होता है कि उन्हें पंजाब के लोगों का कर्ज चुकाना है।
उन्होंने कहा कि उनकी तमिलनाडु के लोगों के लिए भी ऐसी ही भावनाएं हैं।
राहुल ने कहा कि वह अब पंजाब आए, क्योंकि उन्हें लगा कि मोदी सरकार की ओर से राज्य के साथ घोर अन्याय किया जा रहा है और वह सहज रूप से हमेशा कमजोर और पीड़ितों के साथ खड़े रहते हैं।
--आईएएनएस
यह पूछे जाने पर कि पंजाबियों को उन पर भरोसा क्यों करना चाहिए, राहुल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पंजाब के लोगों को उनके कार्यो को देखना चाहिए और उनके राजनीतिक करियर को देखना चाहिए, जिसमें वह हमेशा किसी भी अन्याय से पीड़ित लोगों के साथ खड़े रहे हैं।
राहुल ने कहा कि उन्होंने पंजाबियों से बहुत कुछ सीखा है, जिसका वह आभार प्रकट करते हैं। राहुल ने कहा कि उन्हें हमेशा यह महसूस होता है कि उन्हें पंजाब के लोगों का कर्ज चुकाना है।
उन्होंने कहा कि उनकी तमिलनाडु के लोगों के लिए भी ऐसी ही भावनाएं हैं।
राहुल ने कहा कि वह अब पंजाब आए, क्योंकि उन्हें लगा कि मोदी सरकार की ओर से राज्य के साथ घोर अन्याय किया जा रहा है और वह सहज रूप से हमेशा कमजोर और पीड़ितों के साथ खड़े रहते हैं।
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