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सड़क से 7 फुट ऊंचे तारों से बस में दौड़ा करंट, एसई ने बताई ड्राइवर की गलती
पाली। जैतारण में निमाज क्षेत्र के आसरलाई गांव के पास बस में 11 केवी लाइन का करंट आने से 5 यात्री झुलस गए। बिजली के तार सड़क से मात्र सात फुट ऊपर थे। इस हादसे के बाद डिस्कॉम एसई ने गलती बस ड्राइवर की बता दी। कहा कि ड्राइवर बस को कच्चे रास्ते से क्यों लेकर गया। उधर हादसे के बाद झुलसे पांचों को निमाज अस्पताल में लाया गया, जहां से तीन को ब्यावर अस्पताल रेफर किया गया।
शुक्रवार को बूटीवास गांव से वाल्मीकि समाज की बारात आसरलाई गांव रही थी। बस चालक शार्टकट रास्ता देखते हुए बस को बूटीवास से टुकडा होकर आसरलाई ले जा रहा था। आसरलाई गांव की सरहद पर ही सड़क से मात्र सात फीट ऊपर से गुजर रही 11 केवी की लाइन की चपेट में अाने से फूलमाल निवासी महेंद्र पुत्र घनश्याम (20), बूटीवास निवासी सुनील पुत्र मीठूराम (20), धनेरिया निवासी विजेंद्र पुत्र पप्पूराम (17), बूटीवास निवासी राजेश पुत्र रामपाल (25) और पिचियाक बिलाड़ा निवासी गोविंद पुत्र ईश्वरचंद (17) झूलस गए। पांचों को निमाज अस्पताल लाया गया। जहां से सुनील, महेंद्र और विजेंद्र को ब्यावर अस्पताल रेफर किया गया, जबकि दो का इलाज निमाज अस्पताल में चल रहा है। ये पांचों बस की छत पर बैठै थे। करंट के बाद ये नीचे कूद गए। इससे इनकी जान बच गई।
इधर लोगों ने एसई के बयान की निंदा की है। यह बिजली डिस्कॉम की जिम्मेदारी है कि बिजली के तारों को कसा जाए। कभी बड़ा हादसा भी हो सकता है। बस में 53 बाराती सवार थे। गनीमत रही कि बाकी सकुशल रहे। डिस्कॉम को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और तारों को कसा जाना चाहिए।
शुक्रवार को बूटीवास गांव से वाल्मीकि समाज की बारात आसरलाई गांव रही थी। बस चालक शार्टकट रास्ता देखते हुए बस को बूटीवास से टुकडा होकर आसरलाई ले जा रहा था। आसरलाई गांव की सरहद पर ही सड़क से मात्र सात फीट ऊपर से गुजर रही 11 केवी की लाइन की चपेट में अाने से फूलमाल निवासी महेंद्र पुत्र घनश्याम (20), बूटीवास निवासी सुनील पुत्र मीठूराम (20), धनेरिया निवासी विजेंद्र पुत्र पप्पूराम (17), बूटीवास निवासी राजेश पुत्र रामपाल (25) और पिचियाक बिलाड़ा निवासी गोविंद पुत्र ईश्वरचंद (17) झूलस गए। पांचों को निमाज अस्पताल लाया गया। जहां से सुनील, महेंद्र और विजेंद्र को ब्यावर अस्पताल रेफर किया गया, जबकि दो का इलाज निमाज अस्पताल में चल रहा है। ये पांचों बस की छत पर बैठै थे। करंट के बाद ये नीचे कूद गए। इससे इनकी जान बच गई।
इधर लोगों ने एसई के बयान की निंदा की है। यह बिजली डिस्कॉम की जिम्मेदारी है कि बिजली के तारों को कसा जाए। कभी बड़ा हादसा भी हो सकता है। बस में 53 बाराती सवार थे। गनीमत रही कि बाकी सकुशल रहे। डिस्कॉम को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और तारों को कसा जाना चाहिए।
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