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कैबिनेट के अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी, अब रेप पर मिलेगी मौत की सजा

khaskhabar.com : रविवार, 22 अप्रैल 2018 12:43 PM (IST)
कैबिनेट के अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी, अब रेप पर मिलेगी मौत की सजा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से पॉक्सो एक्ट में संशोधन को लेकर लाए गए अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति ने अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिया है, जिसके बाद केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। अब रेप के लिए नया कानून होगा। पॉक्सो एक्ट में संशोधन किया जाएगा। नए अध्यादेश के मुताबिक 12 साल से कम उम्र के मासूमों के साथ रेप करने के दोषियों को मौत की सजा दी जाएगी। भगौड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश पर भी राष्ट्रपति ने मुहर लगा दी है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में आपराधिक कानून(संशोधन) अध्यादेश, 2018 और भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश-2018 को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद अध्यादेश को राष्ट्रपति के पास भेजा गया। राष्ट्रपति ने दोनों ही अध्यादेशों पर मुहर लगा दी है।

पॉक्सो एक्ट में हुए ये संशोधन

-अध्यादेश में बच्चियों और नाबालिगों के साथ दुष्कर्म के लिए सख्त कानून के साथ पोक्सो अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव है।
- 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने पर कम से कम 20 वर्ष की सजा या आजीवन कारावास या मृत्यु तक कारावास का प्रावधान है।
- 16 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म पर दोषी को पूरी जिंदगी जेल में गुजारनी होगी।
-12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की स्थिति में दोषियों को पूरी जिंदगी जेल की सजा या मृत्युदंड का प्रावधान है।
-महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने पर सजा को सश्रम कारावास के साथ सात वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष कर दिया गया है और जिसे बढ़ाकर आजीवन कारावास में बदला जा सकता है।
-अध्यादेश में 16 वर्ष की उम्र से कम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने पर न्यूनतम सजा को 10 वर्ष से बढ़ाकर 20 वर्ष कर दिया गया है, जिसे बढ़ाकर आजीवन कारावास में बदला जा सकता है, जिसका मतलब है दोषी को जिंदगी भर जेल में रहना होगा।
- 16 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में जमानत याचिका पर निर्णय करने से पहले अभियोजन पक्ष और पीडि़ता के वकील को 15 दिन पहले नोटिस देना होगा।
-कानून को सख्त बनाने के साथ, राज्य, केंद्रशासित प्रदेश और उच्च न्यायालय से संपर्क करके त्वरित अदालतों का निर्माण किया जाएगा।

भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश-2018 को मंजूरी


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