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18 मामलों में से 5 का मौके पर निपटारा, कहां पर, यहां पढ़ें

khaskhabar.com : शुक्रवार, 02 नवम्बर 2018 7:19 PM (IST)
18 मामलों में से 5 का मौके पर निपटारा, कहां पर, यहां पढ़ें
गुरुग्राम । हरियाणा मानवाधिकार आयोग द्वारा गुरुग्राम में आयोजित अदालत शिविर में सुनवाई के दौरान रखे गए 18 मामलों में से 5 का मौके पर निपटारा किया गया तथा सुनवाई के दौरान दो नए मामले भी आयोग के पास आए।
हरियाणा मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एस. के. मित्तल ने गुरुग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। सम्मेलन में आयोग के दोनों सदस्य, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त)) के. सी. पुरी तथा दीप भाटिया भी मौजूद थे।
न्यायमूर्ति मित्तल ने संवाददाताओं को बताया कि गुरुग्राम जिला के गांव खेड़ा खुर्रमपुर निवासी सुरेश की शिकायत पर गुरुग्राम के जिला समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए गए हैं। सुरेश शत-प्रतिशत दिव्यांग है और उसने समाज कल्याण विभाग से ट्राई साइकिल दिए जाने की मांग की थी। उसे ट्राई साइकिल नहीं मिलने पर उसने हरियाणा मानवाधिकार आयोग में 23 अक्तूबर, 2017 को शिकायत दी थी परंतु उस समय आयोग के सभी सदस्य सेवानिवृत्त होने की वजह से यह शिकायत लंबित रही।
उन्होंने बताया कि आयोग ने 12 जून,2018 को जिला समाज कल्याण अधिकारी को 4 सप्ताह के भीतर सुरेश की शिकायत का निपटारा करने के आदेश दिए थे। लेकिन समाज कल्याण अधिकारी द्वारा भेजा गया जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया क्योंकि उसने जवाब में लिखा था कि विभाग के पास शिकायतकर्ता का कोई आवदेन नहीं आया। इसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी को 7 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से आयोग के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए कहा गया था । बार-बार नोटिस देने पर भी जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा आयोग के सामने पेश नहीं होने पर उसके खिलाफ जमानती वारंट जारी किए गए हैं।
एक सवाल के जवाब में न्यायमूर्ति मित्तल ने बताया कि 23 अपै्रल, 2018 को जब आयोग ने पुन: कार्य करना शुरू किया तो उस समय आयोग के पास 2444 शिकायतें लंबित थी। पिछले 6 महीनों में 1262 नई शिकायतें आई और इस अवधि में आयोग द्वारा 1561 शिकायतों का निपटारा भी किया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में आयोग के पास लगभग 2145 शिकायतें लंबित हैं, इनमें से लगभग 500 शिकायतें गुरुग्राम जिला से हैं। उन्होंने बताया कि प्राप्त शिकायतों में से लगभग 40 प्रतिशत शिकायतें पुलिस के खिलाफ हैं।
एक सवाल के जवाब में न्यायमूर्ति मित्तल ने बताया कि आज रखी गई शिकायतों में गुरुग्राम में झुग्गी झोपड़ी वासियों को पीने का पानी, टायलेट आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाने के मामले भी थे। इनके संबंध में नगर निगम गुरुग्राम तथा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को नोटिस जारी करते हुए उनसे झुग्गी झोपडिय़ों की विस्तृत रिपोर्ट तथा कहां-कहां क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं, आदि की जानकारी मांगी गई है। उन्होंने कहा कि देश में स्वच्छ भारत अभियान चलने के बाद खुले में शौच कोई नहीं जाना चाहता लेकिन उनको टायलेट की सुविधा उपलब्ध करवाना जरूरी है।
एक सवाल के जवाब में न्यायमूूर्ति मित्तल ने बताया कि गुरुग्राम में आयोग की एक बैंच स्थापित करने पर सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है। उन्होंने कहा कि शिकायतों की संख्या के हिसाब से यहां पर महीने में दो या तीन बार कोर्ट लगाने का निर्णय लिया जाएगा। एक अन्य सवाल के जवाब में न्यायमूर्ति मित्तल ने बताया कि आयोग अपने आप भी मानवाधिकार हनन की शिकायतों का संज्ञान ले सकता है।

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