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नोएडा में ऑनलाइन सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, 2 महिलाओं को छुड़ाया गया
नोएडा। नोएडा पुलिस ने ऑनलाइन बुकिंग के जरिए चलाए जा रहे एक सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है और इस सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान गाजियाबाद निवासी राजेश के रूप में हुई है, जिसे नोएडा के सेक्टर 23 स्थित एक गेस्ट हाउस के पास से गिरफ्तार किया गया।
अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तारी के अलावा पुलिस ने दो महिलाओं को भी छुड़ाया है, जिन्हें जबरन सेक्स वर्क कराया गया था।
राजेश को भारतीय दंड संहिता की धारा 370 ए (2) और अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम की धारा 3, 4 और 5 के तहत गिरफ्तार किया गया था।
आईपीसी की धारा 370 ए (2) के अनुसार, जो कोई भी जानबूझकर या यह मानने का कारण है कि किसी व्यक्ति की तस्करी की गई है, ऐसे व्यक्ति को किसी भी तरह से यौन शोषण के लिए संलग्न करता है, उसे एक अवधि के लिए कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा।
पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह अपने ग्राहकों से इंटरनेट और व्हाट्सएप के जरिए संपर्क करता था।
जब डील फाइनल होती थी तो आरोपी महिलाओं को शहर के अलग-अलग घरों, होटलों, गेस्ट हाउसों में भेज देते थे और रोजाना मोटी रकम वसूल करते थे।
अधिकारी ने कहा, "दोनों महिलाओं को अब सखी : वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) भेज दिया गया है।"
ओएससी का उद्देश्य हिंसा से प्रभावित महिलाओं को निजी और सार्वजनिक स्थानों पर, परिवार के भीतर, समुदाय के भीतर और कार्यस्थल पर सहायता करना है।
उम्र, वर्ग, जाति, शिक्षा की स्थिति, वैवाहिक स्थिति, जाति और संस्कृति के बावजूद शारीरिक, यौन, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक शोषण का सामना करने वाली महिलाओं को सहायता और निवारण के साथ सुविधा प्रदान की जाएगी।
--आईएएनएस
अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तारी के अलावा पुलिस ने दो महिलाओं को भी छुड़ाया है, जिन्हें जबरन सेक्स वर्क कराया गया था।
राजेश को भारतीय दंड संहिता की धारा 370 ए (2) और अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम की धारा 3, 4 और 5 के तहत गिरफ्तार किया गया था।
आईपीसी की धारा 370 ए (2) के अनुसार, जो कोई भी जानबूझकर या यह मानने का कारण है कि किसी व्यक्ति की तस्करी की गई है, ऐसे व्यक्ति को किसी भी तरह से यौन शोषण के लिए संलग्न करता है, उसे एक अवधि के लिए कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा।
पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह अपने ग्राहकों से इंटरनेट और व्हाट्सएप के जरिए संपर्क करता था।
जब डील फाइनल होती थी तो आरोपी महिलाओं को शहर के अलग-अलग घरों, होटलों, गेस्ट हाउसों में भेज देते थे और रोजाना मोटी रकम वसूल करते थे।
अधिकारी ने कहा, "दोनों महिलाओं को अब सखी : वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) भेज दिया गया है।"
ओएससी का उद्देश्य हिंसा से प्रभावित महिलाओं को निजी और सार्वजनिक स्थानों पर, परिवार के भीतर, समुदाय के भीतर और कार्यस्थल पर सहायता करना है।
उम्र, वर्ग, जाति, शिक्षा की स्थिति, वैवाहिक स्थिति, जाति और संस्कृति के बावजूद शारीरिक, यौन, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक शोषण का सामना करने वाली महिलाओं को सहायता और निवारण के साथ सुविधा प्रदान की जाएगी।
--आईएएनएस
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