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बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को यमुना एक्सप्रेस वे से जोड़ने की तैयारी, बचेगा समय, घटेगा प्रदूषण
लखनऊ । अब शीघ्र ही बुंदेलखंड के
विकास को नया आयाम मिलेगा। डिफेंस कॉरीडोर और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे इसका
जरिया बनेगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे चित्रकूट के भरतकूप के पास से शुरू
होकर बांदा, हमीरपुर, महोबा और औरैया होते हुए इटावा के कुदरैल गांव के पास
यमुना एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा। इससे बुंदेलखंड से देश की राजधानी दिल्ली
तक आने-जाने में समय और संसाधनों की बचत होगी। डीजल और पेट्रोल की खपत
घटने से प्रदूषण भी घटेगा।
बुंदेलखंड का शुमार प्रदेश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में होता है। नीति
आयोग ने कायाकल्प के लिए प्रदेश के जिन आठ जिलों को चुना है उनमें चित्रकूट
भी एक है। संयोग से चित्रकूट से ही एक्सप्रेसवे की शुरूआत भी हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार यह कह चुके हैं कि शौर्य, संस्कार और
परंपरा की धरती बुंदेलखंड आने वाले समय में उप्र का स्वर्ग होगी। इसमें
प्रस्तावित 'डिफेंस कॉरीडोर' और 'पूर्वांचल एक्सप्रेस वे' की महत्वपूर्ण
भूमिका होगी। डिफेंस कॉरीडोर में देश-विदेश के निवेशकों को आकर्षित करने के
लिए लखनऊ में डिफेंस एक्सपो-2020 का सफलतम आयोजन किया गया था। इसके तुरंत
बाद बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के शिलान्यास और जलजीवन मिशन से बुंदेलखंड के
विकास के प्रति केंद्र और प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता साबित हो रही है। इन
परियोजनाओं पूरा होने पर सबका साथ, सबका विकास और सबके भरोसे के भाजपा के
नारे को चरितार्थ करेंगी।
आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेसवे से जुडने के कारण दिल्ली तक का यातायात सुगम हो जाएगा। परियोजना से आच्छादित क्षेत्रों में कृषि, वाणिज्य और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। योगी सरकार की मंशा हर एक्सप्रेसवे के किनारे औद्यौगिक गलियारा बनाने की है। इनमें स्थापित होने वाले शिक्षण संस्थान और उत्पादन इकाइयों के नाते स्थानीय स्तर पर रोजी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 फरवरी 2020 को चित्रकूट से इसका शिलान्यास किया था। 20 जुलाई की यूपीडा के सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) अवनीश कुमार अवस्थी ने बुंदेलखण्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य के प्रगति की वीडियों कान्फ्रेंसिग के जरिए समीक्षा बैठक भी की। इसमें यूपीडा के साथ निर्माण कम्पनियों के भी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मिली जानकारी के अनुसार अब तक लगभग 67 फीसद भौतिक कार्य पूरे हो चुके हैं। करीब 210 किमी सड़क बनकर पूरी तरह तैयार है। यमुना और बेतवा नदी पर पुलों का तीव्र गति से निर्माण चल रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि आरओबी,आरई पैनल, स्ट्रक्च र्स, टोल प्लाजा निर्माण बचे यूटिलिटी शिफ्टिंग के कार्यो में तेजी लाएं। जो भी काम हो रहे हैं वे पूरी गुणवत्ता के हों। इसके लिए टेक्निकल ऑडीटर, अथॉरिटी इंजीनियर एवं पीआईयू को गुणवत्ता की जांच लगातार करने के भी निर्देश दिए।
--आईएएनएस
आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेसवे से जुडने के कारण दिल्ली तक का यातायात सुगम हो जाएगा। परियोजना से आच्छादित क्षेत्रों में कृषि, वाणिज्य और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। योगी सरकार की मंशा हर एक्सप्रेसवे के किनारे औद्यौगिक गलियारा बनाने की है। इनमें स्थापित होने वाले शिक्षण संस्थान और उत्पादन इकाइयों के नाते स्थानीय स्तर पर रोजी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 फरवरी 2020 को चित्रकूट से इसका शिलान्यास किया था। 20 जुलाई की यूपीडा के सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) अवनीश कुमार अवस्थी ने बुंदेलखण्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य के प्रगति की वीडियों कान्फ्रेंसिग के जरिए समीक्षा बैठक भी की। इसमें यूपीडा के साथ निर्माण कम्पनियों के भी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मिली जानकारी के अनुसार अब तक लगभग 67 फीसद भौतिक कार्य पूरे हो चुके हैं। करीब 210 किमी सड़क बनकर पूरी तरह तैयार है। यमुना और बेतवा नदी पर पुलों का तीव्र गति से निर्माण चल रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि आरओबी,आरई पैनल, स्ट्रक्च र्स, टोल प्लाजा निर्माण बचे यूटिलिटी शिफ्टिंग के कार्यो में तेजी लाएं। जो भी काम हो रहे हैं वे पूरी गुणवत्ता के हों। इसके लिए टेक्निकल ऑडीटर, अथॉरिटी इंजीनियर एवं पीआईयू को गुणवत्ता की जांच लगातार करने के भी निर्देश दिए।
--आईएएनएस
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