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प्रशांत किशोर आज करेंगे अपनी भविष्य की रणनीति का खुलासा
पटना । प्रमुख राजनीतिक रणनीतिकार, प्रशांत किशोर (पीके) गुरुवार को अपनी भविष्य की योजना और एजेंडे का खुलासा करने वाले हैं। कांग्रेस के पार्टी में शामिल होने के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद सोमवार को किशोर ने बिहार से 'जन सूरज' शुरू करने की घोषणा की थी। हालांकि, उन्होंने उस वास्तविक रणनीति का खुलासा नहीं किया है जिसे वह अपने मूल राज्य में लागू करना चाहते हैं।
उनकी 'जन सूरज' की घोषणा ने राजनीतिक पंडितों को उनकी भविष्य की योजना का विश्लेषण करने के लिए मजबूर कर दिया है। उनमें से कई लोगों का मानना है कि वह बिहार से नई पार्टी शुरू करना चाहते हैं।
किशोर ने पहले एक ट्वीट के दौरान असली राजनीतिक आकाओं, यानी बिहार के लोगों के पास जाने का संकेत दे दिया था।
लगभग सभी पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने उन पर ज्यादा प्रतिक्रिया न करने का फैसला किया है और न ही उन्हें कोई महत्व देना चाहते हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनका किशोर से कोई लेना-देना नहीं है।
राजद नेता और विपक्ष के नेता, तेजस्वी यादव ने कहा कि वह राजनीतिक रणनीतिकार से जुड़ी खबरों को महत्व नहीं देते हैं।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि राजनीतिक रणनीति बनाना और लोगों से जुड़ाव बनाना दो अलग-अलग चीजें हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि किशोर के प्रयास बिहार में फ्लॉप शो में बदल जाएंगे।
ये नेता भले ही प्रशांत किशोर की ताकत से वाकिफ हैं, लेकिन इस समय वे उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में किशोर ने उनके लिए जो किया, उससे बीजेपी नेता अच्छी तरह वाकिफ हैं। जनता दल (यूनाइटेड) और राजद ने भी 2015 के विधानसभा चुनावों के दौरान अपने राजनीतिक कौशल का अनुभव किया जब महागठबंधन (विपक्षी महागठबंधन) ने भगवा पार्टी को हराया था।
किशोर पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली में भी सफल रहे।
इसलिए बिहार की हर पार्टी प्रशांत किशोर की भविष्य की योजनाओं का बेसब्री से इंतजार कर रही है।
--आईएएनएस
उनकी 'जन सूरज' की घोषणा ने राजनीतिक पंडितों को उनकी भविष्य की योजना का विश्लेषण करने के लिए मजबूर कर दिया है। उनमें से कई लोगों का मानना है कि वह बिहार से नई पार्टी शुरू करना चाहते हैं।
किशोर ने पहले एक ट्वीट के दौरान असली राजनीतिक आकाओं, यानी बिहार के लोगों के पास जाने का संकेत दे दिया था।
लगभग सभी पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने उन पर ज्यादा प्रतिक्रिया न करने का फैसला किया है और न ही उन्हें कोई महत्व देना चाहते हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनका किशोर से कोई लेना-देना नहीं है।
राजद नेता और विपक्ष के नेता, तेजस्वी यादव ने कहा कि वह राजनीतिक रणनीतिकार से जुड़ी खबरों को महत्व नहीं देते हैं।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि राजनीतिक रणनीति बनाना और लोगों से जुड़ाव बनाना दो अलग-अलग चीजें हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि किशोर के प्रयास बिहार में फ्लॉप शो में बदल जाएंगे।
ये नेता भले ही प्रशांत किशोर की ताकत से वाकिफ हैं, लेकिन इस समय वे उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में किशोर ने उनके लिए जो किया, उससे बीजेपी नेता अच्छी तरह वाकिफ हैं। जनता दल (यूनाइटेड) और राजद ने भी 2015 के विधानसभा चुनावों के दौरान अपने राजनीतिक कौशल का अनुभव किया जब महागठबंधन (विपक्षी महागठबंधन) ने भगवा पार्टी को हराया था।
किशोर पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली में भी सफल रहे।
इसलिए बिहार की हर पार्टी प्रशांत किशोर की भविष्य की योजनाओं का बेसब्री से इंतजार कर रही है।
--आईएएनएस
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