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PM नरेन्द्र मोदी बोले, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से बढ़ेगी विकास की रफ्तार
चित्रकूट। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत रत्न, राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने यहीं से भारत को स्वावलंबन के रास्ते पर ले जाने का व्यापक प्रयास शुरु किया था। दो दिन पहले ही नाना जी को उनकी पुण्यतिथि पर देश ने याद किया है। गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है कि चित्रकूट के घाट पर हुई संतन की भीड़। आज आपको देखकर आपके इस सेवक को कुछ-कुछ ऐसी ही अनुभूति हो रही है।चित्रकूट सिर्फ एक स्थान नहीं है, बल्कि भारत के पुरातन समाज जीवन की संकल्प स्थली और तप स्थली भी है। इस धरती ने भारतीयों में मर्यादा के नए संस्कार गढ़े हैं। यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने आज बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कही।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रभु श्रीराम आदिवासियों से, वन्य प्रदेश में रहने वालों से कैसे प्रभावित हुए थे, इसकी कथाएं अनंत हैं। बुंदेलखंड को विकास के एक्सप्रेसवे पर ले जाने वाला बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस क्षेत्र के जन जीवन को बदलने वाला सिद्ध होगा। करीब 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला ये एक्सप्रेसवे यहां रोजगार के कई अवसर लाएगा।
15 करोड़ परिवारों को मिलेगा शुद्ध पानी...
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले पांच वर्ष में देश के लगभग 15 करोड़ परिवारों तक शुद्ध पीने का पानी पहुंचाने के संकल्प के लिए काम तेजी से शुरू हो चुका है। इसमें भी प्राथमिकता आकांक्षी जिलों को दी जा रही है। सरकार ने ये भी तय किया है कि आदिवासी क्षेत्रों और चित्रकूट जैसे देश के 100 से ज्यादा 'आकांक्षी जिलों' में FPOs को अधिक प्रोत्साहन दिया जाए, हर ब्लॉक में कम से कम एक FPO का गठन जरूर किया जाए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रभु श्रीराम आदिवासियों से, वन्य प्रदेश में रहने वालों से कैसे प्रभावित हुए थे, इसकी कथाएं अनंत हैं। बुंदेलखंड को विकास के एक्सप्रेसवे पर ले जाने वाला बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस क्षेत्र के जन जीवन को बदलने वाला सिद्ध होगा। करीब 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला ये एक्सप्रेसवे यहां रोजगार के कई अवसर लाएगा।
15 करोड़ परिवारों को मिलेगा शुद्ध पानी...
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले पांच वर्ष में देश के लगभग 15 करोड़ परिवारों तक शुद्ध पीने का पानी पहुंचाने के संकल्प के लिए काम तेजी से शुरू हो चुका है। इसमें भी प्राथमिकता आकांक्षी जिलों को दी जा रही है। सरकार ने ये भी तय किया है कि आदिवासी क्षेत्रों और चित्रकूट जैसे देश के 100 से ज्यादा 'आकांक्षी जिलों' में FPOs को अधिक प्रोत्साहन दिया जाए, हर ब्लॉक में कम से कम एक FPO का गठन जरूर किया जाए।
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