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हर्षोल्लास के साथ मनाया प्रकाश पुरब गुरू गोबिंद सिंह जी
जयपुर। सिखों के दसवें गुरू, गुरू गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पुरब बड़े हर्षोल्लास के साथ बुधवार 20 जनवरी को मनाया गया। गुरूद्वारा नेहरू नगर पानी पेच में सुबह 6.30 बजे से 'आसां दी वार' का कीर्तन व उपरान्त 10 जनवरी से प्रारंभ सहज पाठ की समाप्ति हुई। 11 बजे से कीर्तन दीवान हुए, जिसमें बच्चों ने, स्त्री सतसंग ने, हजूरी रागी भाई कुलवन्त सिंह जी व दिल्ली से आए रागी मनमीत सिंह जी के जत्थे ने कीर्तन किया।
पानीपेच गुरूद्वारा सचिव गुरमीत सिंह ने बताया कि जिसमें 'वाहो वाहो गोबिंद सिंह आपे गुर चेला', 'मैं हूं परम पुरख को दासा', 'अबिचल नगर गोबिंद गुरू का', 'बिन हर सिमरन सुख नहीं पाया' आदि शब्दों का गायन किया गया । अमृतसर से आए कथा वाचक हरमितर सिंह जी ने संगत को गुरू जी की वाणी समझाते हुए निहाल किया। गुरू का लंगर अटूट बर्ताया गया।
पानीपेच गुरूद्वारा सचिव गुरमीत सिंह ने बताया कि जिसमें 'वाहो वाहो गोबिंद सिंह आपे गुर चेला', 'मैं हूं परम पुरख को दासा', 'अबिचल नगर गोबिंद गुरू का', 'बिन हर सिमरन सुख नहीं पाया' आदि शब्दों का गायन किया गया । अमृतसर से आए कथा वाचक हरमितर सिंह जी ने संगत को गुरू जी की वाणी समझाते हुए निहाल किया। गुरू का लंगर अटूट बर्ताया गया।
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