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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जोधपुर उच्च न्यायालय के नवनिर्मित भवन का किया लोकार्पण
जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने समय पर न्याय देने और लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए शीघ्र परीक्षण के अभिनव तरीकों को कानूनी प्रक्रिया में शामिल करने की आवश्यकता प्रतिपादित की है। उन्होंने कहा कि शानदार खंभों वाली इमारत की प्रभावशाली गोलाकार संरचना संसद भवन की तरह दिखाई दे रही है। केंद्र में गुंबद से गोलाकार इमारत की सुंदरता बढ़ रही है।
राज्यपाल मिश्र शनिवार को जोधपुर में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मुख्य आतिथ्य में आयोजित राजस्थान उच्च न्यायालय के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि भारत के संविधान की प्रस्तावना के अनुरूप हमारी स्वतंत्रता के लिए पंथ, लिंग, धर्म आदि के किसी भी भेदभाव के बिना सामाजिक-राजनीतिक-आर्थिक न्याय, राष्ट्र के लोगों की आशा और उम्मीदों को न्यायपालिका देखती है। लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास है।
मिश्र ने कहा कि न्याय के इस नए भवन में भविष्य के न्यायिक अभियानाें को अपनी क्षमताओं के साथ शुरू करें। न्याय के इस मंदिर की अखंडता और पवित्रता को बनाने में सभी सहयोगी बने। न्याय की अवधारणा में निहित सद्भाव, शांति और समावेशी समाज के निर्माण के लिए न्याय को प्राथमिकता दी जाए। न्याय के आदर्शों को प्राप्त करने के लिए समय पर कार्य पूरे किए जाए।
राज्यपाल ने कहा कि कानून सामाजिक हितों के लिए होता है। लोक अदालत, कानूनी मदद व जागरूकता कार्यक्रम, राजस्थान के उच्च न्यायालय की पहल को प्रोत्साहित करते हैं। लोगों में जागरूकता लाने और कानून प्रणाली के कामकाज को मजबूत करने के लिए न्याय व्यवस्था सभी के लिए सुलभ होनी चाहिए।
राज्यपाल मिश्र शनिवार को जोधपुर में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मुख्य आतिथ्य में आयोजित राजस्थान उच्च न्यायालय के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि भारत के संविधान की प्रस्तावना के अनुरूप हमारी स्वतंत्रता के लिए पंथ, लिंग, धर्म आदि के किसी भी भेदभाव के बिना सामाजिक-राजनीतिक-आर्थिक न्याय, राष्ट्र के लोगों की आशा और उम्मीदों को न्यायपालिका देखती है। लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास है।
मिश्र ने कहा कि न्याय के इस नए भवन में भविष्य के न्यायिक अभियानाें को अपनी क्षमताओं के साथ शुरू करें। न्याय के इस मंदिर की अखंडता और पवित्रता को बनाने में सभी सहयोगी बने। न्याय की अवधारणा में निहित सद्भाव, शांति और समावेशी समाज के निर्माण के लिए न्याय को प्राथमिकता दी जाए। न्याय के आदर्शों को प्राप्त करने के लिए समय पर कार्य पूरे किए जाए।
राज्यपाल ने कहा कि कानून सामाजिक हितों के लिए होता है। लोक अदालत, कानूनी मदद व जागरूकता कार्यक्रम, राजस्थान के उच्च न्यायालय की पहल को प्रोत्साहित करते हैं। लोगों में जागरूकता लाने और कानून प्रणाली के कामकाज को मजबूत करने के लिए न्याय व्यवस्था सभी के लिए सुलभ होनी चाहिए।
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