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'गाय' को लेकर मोदी की टिप्पणी पर विपक्ष का पलटवार
मथुरा/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को मथुरा में गाय को लेकर दिए एक बयान पर विपक्ष ने पलटवार किया है।
मोदी ने मथुरा में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि ओम और गाय जैसे शब्द देश को वापस 16वीं सदी में लेकर चले गए।
इस पर विपक्षी दलों ने कहा कि मोदी को गाय के नाम पर होने वाली हत्याएं और आर्थिक सुस्ती को लेकर अधिक चिंता करनी चाहिए।
मोदी ने कहा, "यह दुर्भाग्य है कि कुछ लोगों के कान पर अगर ओम और गाय शब्द पड़ते हैं तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं। उनको लगता है कि देश 16वीं शताब्दी में चला गया।"
इससे पहले उनको यहां एक गाय को प्यार से थपथपाते और बछड़े को प्यार करते देखा गया। यह वीडियो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए केंद्र के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और समस्त हिंदी भाषी क्षेत्र में काफी महत्व रखता है कि गाय सिर्फ एक पशु नहीं है।
पशुओं में पैर और मुंह का रोग (एफएमडी) और ब्रूसीलोसिस का उन्मूलन करने के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) आरंभ करते समय मोदी ने इस रोग को नजरंदाज करने को लेकर पूर्व की सरकारों पर तंज कसा।
मोदी साफतौर से हिंदी भाषी इस क्षेत्र के मतदाताओं को खुश कर रहे थे, क्योंकि इस क्षेत्र के लोग गाय की पूजा करते हैं। वहां योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे, जिनकी गोरखपुर में एक बड़ी गोशाला है।
मोदी ने कहा, "देश को बर्बाद करने वालों ने देश को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।" उन्होंने यह बात विपक्ष के संदर्भ में कही।
प्रधानमंत्री का यह बयान जल्द ही राजनीतिक विवाद का रूप ले लिया और आईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इसमें कूद पड़े।
उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी के कान तब खड़े हो जाने चाहिए जब गाय के नाम पर इंसानों को मारा जाता रहा है और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।"
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने ट्विटर के जरिए कहा, "ओम और गाय, इन शब्दों से किसी को आपत्ति नहीं है मोदीजी, लेकिन देश का दुर्भाग्य है कि कुछ लोगों के कान पर अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी शब्द पड़ता है तो वे खामोश पड़ जाते हैं। उन लोगों का क्या करें मोदीजी?"
--आईएएनएस
मोदी ने मथुरा में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि ओम और गाय जैसे शब्द देश को वापस 16वीं सदी में लेकर चले गए।
इस पर विपक्षी दलों ने कहा कि मोदी को गाय के नाम पर होने वाली हत्याएं और आर्थिक सुस्ती को लेकर अधिक चिंता करनी चाहिए।
मोदी ने कहा, "यह दुर्भाग्य है कि कुछ लोगों के कान पर अगर ओम और गाय शब्द पड़ते हैं तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं। उनको लगता है कि देश 16वीं शताब्दी में चला गया।"
इससे पहले उनको यहां एक गाय को प्यार से थपथपाते और बछड़े को प्यार करते देखा गया। यह वीडियो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए केंद्र के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और समस्त हिंदी भाषी क्षेत्र में काफी महत्व रखता है कि गाय सिर्फ एक पशु नहीं है।
पशुओं में पैर और मुंह का रोग (एफएमडी) और ब्रूसीलोसिस का उन्मूलन करने के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) आरंभ करते समय मोदी ने इस रोग को नजरंदाज करने को लेकर पूर्व की सरकारों पर तंज कसा।
मोदी साफतौर से हिंदी भाषी इस क्षेत्र के मतदाताओं को खुश कर रहे थे, क्योंकि इस क्षेत्र के लोग गाय की पूजा करते हैं। वहां योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे, जिनकी गोरखपुर में एक बड़ी गोशाला है।
मोदी ने कहा, "देश को बर्बाद करने वालों ने देश को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।" उन्होंने यह बात विपक्ष के संदर्भ में कही।
प्रधानमंत्री का यह बयान जल्द ही राजनीतिक विवाद का रूप ले लिया और आईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इसमें कूद पड़े।
उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी के कान तब खड़े हो जाने चाहिए जब गाय के नाम पर इंसानों को मारा जाता रहा है और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।"
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने ट्विटर के जरिए कहा, "ओम और गाय, इन शब्दों से किसी को आपत्ति नहीं है मोदीजी, लेकिन देश का दुर्भाग्य है कि कुछ लोगों के कान पर अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी शब्द पड़ता है तो वे खामोश पड़ जाते हैं। उन लोगों का क्या करें मोदीजी?"
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