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केरल में बाढ़ का कहर : PM मोदी ने किया हवाई सर्वेक्षण, 500 करोड की मदद
तिरुवतंपुरम। भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में आए केरल में हालात का जायजा
लेने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मुख्यमंत्री अधिकारियों
विजयन तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है। पीएम मोदी ने
प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा
लिया। प्रधानमंत्री ने बाढ़ से प्रभावित केरल के लिए 500 करोड रुपए की
तत्काल मदद की घोषणा की है। इसके अलावा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से
मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपए का ऐलान भी किया
है।
तबाही ऐसी है कि जल और जमीन का अंतर ही मिट गया है। शहर समंदर में तब्दील हो चुके हैं। सडक़ों पर नावें दौड़ रही हैं। अलेप्पी इलाके में आईटीबीपी ने बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और जवानों ने सैलाब में फंसे करीब 500 लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद मौत की लहरों के बीच से बाहर निकाला। रस्सी के सहारे लोगों को सही सलामत बेकाबू लहरों के बीच से बाहर निकाला गया।
1,300 कर्मियों, 435 नौकाओं, 20 विमानों, 38 हेलीकॉप्टर तैनात
राहत एवं बचाव कार्यो में सेना, वायुसेना और नौसेना के नेतृत्व में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमों के साथ 1,300 कर्मियों और 435 नौकाओं को तैनात किया गया है। संसाधनों को पहुंचाने के लिए 20 विमानों के अलावा 38 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं।
सेना ने इंजीनियरिंग टास्क फोर्स (ईटीएफ) से जुड़े लगभग 10 टुकड़ियों और 10 टीमों को तैनात किया है, जिसमें करीब 790 कर्मी शामिल हैं। नौसेना ने दो हेलीकॉप्टरों, दो जहाजों के साथ 82 टीमों, 42 तटरक्षक गार्ड तैनात किए हैं।बचाव और राहत कार्यो के लिए अर्धसैनिकबलों की पांच कंपनियों को भी तैनात किया गया है। नौ अगस्त से लेकर अब तक लगभग 7,000 लोगों को बचाया जा चुका है और करीब 900 लोगों को चिकित्सकीय सहायता मुहैया कराई गई है।
12 जिलों में रेडअलर्ट जारी
केरल पर आई कुदरत की सबसे बड़ी तबाही में अब तक 324 लोगों की मौत हो चुकी है। 14 जिलों में से 12 जिलों में रेडअलर्ट जारी किया गया है। कासरगोड़ और तिरुवनंतपुरम जिलों में शुक्रवार को रेडअलर्ट हटा लिया गया है। वहीं, हजारों लोग अभी भी ऊंची इमारतों पर बैठे हैं और बचाए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अकेले एर्नाकुलम और त्रिशूर शिविरों में 50,000 से अधिक लोग फंसे हैं।
तबाही ऐसी है कि जल और जमीन का अंतर ही मिट गया है। शहर समंदर में तब्दील हो चुके हैं। सडक़ों पर नावें दौड़ रही हैं। अलेप्पी इलाके में आईटीबीपी ने बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और जवानों ने सैलाब में फंसे करीब 500 लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद मौत की लहरों के बीच से बाहर निकाला। रस्सी के सहारे लोगों को सही सलामत बेकाबू लहरों के बीच से बाहर निकाला गया।
1,300 कर्मियों, 435 नौकाओं, 20 विमानों, 38 हेलीकॉप्टर तैनात
राहत एवं बचाव कार्यो में सेना, वायुसेना और नौसेना के नेतृत्व में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमों के साथ 1,300 कर्मियों और 435 नौकाओं को तैनात किया गया है। संसाधनों को पहुंचाने के लिए 20 विमानों के अलावा 38 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं।
सेना ने इंजीनियरिंग टास्क फोर्स (ईटीएफ) से जुड़े लगभग 10 टुकड़ियों और 10 टीमों को तैनात किया है, जिसमें करीब 790 कर्मी शामिल हैं। नौसेना ने दो हेलीकॉप्टरों, दो जहाजों के साथ 82 टीमों, 42 तटरक्षक गार्ड तैनात किए हैं।बचाव और राहत कार्यो के लिए अर्धसैनिकबलों की पांच कंपनियों को भी तैनात किया गया है। नौ अगस्त से लेकर अब तक लगभग 7,000 लोगों को बचाया जा चुका है और करीब 900 लोगों को चिकित्सकीय सहायता मुहैया कराई गई है।
12 जिलों में रेडअलर्ट जारी
केरल पर आई कुदरत की सबसे बड़ी तबाही में अब तक 324 लोगों की मौत हो चुकी है। 14 जिलों में से 12 जिलों में रेडअलर्ट जारी किया गया है। कासरगोड़ और तिरुवनंतपुरम जिलों में शुक्रवार को रेडअलर्ट हटा लिया गया है। वहीं, हजारों लोग अभी भी ऊंची इमारतों पर बैठे हैं और बचाए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अकेले एर्नाकुलम और त्रिशूर शिविरों में 50,000 से अधिक लोग फंसे हैं।
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