Advertisement
अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की कोशिश : PMO का फोकस निर्माण सेक्टर व रोजगार सृजन पर
नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था को गति देने और निर्माण क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के प्रयास के तहत केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों को ठेकेदारों और निर्माण कंपनियों के लंबित भुगतान पूरे करने के निर्देश दिए हैं। सरकार का मुख्य उद्देश्य बाजार में तरलता बढ़ाने और रोजगार के अधिक अवसर पैदा करना है।
पिछले कुछ वर्षों में करोड़ों रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर और निर्माण प्रोजेक्ट कानूनी मुद्दों और अदालती कार्यवाही में फंसकर लटके हुए हैं, जिससे भारत के सबसे विश्वस्त बिजनेस सेक्टर की वृद्धि लगभग रुक-सी गई है। निर्माण क्षेत्र देशभर में अब तक सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार दे रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग को 2016 में इसका समाधान तलाशने का निर्देश दिया था और उसके बाद आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) ने निर्माण क्षेत्र में तरलता लाने वाले विभिन्न कदमों को मंजूरी दी थी। फिर भी कुछ कानूनी अड़चनें कायम हैं।
नीति आयोग के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एंड एप्रेजल डिवीजन (पीएएमडी) ने हाल ही में एक पत्र (28 नवंबर, 2019) लिखकर केंद्रीय कानून मंत्रालय और अन्य संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि ठेकेदारों को बैंक गारंटी के लिए 75 प्रतिशत आर्बिट्रल अवाड्र्स का भुगतान किया जाए।
केंद्रीय कानून मंत्रालय के कैबिनेट सचिव और अन्य संबंधित विभागों को संबोधित गोपनीय पत्र में लिखा था, सीसीईए ने नीति आयोग के प्रस्ताव पर विचार किया है (20 नवंबर) और इस नियम को मंजूरी दे दी है कि इस तरह के भुगतान का 75 प्रतिशत भुगतान सरकारी संस्थाएं ठेकेदारों को बैंक गारंटी के बदले करेंगी और अपने ब्याज के लिए नहीं।
पिछले कुछ वर्षों में करोड़ों रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर और निर्माण प्रोजेक्ट कानूनी मुद्दों और अदालती कार्यवाही में फंसकर लटके हुए हैं, जिससे भारत के सबसे विश्वस्त बिजनेस सेक्टर की वृद्धि लगभग रुक-सी गई है। निर्माण क्षेत्र देशभर में अब तक सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार दे रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग को 2016 में इसका समाधान तलाशने का निर्देश दिया था और उसके बाद आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) ने निर्माण क्षेत्र में तरलता लाने वाले विभिन्न कदमों को मंजूरी दी थी। फिर भी कुछ कानूनी अड़चनें कायम हैं।
नीति आयोग के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एंड एप्रेजल डिवीजन (पीएएमडी) ने हाल ही में एक पत्र (28 नवंबर, 2019) लिखकर केंद्रीय कानून मंत्रालय और अन्य संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि ठेकेदारों को बैंक गारंटी के लिए 75 प्रतिशत आर्बिट्रल अवाड्र्स का भुगतान किया जाए।
केंद्रीय कानून मंत्रालय के कैबिनेट सचिव और अन्य संबंधित विभागों को संबोधित गोपनीय पत्र में लिखा था, सीसीईए ने नीति आयोग के प्रस्ताव पर विचार किया है (20 नवंबर) और इस नियम को मंजूरी दे दी है कि इस तरह के भुगतान का 75 प्रतिशत भुगतान सरकारी संस्थाएं ठेकेदारों को बैंक गारंटी के बदले करेंगी और अपने ब्याज के लिए नहीं।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
प्रमुख खबरें
Advertisement