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यूपी : डाकिया लोगों के बचत के पैसे को लेकर फरार
सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)। सहारनपुर में एक डाकिया कथित तौर पर नौ गांव के लोगों के डाकघर में जमा किए गए बचत के पैसे को लेकर फरार हो गया। डाकिया राकेश कुमार ने खाताधारकों से जमा करने के लिए अधिकांश रूपये को कभी जमा नहीं किया और भागने से पहले, उसने अधिकांश लोगों से पासबुक भी इक्ठ्ठे किए और उन्हें आग लगा दी।
बेहट क्षेत्र के थाना प्रभारी (एसएचओ), के.पी. सिंह ने कहा, "डाकपाल राकेश कुमार मुजफ्फराबाद गांव में डाकघर का एक उपकेंद्र चला रहा था, जिसमें आसपास के नौ गांवों के लोगों के 2,000 से अधिक खाते थे। वह सारा पैसा लेकर भाग गया। अब हम उसकी तलाश कर रहे हैं। उनके बेटे को पकड़ लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।"
एसएचओ ने कहा कि डाकिया ने इन ग्रामीणों का कभी कोई खाता नहीं खोला। पुलिस ने सहारनपुर के मुख्य डाकघर से ग्रामीणों द्वारा दिए गए खाता नंबरों को सत्यापित करने की कोशिश की, तो वहां के अधिकारियों ने कहा कि इनमें से अधिकतर खाते या तो फर्जी थे या किसी और के स्वामित्व में थे।
एसएचओ ने कहा, "लगभग सभी खाते फर्जी थे। उन्होंने सैकड़ों लोगों को धोखा दिया, यहां तक कि पिछले कई दशकों से उनके साथ काम करने वालों को भी।"
खुर्रमपुर गांव के पूर्व प्रधान नेम चंद्र ने कहा कि उनके गांव की आबादी करीब 2,000 है और उनमें से अधिकांश का राकेश द्वारा संचालित डाकघर में कम से कम एक खाता है।
नेम चंद्रा ने दावा किया, "उसने पूरे गांव को लूट लिया और भाग गया। नौ गांवों में सैकड़ों लोगों को ठगा गया।"
ग्रामीणों ने अपनी सारी बचत खो दी है। कुछ ने अपने बच्चों की शादी के लिए पैसे बचाए थे तो कुछ ने अपनी पूरी बचत 'खाते' में जमा कर दी थी। (आईएएनएस)
बेहट क्षेत्र के थाना प्रभारी (एसएचओ), के.पी. सिंह ने कहा, "डाकपाल राकेश कुमार मुजफ्फराबाद गांव में डाकघर का एक उपकेंद्र चला रहा था, जिसमें आसपास के नौ गांवों के लोगों के 2,000 से अधिक खाते थे। वह सारा पैसा लेकर भाग गया। अब हम उसकी तलाश कर रहे हैं। उनके बेटे को पकड़ लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।"
एसएचओ ने कहा कि डाकिया ने इन ग्रामीणों का कभी कोई खाता नहीं खोला। पुलिस ने सहारनपुर के मुख्य डाकघर से ग्रामीणों द्वारा दिए गए खाता नंबरों को सत्यापित करने की कोशिश की, तो वहां के अधिकारियों ने कहा कि इनमें से अधिकतर खाते या तो फर्जी थे या किसी और के स्वामित्व में थे।
एसएचओ ने कहा, "लगभग सभी खाते फर्जी थे। उन्होंने सैकड़ों लोगों को धोखा दिया, यहां तक कि पिछले कई दशकों से उनके साथ काम करने वालों को भी।"
खुर्रमपुर गांव के पूर्व प्रधान नेम चंद्र ने कहा कि उनके गांव की आबादी करीब 2,000 है और उनमें से अधिकांश का राकेश द्वारा संचालित डाकघर में कम से कम एक खाता है।
नेम चंद्रा ने दावा किया, "उसने पूरे गांव को लूट लिया और भाग गया। नौ गांवों में सैकड़ों लोगों को ठगा गया।"
ग्रामीणों ने अपनी सारी बचत खो दी है। कुछ ने अपने बच्चों की शादी के लिए पैसे बचाए थे तो कुछ ने अपनी पूरी बचत 'खाते' में जमा कर दी थी। (आईएएनएस)
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