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PM मोदी ने ब्रह्मपुत्र पर बोगीबील पुल का किया उद्धाटन, ये है खास बातें
बोगीबील (असम)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर
बोगीबील में बने देश के सबसे लंबे रेल-सह-सड़क पुल का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री डिब्रूगढ़ के निकट मोहनबाड़ी हवाईअड्डे पर पहुंचे और
हेलीकॉप्टर से बोगीबील के लिए रवाना हुए।
असम के राज्यपाल जगदीश मुखी व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हवाईअड्डे पर मोदी का स्वागत किया।
धेमाजी व डिब्रूगढ़ को जोड़ने वाले पुल का उद्घाटन करते हुए मोदी व उनका काफिला पुल से गुजरा। पुल के मध्य में रुक कर मोदी ने दोनों तरफ खड़े हजारों लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।
पुल को असम व पूर्वोत्तर भारत के लिए लाइफलाइन बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने बीते साढ़े चार सालों में सुशासन के लक्ष्य का अनुसरण किया है।
उन्होंने कहा, "ऐतिहासिक रेल-सह-सड़क पुल का लोकार्पण सुशासन का प्रतीक है। यह पुल इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी का मेल है और इसका विशेष सामरिक महत्व है।"
उन्होंने कहा कि यह पुल असम व अरुणाचल प्रदेश के बीच की दूरी को कम करता है।
मोदी ने कहा, "यह बड़े पैमाने पर क्षेत्र में जीवन को सहज बनाएगा।"
उन्होंने कहा कि यह पुल क्षेत्र के लोगों की पीढ़ियों का सपना था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 60-70 सालों में ब्रह्मपुत्र पर सिर्फ तीन पुल बने जबकि बीते साढ़े चार साल में ही तीन पुल बने हैं।
उन्होंने कहा, "अन्य पांच का काम प्रगति पर है। एक बार पूरा हो जाने पर ये सभी पुल ब्रह्मपुत्र के उत्तरी व दक्षिणी तटों के बीच संपर्क को बढ़ा देंगे।"
उन्होंने कहा कि विकास की गति उत्तर-पूर्व को बदल देगी।
असम के राज्यपाल जगदीश मुखी व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हवाईअड्डे पर मोदी का स्वागत किया।
धेमाजी व डिब्रूगढ़ को जोड़ने वाले पुल का उद्घाटन करते हुए मोदी व उनका काफिला पुल से गुजरा। पुल के मध्य में रुक कर मोदी ने दोनों तरफ खड़े हजारों लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।
पुल को असम व पूर्वोत्तर भारत के लिए लाइफलाइन बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने बीते साढ़े चार सालों में सुशासन के लक्ष्य का अनुसरण किया है।
उन्होंने कहा, "ऐतिहासिक रेल-सह-सड़क पुल का लोकार्पण सुशासन का प्रतीक है। यह पुल इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी का मेल है और इसका विशेष सामरिक महत्व है।"
उन्होंने कहा कि यह पुल असम व अरुणाचल प्रदेश के बीच की दूरी को कम करता है।
मोदी ने कहा, "यह बड़े पैमाने पर क्षेत्र में जीवन को सहज बनाएगा।"
उन्होंने कहा कि यह पुल क्षेत्र के लोगों की पीढ़ियों का सपना था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 60-70 सालों में ब्रह्मपुत्र पर सिर्फ तीन पुल बने जबकि बीते साढ़े चार साल में ही तीन पुल बने हैं।
उन्होंने कहा, "अन्य पांच का काम प्रगति पर है। एक बार पूरा हो जाने पर ये सभी पुल ब्रह्मपुत्र के उत्तरी व दक्षिणी तटों के बीच संपर्क को बढ़ा देंगे।"
उन्होंने कहा कि विकास की गति उत्तर-पूर्व को बदल देगी।
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