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रांची : मिशनरी ऑफ चैरिटी में 280 नवजात शिशुओं के रिकार्ड गायब

रांची। निसंतान दंपतियों को नवजात शिशुओं की बिक्री करने का आरोप झेल रही संस्था, मिशनरी ऑफ चैरिटी यहां अपने कई होम्स से 280 महिलाओं द्वारा जन्म दिए गए नवजात शिशुओं के रिकार्ड मुहैया कराने में विफल रही है। पुलिस सूत्रों ने शनिवार को कहा कि यहां संत टेरेसा द्वारा स्थापित कई होम्स में वर्ष 2015 से 2018 के बीच 450 गर्भवती महिलाओं को भर्ती कराया गया था, लेकिन यहां से केवल 170 नवजात शिशुओं का रिकार्ड मिला और बाकी 280 शिशुओं के बारे में कोई सूचना नहीं मिली।
मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, ‘‘हम निसंतान दंपतियों को शिशुओं को बेचे जाने समेत सभी कोणों से मामले की जांच कर रहे हैं। हमने गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के रिकार्ड खंगाले हैं। रिकार्ड में कुछ अनियमितताएं हैं।’’ यह मामला तब सामने आया, जब मई में चैरिटी से एक नवजात शिशु को गोद लिए एक दंपति ने शिकायत दर्ज कराई कि उन्होंने शिशु के जन्म और चिकित्सा देखभाल के लिए 1.20 लाख रुपये चुकाए थे, लेकिन चैरिटी ने यह आश्वासन देकर उनसे बच्चा वापस ले लिया कि अदालत की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बच्चा लौटा दिया जाएगा।
बच्चा वापस लेने में अक्षम रहने पर दंपति ने इसकी शिकायत चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी को कर दी। पुलिस के अनुसार, यह मानव तस्करी से संबंधित मामला है और वे इसकी जड़ों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।
मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, ‘‘हम निसंतान दंपतियों को शिशुओं को बेचे जाने समेत सभी कोणों से मामले की जांच कर रहे हैं। हमने गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के रिकार्ड खंगाले हैं। रिकार्ड में कुछ अनियमितताएं हैं।’’ यह मामला तब सामने आया, जब मई में चैरिटी से एक नवजात शिशु को गोद लिए एक दंपति ने शिकायत दर्ज कराई कि उन्होंने शिशु के जन्म और चिकित्सा देखभाल के लिए 1.20 लाख रुपये चुकाए थे, लेकिन चैरिटी ने यह आश्वासन देकर उनसे बच्चा वापस ले लिया कि अदालत की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बच्चा लौटा दिया जाएगा।
बच्चा वापस लेने में अक्षम रहने पर दंपति ने इसकी शिकायत चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी को कर दी। पुलिस के अनुसार, यह मानव तस्करी से संबंधित मामला है और वे इसकी जड़ों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।
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