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अब शिक्षकों को स्कूली बच्चों से छेड़छाड़ महंगी
धर्मशाला। हिमाचल के स्कूलों में शिक्षकों द्वारा छेड़छाड़ के मामलों में बढ़ोतरी के बाद प्रदेश सरकार भी सख्त हो गई है। अब शिक्षकों को स्कूली बच्चों से छेड़छाड़ महंगी पड़ेगी। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि ऐसे मामलों में संविधान के अनुच्छेद 3(11) के तहत नौकरी से बर्खास्त करने के लिए सरकार शिक्षकों के भर्ती व पदोन्नति नियमों में संशोधन करेगी। सुरेश भारद्वाज बुधवार विधानसभा में प्रश्नकाल के तुरंत बाद विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री द्वारा हरोली में एक शास्त्री शिक्षक द्वारा 13 छात्राओं से छेड़छाड़ का मामला उठाए जाने के मुद्दे पर जवाब दे रहे थे।
भारद्वाज ने कहा कि हरोली के आरोपी शास्त्री शिक्षक को मामला सामने आते ही तुरंत निलंबित कर दिया है और उसका मुख्यालय भी ऊना जिला से बाहर फिक्स किया गया है। उन्होंने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर के चुनाव क्षेत्र में भी स्कूली बच्चों को जातीय आधार पर अलग-अलग बिठाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में उपनिदेशक मंडी से आज ही रिपोर्ट तलब की गई है और रिपोर्ट आते ही इस मामले में आज ही कार्रवाई होगी।
शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों में खासकर छात्राओं के साथ छे़ड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई और कहा कि इसमें कुछ ऐसे शिक्षक भी शामिल पाए गए हैं, जिन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार तक मिले हैं। उन्होंने विधायकों से भी अपील की कि वे ऐसे दागी शिक्षकों की सिफारिश न करें। उऩ्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए लोगों का जागरूक होना भी जरूरी है।
इससे पूर्व नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने स्कूली बच्चियों से छेड़छाड़ का मामला उठाते हुए स्कूलों में इस तरह की बढ़ रही प्रवृत्ति चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा का मंदिर है और लोग बड़ी उम्मीदों से बच्चों को स्कूल भेजते हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार को इस तरह की घटनाओं में शामिल शिक्षकों को नौकरी से तुरंत बर्खास्त करने के लिए नीतिगत फैसला लेना चाहिए। उन्होंने ऐसे शिक्षकों का मुख्यालय भी मौजूदा स्थान से सैकड़ों किमी दूर करने सुझाव दिया, ताकि इन्हें कुछ सबक मिले। उन्होंने सरकार से हरोली मामले में त्वरित कार्रवाई की भी मांग की।
भारद्वाज ने कहा कि हरोली के आरोपी शास्त्री शिक्षक को मामला सामने आते ही तुरंत निलंबित कर दिया है और उसका मुख्यालय भी ऊना जिला से बाहर फिक्स किया गया है। उन्होंने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर के चुनाव क्षेत्र में भी स्कूली बच्चों को जातीय आधार पर अलग-अलग बिठाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में उपनिदेशक मंडी से आज ही रिपोर्ट तलब की गई है और रिपोर्ट आते ही इस मामले में आज ही कार्रवाई होगी।
शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों में खासकर छात्राओं के साथ छे़ड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई और कहा कि इसमें कुछ ऐसे शिक्षक भी शामिल पाए गए हैं, जिन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार तक मिले हैं। उन्होंने विधायकों से भी अपील की कि वे ऐसे दागी शिक्षकों की सिफारिश न करें। उऩ्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए लोगों का जागरूक होना भी जरूरी है।
इससे पूर्व नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने स्कूली बच्चियों से छेड़छाड़ का मामला उठाते हुए स्कूलों में इस तरह की बढ़ रही प्रवृत्ति चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा का मंदिर है और लोग बड़ी उम्मीदों से बच्चों को स्कूल भेजते हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार को इस तरह की घटनाओं में शामिल शिक्षकों को नौकरी से तुरंत बर्खास्त करने के लिए नीतिगत फैसला लेना चाहिए। उन्होंने ऐसे शिक्षकों का मुख्यालय भी मौजूदा स्थान से सैकड़ों किमी दूर करने सुझाव दिया, ताकि इन्हें कुछ सबक मिले। उन्होंने सरकार से हरोली मामले में त्वरित कार्रवाई की भी मांग की।
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