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प्रधानमंत्री माेदी के निवार्चन क्षेत्र में भगवानों को प्रदूषण से बचाने के लिए पहनाए मास्क
गर्मी में भगवान की प्रतिमाओं को शीतलता प्रदान करने के लिए चंदन लेपन करते
हैं। शरद ऋतु में इन्हें कंबल और स्वेटर भी पहनाए जाते हैं। जब हम इन्हें
इंसानी रूप में मानते हैं तो उन पर भी प्रदूषण का असर हो रहा होगा। इसीलिए
यहां स्थित प्रतिमाओं को हमने मास्क पहना दिया है।
उन्होंने बताया कि बाबा भोलेनाथ, देवी दुर्गा, काली माता और साईं बाबा का पूजन करने के बाद उन्हें मास्क पहना दिया गया है।
पुजारी ने बताया कि जब लोगों ने प्रतिमाओं को मास्क पहने हुए देखा तब वे भी प्रदूषण से बचाव के लिए खुद मास्क पहने लगे। कई लोगों ने इन प्रतिमाओं से सीख ली। छोटे बच्चे भी प्रदूषण से बचाव के लिए जागरूक हो रहे हैं।
हरीश मिश्रा ने बताया कि उन्होंने प्रतिमाओं को कई घंटे तक मास्क पहनाए रखा। जब काली जी की प्रतिमा में मास्क लगाया गया तो उनकी जीभ ढक गई थी। शास्त्र के अनुसार, उनकी जिह्वा ढकनी नहीं चाहिए। इसीलिए बाद में उनका मास्क उतार दिया गया।
पुजारी ने बताया कि अब प्रदूषण कुछ कम होने लगा है। यदि आगे प्रदूषण बढ़ा तो प्रतिमाओं को मास्क लगातार पहनाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि बाबा भोलेनाथ, देवी दुर्गा, काली माता और साईं बाबा का पूजन करने के बाद उन्हें मास्क पहना दिया गया है।
पुजारी ने बताया कि जब लोगों ने प्रतिमाओं को मास्क पहने हुए देखा तब वे भी प्रदूषण से बचाव के लिए खुद मास्क पहने लगे। कई लोगों ने इन प्रतिमाओं से सीख ली। छोटे बच्चे भी प्रदूषण से बचाव के लिए जागरूक हो रहे हैं।
हरीश मिश्रा ने बताया कि उन्होंने प्रतिमाओं को कई घंटे तक मास्क पहनाए रखा। जब काली जी की प्रतिमा में मास्क लगाया गया तो उनकी जीभ ढक गई थी। शास्त्र के अनुसार, उनकी जिह्वा ढकनी नहीं चाहिए। इसीलिए बाद में उनका मास्क उतार दिया गया।
पुजारी ने बताया कि अब प्रदूषण कुछ कम होने लगा है। यदि आगे प्रदूषण बढ़ा तो प्रतिमाओं को मास्क लगातार पहनाया जा सकता है।
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वाराणसी
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