Physicians took information about the latest methods in ENT diseases-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Apr 20, 2024 12:31 pm
Location
Advertisement

ईएनटी रोगों में आई नवीनतम विधियों की चिकित्सकों ने ली जानकारी

khaskhabar.com : शनिवार, 30 जुलाई 2022 4:41 PM (IST)
ईएनटी रोगों में आई नवीनतम विधियों की चिकित्सकों ने ली जानकारी
जयपुर । ईएनटी रोगों में आई नवीनतम विधियों के प्रति जागरूता बढ़ाने के लिए सिद्धम ईएनटी हॉस्पिटल और महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में आज से दो दिवसीय स्कल बेस राइड कॉन्फ्रेस का आयोजन मानसरोवर स्थित होटल हयात रिजेंसी में हुआ। कॉन्फ्रेस के ओर्गनइजिंग सेक्रेटरी, डॉ. ऋषभ जैन ने बताया कि कॉन्फ्रेस का विधिवत उद्धघाटन दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया जिसमे डॉ. तरुण ओझा, डॉ. देशबंधु, डॉ. सादिया, डॉ. सी प्रीतम, डॉ. अभिषेक शर्मा शामिल थे। कॉन्फ्रेस में उत्तर प्रदेश, पुंजाब, उड़ीसा, दिल्ली, मध्य प्रदेश और सऊदी अरब से नामचीन चिकित्सक अपने विचार आगन्तुक व ईएनटी चिकित्सकों के साथ साझा कर रहे हैं।

कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होने आगे बताया कि कॉन्फ्रेस के पहले दिन हुए पहले वैज्ञानिक सत्र में बंगलूरू के प्रख्यात चिकित्सक डॉ. सम्पत चंद्र प्रसाद राव ने केडवरिक डायसेक्शन फॉर लेटरल स्कल बेस पर अपने भाषण में बताया कि न्यूनतम इनवेसिव प्रोसिजर्स आईट्रोजेनिक टिश्यू लॉसेज क्षति को कम करती हैं, कम कॉम्पलिकेसी रेट और उच्च रोगी को संतुष्टि प्रदान करती है। उन्होंने इस प्रोसिजर के बारे में अपने प्रेजेन्टशन्स के माध्यम से विस्तार से उपस्थित चिकित्सकों को पूर्ण जानकारी प्रदान भी की।

दूसरे वैज्ञानिक सत्र जानकारी देते हुए ओर्गनइजिंग चेयरमैन, डॉ. तरुण ओझा ने बताया कि पीजीआई चंडीगढ़ से आए डॉ. रमनदीप विर्क ने सीएसएफ रेन्होरिया रिपेयर के बारे में जानकारी दी। इस तरह की बीमारी के इलाज के लिए पहले सर्जरी ही होती थी जो बेहद जोखिम भरी थी। इसमें पहले खोपड़ी की हड्डी (ब्रेन स्कल) में बड़ा सा छेद किया जाता था। जिसके रास्ते दिमाग को ऊपर उठाया जाता था और बाद में क्षतिग्रस्त स्थान पर पहुंच कर सर्जरी की होती थी। दिमाग को ऊपर उठाने के बाद मरीज को अक्सर जहां झटके आने की शिकायत रहती थी वहीं सूंघने की क्षमता भी खत्म हो जाती थी। पर अब इस विधि में काफी सुधार हुआ है जो रोगी के लिए कम जोखिम भरा है जिसमें नाक के रास्ते सेरिब्रो स्पाइनल फ्लूइड का रिसाव रोकने के लिए दूरबीन विधि से सफल आपरेशन किया जाता है।

सत्र के दूसरे वक्ता एसएमएस हॉस्पिटल, जयपुर के डॉ. मोहनीश गोयल ने एण्डोस्कोपिक रेट्रोसिगमोड माइक्रोवास्कूलर डिकम्परेशन फॉर ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के बारे में जानकारी दी। उन्होने बताया कि ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया ट्राइजेमिनल तंत्रिका की एक या अधिक शाखाओं के भीतर अचानक, गंभीर, संक्षिप्त, तीखा और आवर्तक दर्द उठता है। उन्होंने इस चिकित्सा के लिए आई क्रांतिकारी विधियों की विस्तार जानकारी भी दी। बाद में इसका लाइव सर्जरी सेशन भी हुआ। इसी सत्र में एसजीपीजीआई लखनऊ से आए डॉ. रवि शंकर ने लेटरल स्कल बेस एप्रोचेज (केस बेस्ड) का प्रेक्टिल प्रेजेन्टेशन दिया।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar Rajasthan Facebook Page:
Advertisement
Advertisement