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आकस्मिक निरीक्षण में खुली परिषद के रैन बसेरों की पोल
हनुमानगढ़। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर जिला विधिक प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव बीती देर रात्रि जब टाउन-जंक्शन में राज्य सरकार व नगर परिषद द्वारा संचालित रैन बसेरों का आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां के हालात देखकर आश्चर्यचकित रह गए। जिस समय पूर्णकालिक पुखराज गहलोत ने रैन बसेरे जांचे उस समय वहां उन्हें कोई गरीब या किसी कारणवश अपने घर न जाने वाला जरूरतमंद व्यक्ति ठहरा नहीं मिला। रोजमर्रा के कामों से जुड़े हुए व्यक्ति रैन बसेरे में सोते हुए या बैठे मिले।
इसके अलावा भी रैन बसेरों में कई खामियां मिली। जानकारी के अनुसार रात्रि करीब दस बजे जिला विधिक प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव गहलोत टाउन बस स्टैंड में स्थित रैन बसेरे का आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे। वहां उन्होंने खाने की व्यवस्था, पेयजल, शौचालय, रोशनी व्यवस्था आदि में अव्यवस्थाएं पाईं। करीब आधा घण्टा निरीक्षण के बाद पूर्णकालिक सचिव जंक्शन बस स्टैंड स्थित रैन बसेरे में पहुंचे। वहां नियमित ड्यूटी पर रहने वाला कर्मचारी नदारद मिला। उसकी जगह कोई अन्य युवक ड्यूटी पर था जबकि इंद्राज पुस्तिका में ड्यूटी से नदारद कर्मचारी के हस्ताक्षर थे। इसके अलावा कई अन्य अव्यवस्थाएं भी रैन बसेरे में मिली। अंत में पूर्णकालिक सचिव ने रेलवे स्टेशन के बाहर बने रैन बसेरा जांचा। निरीक्षण के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान पूर्णकालिक सचिव पुखराज गहलोत ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर हर जिले में जिला विधिक प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव रैन बसेरे जांच रहे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के राज्य सरकार व नगर परिषद को निर्देश हैं कि शहर में पर्याप्त रैन बसेरे हों तथा कोई भी गरीब सर्दी में अकाल मौत का शिकार न हो। इसके लिए आधारभूत सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। इसके अलावा राज्य सरकार को यह भी निर्देश हैं कि रियायत दर पर भी जरूरतमंद को भोजन भी उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने बताया कि निरीक्षण में रैन बसेरों में पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं मिली। उन्होंने बताया कि इसकी डिटेल में रिपोर्ट तैयार कर भेजी जाएगी। अव्यवस्थाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार ने जवाब तलब करेगी। निरीक्षण के दौरान पैनल एडवोकेट अलंकार सिंह, नितिन छाबड़ा, प्रदीप कुमार आदि भी साथ थे।
सौ घंटे काम करो, नौ हजार रुपए लो
इसके अलावा भी रैन बसेरों में कई खामियां मिली। जानकारी के अनुसार रात्रि करीब दस बजे जिला विधिक प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव गहलोत टाउन बस स्टैंड में स्थित रैन बसेरे का आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे। वहां उन्होंने खाने की व्यवस्था, पेयजल, शौचालय, रोशनी व्यवस्था आदि में अव्यवस्थाएं पाईं। करीब आधा घण्टा निरीक्षण के बाद पूर्णकालिक सचिव जंक्शन बस स्टैंड स्थित रैन बसेरे में पहुंचे। वहां नियमित ड्यूटी पर रहने वाला कर्मचारी नदारद मिला। उसकी जगह कोई अन्य युवक ड्यूटी पर था जबकि इंद्राज पुस्तिका में ड्यूटी से नदारद कर्मचारी के हस्ताक्षर थे। इसके अलावा कई अन्य अव्यवस्थाएं भी रैन बसेरे में मिली। अंत में पूर्णकालिक सचिव ने रेलवे स्टेशन के बाहर बने रैन बसेरा जांचा। निरीक्षण के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान पूर्णकालिक सचिव पुखराज गहलोत ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर हर जिले में जिला विधिक प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव रैन बसेरे जांच रहे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के राज्य सरकार व नगर परिषद को निर्देश हैं कि शहर में पर्याप्त रैन बसेरे हों तथा कोई भी गरीब सर्दी में अकाल मौत का शिकार न हो। इसके लिए आधारभूत सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। इसके अलावा राज्य सरकार को यह भी निर्देश हैं कि रियायत दर पर भी जरूरतमंद को भोजन भी उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने बताया कि निरीक्षण में रैन बसेरों में पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं मिली। उन्होंने बताया कि इसकी डिटेल में रिपोर्ट तैयार कर भेजी जाएगी। अव्यवस्थाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार ने जवाब तलब करेगी। निरीक्षण के दौरान पैनल एडवोकेट अलंकार सिंह, नितिन छाबड़ा, प्रदीप कुमार आदि भी साथ थे।
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