Police will take care of komal education-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Apr 20, 2024 6:50 am
Location
Advertisement

तो कोमल की पढ़ाई का खर्च उठाएगी पुलिस

khaskhabar.com : रविवार, 22 अप्रैल 2018 1:19 PM (IST)
तो कोमल की पढ़ाई का खर्च उठाएगी पुलिस
मानिकपुर (चित्रकूट) । अभी तक आपने उत्तर प्रदेश पुलिस का ‘क्रूर’ चेहरा देखा होगा, लेकिन चित्रकूट में पुलिस का ‘मानवीय’ चेहरा भी सामने आया है। जहां आर्थिक तंगी के चलते एक बेटी की पढ़ाई बंद हो गई तो वह शनिवार को मानिकपुर थाने के समाधान दिवस में पहुंच गई। वहां उसने अपनी दास्तान सुना आगे की पढ़ाई का ‘समाधान’ करने की आरजू की। मौजूद अपर पुलिस अधीक्षक ने दरियादिली दिखा उसकी आगे की पढ़ाई का खर्च उठाने की जिम्मेदारी संभाली है।
चित्रकूट जिले के मानिकपुर थाने में शनिवार को पुलिस समाधान दिवस में आए लोगों की समस्या का निस्तारण करने में मशगूल थी, इसी बीच सकरौंहा गांव की एक बेटी पहुंची और पिता की गरीबी के चलते आगे की पढ़ाई न कर पाने का दुखड़ा रोया। उसकी समस्या सुन कुछ देर के लिए थाने में सन्नाटा छा गया, लेकिन वहां मौजूद अपर पुलिस अधीक्षक बलवंत चैधरी ने दरियादिली दिखाई और उसके आगे की पढ़ाई का खर्च उठाने की जिम्मेदारी संभाल ली। इतना ही नहीं, थानाध्यक्ष के.पी. दुबे ने बाजार से खरीद कर नए कपड़े भी मुहैया कराया। यही तो है पुलिस का ‘मानवीय’ चेहरा।
बता दें कि सकरौंहा गांव का रामदीन कुशवाहा मामूली खेतिहर किसान है। उसने अपनी बेटी कोमल को इंटरमीडिएट तक पढ़ाया, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते आगे की पढ़ाई नहीं करा सका। इतना ही नहीं,उसे दो साल से तन ढकने के लिए एक जोड़ी कपड़ा भी नहीं खरीद सका। कोमल पढ़-लिख कर कुछ बनना चाहती है, लेकिन वह मजबूर थी। जब कुछ समझ में नहीं आया तो वह पुलिस के समाधान दिवस में पहुंच गई, जहां उसकी समस्या का ‘समाधान’ भी हो गया। पुलिस के मानवीय दृष्टिकोण और बेटी के पढ़ने की ललक से रामदीन बेहद खुश है और कहता है कि ‘पुलिस ने बेटी को पढ़ाया तो वह उसे पुलिस में ही भर्ती कराना चाहेगा, ताकि वह बहन-बेटियों के साथ हो रहे अन्याय-अत्याचार को रोंक सके।’ कोमल से जब पूछा गया तो उसने ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ का नारा ही बदल दिया और नया नारा दिया कि ‘बेटी पढ़ाओ, दुष्कर्मी भगाओ।’ उसने कहा कि ‘वह आईएएस या आईपीएस अधिकारी बनना चाहेगी।’
अपर पुलिस अधीक्षक बलवंत चैधरी ने रविवार को कहा कि ‘बेटी कोमल का परिवार बेहद गरीबी का दंश झेल रहा है, उसमें पढ़-लिख कर कुछ बनने की तमन्ना है। अबवह पुलिस विभाग की बेटी है और हमारा विभाग उसकी आगे की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएगा।’

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar UP Facebook Page:
Advertisement
Advertisement