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पं.लख्मीचंद विश्वविद्यालय लोक संस्कृति का बेहतर संस्थान बनेगा
सोनीपत। सूर्य कवि पं.लख्मीचंद की याद में
सोनीपत जिले के गांव अटेरना धाम में बनने वाला पं.लख्मीचंद विश्वविद्यालय
युवा पीढ़ी को लोक संस्कृति का ज्ञान कराने का बेहतर संस्थान बनेगा। इस
विश्वविद्यालय में सूर्य कवि से जुड़े काव्य संग्रह के साथ ही युवाओं को
हरियाणवी संस्कृति का ज्ञान दिया जाएगा।
ये विचार हरियाणा के शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि सोमवार को गांव पाहसौर में ‘म्हारी संस्कृति-म्हारा स्वाभिमान’ संस्था की ओर से आयोजित हरियाणवी सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
शर्मा ने कहा कि पं.लख्मीचंद की कविताएं इतिहास का बोध कराने के साथ-साथ एक विश्वास भी हैं। ऐसे महान कवि को हरियाणा ही नहीं साथ लगते राज्यों राजस्थान व उत्तर प्रदेश की जनता भी कभी भुला नहीं सकती। काव्य स्वरूप के साथ जो कविताई पं.लख्मीचंद ने की वह समाज को सार्थक संदेश देने वाली रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार की ओर से ऐसी महान विभूति की स्मृति में समाज को हरियाणवी संस्कृति का ज्ञान कराने के उद्देश्य से पं.लख्मीचंद के नाम से ही विश्वविद्यालय अटेरना धाम में करीब 50 एकड़ में खोलने का निर्णय लिया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों में सत्ता पक्ष की ओर से अपने पूर्वजों के नाम से शिक्षण संस्थानों का नामकरण किया जाता था जबकि हमारी सरकार में देश की महान विभुतियों के नाम से और समाज को नई परिभाषा देने वाले महान शख्सियत के नाम से संस्थानों का नामकरण किया जा रहा है।
क्षेत्रवाद, जातिवाद, परिवारवाद से दूर हटकर वास्तविक पुरोधाओं को ही सरकार की ओर से मान-सम्मान दिया जा रहा है। शिक्षामंत्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में मौजूद लोगों को तथा लोक कलाकारों को भिवानी में 17 जून को आयोजित पं.लख्मीचंद भवन की आधारशिला कार्यक्रम में पहुंचने का निमंत्रण भी दिया। साथ ही म्हारी संस्कृति-म्हारा स्वाभिमान संस्था को इस प्रकार के लोक कार्यक्रम के आयोजन पर बधाई देते हुए उन्हें विश्वास दिलाया कि सरकार की ओर से उन्हें पूरा सहयोग दिया जाएगा। कार्यक्रम में बाढड़ा से विधायक सुखविंद्र मांढी व बहादुरगढ़ से विधायक नरेश कौशिक बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
ये विचार हरियाणा के शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि सोमवार को गांव पाहसौर में ‘म्हारी संस्कृति-म्हारा स्वाभिमान’ संस्था की ओर से आयोजित हरियाणवी सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
शर्मा ने कहा कि पं.लख्मीचंद की कविताएं इतिहास का बोध कराने के साथ-साथ एक विश्वास भी हैं। ऐसे महान कवि को हरियाणा ही नहीं साथ लगते राज्यों राजस्थान व उत्तर प्रदेश की जनता भी कभी भुला नहीं सकती। काव्य स्वरूप के साथ जो कविताई पं.लख्मीचंद ने की वह समाज को सार्थक संदेश देने वाली रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार की ओर से ऐसी महान विभूति की स्मृति में समाज को हरियाणवी संस्कृति का ज्ञान कराने के उद्देश्य से पं.लख्मीचंद के नाम से ही विश्वविद्यालय अटेरना धाम में करीब 50 एकड़ में खोलने का निर्णय लिया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों में सत्ता पक्ष की ओर से अपने पूर्वजों के नाम से शिक्षण संस्थानों का नामकरण किया जाता था जबकि हमारी सरकार में देश की महान विभुतियों के नाम से और समाज को नई परिभाषा देने वाले महान शख्सियत के नाम से संस्थानों का नामकरण किया जा रहा है।
क्षेत्रवाद, जातिवाद, परिवारवाद से दूर हटकर वास्तविक पुरोधाओं को ही सरकार की ओर से मान-सम्मान दिया जा रहा है। शिक्षामंत्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में मौजूद लोगों को तथा लोक कलाकारों को भिवानी में 17 जून को आयोजित पं.लख्मीचंद भवन की आधारशिला कार्यक्रम में पहुंचने का निमंत्रण भी दिया। साथ ही म्हारी संस्कृति-म्हारा स्वाभिमान संस्था को इस प्रकार के लोक कार्यक्रम के आयोजन पर बधाई देते हुए उन्हें विश्वास दिलाया कि सरकार की ओर से उन्हें पूरा सहयोग दिया जाएगा। कार्यक्रम में बाढड़ा से विधायक सुखविंद्र मांढी व बहादुरगढ़ से विधायक नरेश कौशिक बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
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