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बाबा साहब के बारे में गलत टिप्पणी करने वाले लोग अपने कृत्यों की सजा भुगत रहे - योगी

khaskhabar.com : सोमवार, 06 दिसम्बर 2021 4:47 PM (IST)
बाबा साहब के बारे में गलत टिप्पणी करने वाले लोग अपने कृत्यों की सजा भुगत रहे - योगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकारों में लोग बाबा साहब और संविधान को लेकर टिप्पणी करते थे, आज वह अपनी गलतियों की सजा भुगत रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि संविधान और महापुरुषों का अपमान करने वाले लोग अपने कृत्यों की सजा भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बाबा साहब पर रिसर्च करने वालों को आर्थिक मदद भी दी है। पहले दलितों की जमीन पर कब्जा होता था। अब ऐसा नहीं है, खाली जगह पर उनको पट्टा देने के साथ ही मुफ्त आवास की भी सुविधा दी जा रही है। हमने प्रदेश भर में जहां भी माफिया के कब्जे से अवैध भूमि को खाली कराया है, वहां पर गरीबों के लिए आवास बनाने का काम भी शुरू कर रहे हैं।

योगी ने कहा कि लखनऊ में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की स्मृति में भव्य सांस्कृतिक केन्द्र और स्मारक बन रहा है। यहां बाबा साहब से संबंधित साहित्य उपलब्ध रहेंगे एवं उन पर शोध हेतु स्कॉलरशिप की सुविधा दी जाएगी। यह प्रतिष्ठान 'स्वतंत्रता, समता व बंधुत्व' के लक्ष्य को स्थापित करेगा।

योगी ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने 'स्वतंत्रता, समता व बंधुत्व' को संविधान का आदर्श बनाया। भारत के संविधान ने देश को सम-विषम परिस्थितियों में नई दिशा दी है। कहा कि महान विधिवेत्ता, सामाजिक न्याय के प्रबल पक्षधर, भारत के सर्वसमावेशी संविधान के शिल्पकार, 'भारत रत्न' बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।

योगी ने कहा कि मोदी जी पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने देश में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की भावनाओं के अनुरूप भारत के निर्माण के लिए बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक वर्ग को शासन की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया। बाबा साहब के प्रति यह सम्मान का भाव ही है कि पूरा देश 26 नवंबर की तिथि को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त करने के लिए ''संविधान दिवस' के रूप में मनाता है। संविधान केवल एक पुस्तिका या ग्रन्थ नहीं, बल्कि भारत को क्या चाहिए और अनंतकाल तक भारत को कैसे यह संविधान आगे बढ़ाएगा, उसको उन्होंने केवल तीन शब्दों के आधार पर सब कुछ कह दिया। (आईएएनएस)

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