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अब तक की वोटिंग रिपोर्ट से बुआ-बबुआ के स्वार्थी साथ में आईं दरारें : मोदी
आतंक से निपटना सपा और बसपा के बस की बात नहीं है। आज 8 लोग चुनाव लड़ रहे
हैं वो कहते हैं कि हम प्रधानमंत्री बनेंगे, 20 सीटों पर लडऩे वाले भी
प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं। ये तो वो लोग हैं जो गली के गुंडे
तक पर लगाम नहीं लगा पाते, आतंकवाद पर क्या लगाम लगाएंगे? कांग्रेस चाहती
है कि भारत के टुकड़े-टुकड़े होने का नारा लगाने वाले, मां भारती को गाली
देने वाले, नक्सलियों को मदद देने वाले, हमारे वीर जवानों को पत्थर मारने
वाले मौज में रहें। और जान हथेली पर रखने वाले हमारे वीर जवान, कोर्ट कचहरी
में केस भुगतते रहें।
ये लोग दिल्ली में सिर्फ इसलिए सरकार बनाना चाहते हैं ताकि उनके परिवारों और उनके करीबियों को फिर से लूट-खसोट करने का लाइसेंस मिल सके। कोई कोयला खाएगा, कोई सेना के साजो-सामान में लूट करेगा। यहां तो ऐसे लोग हैं जो ईंट-पत्थर, बालू-रेत, और यहां तक की टोंटी तक को नहीं छोड़ते। जो लोग मोदी की जाति जानने चाहते हैं, वो लोग सुन लें- मोदी की एक ही जाति है- गरीब। गरीबी से ही निकलकर मैं यहां पहुंचा हूं। गरीबी ही मेरी प्रेरणा रही है।
इन्होंने तो आपकी चीनी मिलों को भी नहीं छोड़ा था। देवरिया की चीनी मिल को औने-पौने दाम पर किसने बेचा था? आपका गन्ना खेत में खड़ा रहा, बहन जी की बसपा ने चीनी मिल के नाम पर खुद करोड़ों का खेल कर दिया। तब तो बबुआ भी बुआ के उस घोटाले की जांच कराने के ऐलान करके गए थे। लेकिन हुआ क्या? बुआ और बबुआ ने आज खुद हाथ मिला लिया है। यही इनकी सच्चाई है। जनता को विकास चाहिए, जीवन आसान हो इसके लिए संसाधन चाहिए। लेकिन दिन रात मोदी हटाओ, मोदी हटाओ, का राग रटने वालों के पास कोई विजन नहीं है।
ये समाज के एक वर्ग को जाति के नाम पर बांटेंगे और दूसरे वर्ग को पंथ के नाम पर डराएंगे। इस बार ये चुनाव मोदी या भाजपा नहीं लड़ रही है बल्कि ये पहला चुनाव मैं देख रहा हूं जो देश की जनता लड़ रही है, देश का गरीब लड़ रहा है। अपने इस सेवक की सरकार को वापस लाने के लिए आज जनता मैदान में उतरी है। अब तक हुई वोटिंग के बाद जो रिपोर्ट आई है, उसके बाद से बुआ और बबुआ के स्वार्थी साथ में दरारें आने लगी हैं।
ये लोग दिल्ली में सिर्फ इसलिए सरकार बनाना चाहते हैं ताकि उनके परिवारों और उनके करीबियों को फिर से लूट-खसोट करने का लाइसेंस मिल सके। कोई कोयला खाएगा, कोई सेना के साजो-सामान में लूट करेगा। यहां तो ऐसे लोग हैं जो ईंट-पत्थर, बालू-रेत, और यहां तक की टोंटी तक को नहीं छोड़ते। जो लोग मोदी की जाति जानने चाहते हैं, वो लोग सुन लें- मोदी की एक ही जाति है- गरीब। गरीबी से ही निकलकर मैं यहां पहुंचा हूं। गरीबी ही मेरी प्रेरणा रही है।
इन्होंने तो आपकी चीनी मिलों को भी नहीं छोड़ा था। देवरिया की चीनी मिल को औने-पौने दाम पर किसने बेचा था? आपका गन्ना खेत में खड़ा रहा, बहन जी की बसपा ने चीनी मिल के नाम पर खुद करोड़ों का खेल कर दिया। तब तो बबुआ भी बुआ के उस घोटाले की जांच कराने के ऐलान करके गए थे। लेकिन हुआ क्या? बुआ और बबुआ ने आज खुद हाथ मिला लिया है। यही इनकी सच्चाई है। जनता को विकास चाहिए, जीवन आसान हो इसके लिए संसाधन चाहिए। लेकिन दिन रात मोदी हटाओ, मोदी हटाओ, का राग रटने वालों के पास कोई विजन नहीं है।
ये समाज के एक वर्ग को जाति के नाम पर बांटेंगे और दूसरे वर्ग को पंथ के नाम पर डराएंगे। इस बार ये चुनाव मोदी या भाजपा नहीं लड़ रही है बल्कि ये पहला चुनाव मैं देख रहा हूं जो देश की जनता लड़ रही है, देश का गरीब लड़ रहा है। अपने इस सेवक की सरकार को वापस लाने के लिए आज जनता मैदान में उतरी है। अब तक हुई वोटिंग के बाद जो रिपोर्ट आई है, उसके बाद से बुआ और बबुआ के स्वार्थी साथ में दरारें आने लगी हैं।
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देवरिया
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