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मध्यप्रदेश में नेताओं और अपराधियों के गठजोड़ की पोल खोलती तस्वीरें
भोपाल । मध्य प्रदेश के गुना जिले में
शिकारियों के दुस्साहस ने सबके कान खड़े कर दिए हैं, मगर अब जो बातें सामने
आ रही हैं वे और भी चौंकाने वाली हैं।
शिकारियों और पुलिस जवानों के हत्यारों के दोनों ही राजनीतिक दलों भाजपा और
कांग्रेस से कथित तौर पर रिश्ते सामने आ रहे हैं, इसे तस्वीरों के जरिए
सामने लाया जा हैं। यह तस्वीरें किसी और ने नहीं बल्कि राजनेताओं ने ही
जारी की है।
ज्ञात हो कि दो दिन पहले गुना के आरोन के जंगल में काले हिरण और मोर का शिकार करने गए समूह की पुलिस से मुठभेड़ हो गई थी। इस मुठभेड़ में तीन पुलिस जवान शहीद हुए थे, वही एक शिकारी भी मारा गया था। उसके बाद पुलिस की तलाशी अभियान के दौरान मुठभेड़ हुई जिसमें एक और आरोपी को मार गिराया गया। इस घटनाक्रम के बाद सवाल उठ रहे थे कि आखिर आरोपियों का इतना दुस्साहस कैसे हो सकता है कि वह पुलिस पर ही गोली चला दे, यह तभी संभव है जब उसे किसी प्रभावशाली व्यक्ति का संरक्षण हासिल हो। अब यह बात खुलकर सामने भी आने लगी है।
शिकारियों की गोली का निशाना बने पुलिस जवानों के घटनाक्रम के बाद तमाम राजनेता सोशल मीडिया पर तस्वीरें जारी कर एक दूसरे को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। यह तस्वीरें बताती हैं कि इन आरोपियों के कथित तौर पर दोनों ही दलों के राजनेताओं से करीबी रिश्ते रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने कुछ तस्वीरें ट्वीट और रिट्वीट कर लिखा है, "क्या हुआ वी डी शर्मा , गुना हत्याकांड में महाराज के आदमियों के नाम आते ही पूरी भाजपा को सांप क्यों सूंघ गया। बताइये चुनिंदा लोगों की विशेष दावत में ग्रामीण विकास मंत्री के साथ शिकारी क्या कर रहें हैं। साहस है तो मंत्री का इस्तीफा लीजिये और शहीदों के साथ न्याय कीजिये।"
वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डा हितेष वाजपेयी ने ट्वीट के साथ एक तस्वीर (जिसमें जय वर्धन के साथ एक व्यक्ति) साझा करते हुए लिखा है, ये वो लोग नहीं है जिनके माथे पर मध्य प्रदेश के सिपाहियों का रक्त लगा है़? आप दिग्विजय सिंह बताइए कि आपके पुत्र जयवर्धन सिंह गलत राह पर नहीं है?
इससे पहले एक ट्वीट में वाजपेयी ने लिखा, कोई किसी का आदमी नही होता जयवर्धन । आपको तो खुश होना चाहिए कि पुलिस के हत्यारों को बिना किसी पक्षपात के या कांग्रेस की तरह मुस्लिम तुष्टीकरण की राह छोड़कर शिवराज-सरकार ने एलिमिनेट किया। यही सीख आपके 'परिवार' के लिए है। कोशिश करिए परिपक्व बनिए।
कुल मिलाकर देखा जाए तो गुना के हत्याकांड ने उस सच्चाई को भी सामने लाने का काम कर दिया है, जिसे लोग आसानी से स्वीकारने से कतराते रहे है। अब तक जो तस्वीरें सामने आई है वे तो यही बताती है कि आरोपियों के दोनों दलों के नेताओं से करीबी रिश्ते है।
--आईएएनएस
ज्ञात हो कि दो दिन पहले गुना के आरोन के जंगल में काले हिरण और मोर का शिकार करने गए समूह की पुलिस से मुठभेड़ हो गई थी। इस मुठभेड़ में तीन पुलिस जवान शहीद हुए थे, वही एक शिकारी भी मारा गया था। उसके बाद पुलिस की तलाशी अभियान के दौरान मुठभेड़ हुई जिसमें एक और आरोपी को मार गिराया गया। इस घटनाक्रम के बाद सवाल उठ रहे थे कि आखिर आरोपियों का इतना दुस्साहस कैसे हो सकता है कि वह पुलिस पर ही गोली चला दे, यह तभी संभव है जब उसे किसी प्रभावशाली व्यक्ति का संरक्षण हासिल हो। अब यह बात खुलकर सामने भी आने लगी है।
शिकारियों की गोली का निशाना बने पुलिस जवानों के घटनाक्रम के बाद तमाम राजनेता सोशल मीडिया पर तस्वीरें जारी कर एक दूसरे को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। यह तस्वीरें बताती हैं कि इन आरोपियों के कथित तौर पर दोनों ही दलों के राजनेताओं से करीबी रिश्ते रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने कुछ तस्वीरें ट्वीट और रिट्वीट कर लिखा है, "क्या हुआ वी डी शर्मा , गुना हत्याकांड में महाराज के आदमियों के नाम आते ही पूरी भाजपा को सांप क्यों सूंघ गया। बताइये चुनिंदा लोगों की विशेष दावत में ग्रामीण विकास मंत्री के साथ शिकारी क्या कर रहें हैं। साहस है तो मंत्री का इस्तीफा लीजिये और शहीदों के साथ न्याय कीजिये।"
वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डा हितेष वाजपेयी ने ट्वीट के साथ एक तस्वीर (जिसमें जय वर्धन के साथ एक व्यक्ति) साझा करते हुए लिखा है, ये वो लोग नहीं है जिनके माथे पर मध्य प्रदेश के सिपाहियों का रक्त लगा है़? आप दिग्विजय सिंह बताइए कि आपके पुत्र जयवर्धन सिंह गलत राह पर नहीं है?
इससे पहले एक ट्वीट में वाजपेयी ने लिखा, कोई किसी का आदमी नही होता जयवर्धन । आपको तो खुश होना चाहिए कि पुलिस के हत्यारों को बिना किसी पक्षपात के या कांग्रेस की तरह मुस्लिम तुष्टीकरण की राह छोड़कर शिवराज-सरकार ने एलिमिनेट किया। यही सीख आपके 'परिवार' के लिए है। कोशिश करिए परिपक्व बनिए।
कुल मिलाकर देखा जाए तो गुना के हत्याकांड ने उस सच्चाई को भी सामने लाने का काम कर दिया है, जिसे लोग आसानी से स्वीकारने से कतराते रहे है। अब तक जो तस्वीरें सामने आई है वे तो यही बताती है कि आरोपियों के दोनों दलों के नेताओं से करीबी रिश्ते है।
--आईएएनएस
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