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सिंधिया के मप्र दौर से सियासी कयासबाजी को मिली हवा, अध्यक्ष पद के बड़े दावेदार
भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष पद के बड़े दावेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्य के चार दिनी दौरे ने सियासी हलकों में कयासबाजी को हवा दे दी है। सिंधिया का यह दौरा भावी प्रदेश अध्यक्ष की तलाश और राज्यसभा चुनाव की चर्चाओं के बीच हो रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सांसद सिंधिया गुरुवार से 19 जनवरी तक प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान सिंधिया का अपने लोगों से मेल-मुलाकात का दौर तो चलेगा ही, वहीं 17 जनवरी को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करना सबसे अहम होगा।
कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद यह दूसरा मौका होगा, जब सिंधिया कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। सवाल उठ रहा है कि इस बैठक में पार्टी के कौन-कौन से नेता मौजूद रहते हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री कमल नाथ के पास वर्तमान में प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी है। वे लगातार इससे अपने को मुक्त करना चाहते हैं, मगर पार्टी हाईकमान उन्हें बीते एक साल से अभी यह जिम्मेदारी संभाले रहने को कहता आ रहा है। पार्टी में नए अध्यक्ष की तलाश जारी है।
जो नाम सामने हैं, उसमें सबसे मजबूत दावेदार सिंधिया को ही माना जा रहा है। इसके अलावा पूर्व अध्यक्ष सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के अलावा राज्य सरकार के मंत्रियों में उमंग सिंघार, कमलेश्वर पटेल, ओमकार सिंह मरकाम के नाम भी कतार में हैं।
एक तरफ जहां सिंधिया को पार्टी के भावी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर देखा जा रहा है, तो दूसरी ओर उन्हें राज्य में खाली हो रही राज्यसभा की तीन सीटों में से एक पर भेजे जाने की चर्चा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सांसद सिंधिया गुरुवार से 19 जनवरी तक प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान सिंधिया का अपने लोगों से मेल-मुलाकात का दौर तो चलेगा ही, वहीं 17 जनवरी को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करना सबसे अहम होगा।
कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद यह दूसरा मौका होगा, जब सिंधिया कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। सवाल उठ रहा है कि इस बैठक में पार्टी के कौन-कौन से नेता मौजूद रहते हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री कमल नाथ के पास वर्तमान में प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी है। वे लगातार इससे अपने को मुक्त करना चाहते हैं, मगर पार्टी हाईकमान उन्हें बीते एक साल से अभी यह जिम्मेदारी संभाले रहने को कहता आ रहा है। पार्टी में नए अध्यक्ष की तलाश जारी है।
जो नाम सामने हैं, उसमें सबसे मजबूत दावेदार सिंधिया को ही माना जा रहा है। इसके अलावा पूर्व अध्यक्ष सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के अलावा राज्य सरकार के मंत्रियों में उमंग सिंघार, कमलेश्वर पटेल, ओमकार सिंह मरकाम के नाम भी कतार में हैं।
एक तरफ जहां सिंधिया को पार्टी के भावी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर देखा जा रहा है, तो दूसरी ओर उन्हें राज्य में खाली हो रही राज्यसभा की तीन सीटों में से एक पर भेजे जाने की चर्चा है।
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