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नागौर जिले में आमजन को नहरी पानी उपलब्ध कराने के प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी -जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री
जयपुर। प्रदेश के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि नागौर जिले में नहर से पेयजल आपूर्ति करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि अलग-अलग पैकेजों के जरिए विभाग आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है।
गोयल प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रथम पैकेज में नोखा-दैया-बीकानेर से नागौर तक पेयजल परिवहन के लिए आधारभूत संरचना कायोर्ं का कार्यादेश 331.64 करोड़ रुपए का वर्ष 2007 में जारी किया गया था, जिसे जनवरी 2012 में पूर्ण कर लिया गया। द्वितीय पैकेज नागौर एवं बासनी गांव तथा नागौर एवं खींवसर क्षेत्र में 167 गांवों को पेयजल उपलब्ध का कार्यादेश मई 2011 में 156.88 करोड़ रुपए का जारी किया गया। इसमें से 128 करोड़ रुपए खर्च कर इसे जून 2016 में पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस पैकेज से नागौर तहसील के 79 और खींवसर तहसील के 87 गांव यानी कुल 166 गांव और नागौर और बासनी कस्बे को नहरी पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मूंडवा शहर की 2001 की आबादी 16 हजार 17 है तथा वर्तमान में 20 हजार है, जिसके अनुसार वर्तमान में 20 लाख लीटर प्रतिदिन की मांग की आपूर्ति पुराने सिस्टम में माह मई, 2016 से लगातार की जा रही है। नए सिस्टम के तहत दो उच्च जलाशय को पंपहाउस से जोड़ने एवं पुराने वितरण सिस्टम से जोड़ने को कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि दिसंबर, 2017 तक नए सिस्टम से मूंडवा शहर को जोड़कर पेयजल उपलब्ध कराया जा सकेगा।
गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अक्टूबर 2015 में नागौर प्रवास में दिए गए निर्देशों की पालना में विभाग ने वृहद परियोजनाओं से ढाणियों को जोड़ने के लिए एक पॉलिसी बनाई, जिसके अंतर्गत 100 से अधिक आबादी वाली ढाणियों तथा पाइपलाइन अलाइनमेंट में 300 मीटर की दूरी पर 50 से 100 आबादी वाली ढाणियों को लाभान्वित किया जाना प्रस्तावित है। इस नीति के अनुरूप नागौर जिले में वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार कुल 1480 गांव की 3758 ढाणियां आती है उनमें से प्रथम चरण के अंतर्गत 1259 ढाणियां तथा द्वितीय चरण के अंतर्गत 1730 ढाणियां कुल 2989 ढाणियां नीति अनुरूप लाभान्वित किए जाने की श्रेणी में आती हैं।
उन्होंने कहा कि जायका पोषित द्वितीय चरण के पैकेज परबतसर, मकराना, डीडवाना एवं डेगाना के अंतर्गत 1063 गांवों को सम्मिलित कर लिया गया है एवं क्लस्टर कायोर्ं के साथ ही ढाणियों को लाभान्वित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि फेज प्रथम के तीन पैकेज खींवसर, मूंडवा, कुचेरा एवं मेड़ता तथा फेज द्वितीय के प्रगतिरत लाडनूं एवं कुचामन के अंतर्गत नीति अनुरूप आने वाली ढाणियाें का सर्वेक्षण एवं पैकेज बनाने के लिए लगभग 84 लाख रुपए व्यय करने की सैद्धांंितक अनुमति वित्त विभाग द्वारा जारी की गई है एवं इस कार्य के लिए टीओआर बनाने का कार्य प्रक्रियाधीन है। सर्वेक्षण के बाद डीपीआर के प्रावधानों एवं बजट उपलब्धता के आधार पर आगामी वर्ष में कार्य करवाया जाना प्रस्तावित है।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने बताया कि नागौर में गुणवत्ता युक्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए फ्लोरोसिस निराकरण कार्यक्रम जायका द्वारा वित्त पोषित है। इसके द्वारा फ्लोरोसिस बीमारी का परियोजना के क्षेत्र के 986 गांव और 7 कस्बों का सर्वे कराकर एक विस्तृत डाटाबेस तैयार करना है। इसके लिए आशा सहयोगिनी और महिला कार्यकर्ताओं की मदद ली जा रही है। उन्होंने बताया कि ये सभी कार्य एनजीओ द्वारा 40 माह की अवधि में पूर्ण किए जाने हैं, जिस पर 40 करोड़ रुपए व्यय होने प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि सभी कार्य समय पर पूर्ण होने हैं।
गोयल ने कहा कि परबतसर-मकराना-डेगाना में निविदा की कार्यवाही प्रारंभ कर दी है, आगामी 33 माह में यहां पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि कुचामन और लाडनूं को मार्च 2018 तक पानी पहुंचा दिया जाएगा और अक्टूबर से आमजन को पेयजल आपूर्ति की जा सकेगी।
इससे पहले विधायक हबीबुर्ररहमान अशरफी लाम्बा के मूल प्रश्न के उत्तर में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने बताया कि नागौर लिफ्ट परियोजना के माध्यम से नागौर जिले को इंदिरा गांधी नहर का जल उपलब्ध कराने की परियोजना निम्नानुसार दो चरणों में क्रियान्वित की जा रही है। उन्होनें बताया कि नागौर लिफ्ट कैनाल परियोजना के प्रथम चरण की मूल योजना एवं संशोधित योजना की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति क्रमशः माह अगस्त, 2006 एवं अप्रेल, 2016 में 761.01 करोड़ रुपए एवं 1194.26 करोड़ रुपए की राशि जारी हुई थी। परियोजना के प्रथम चरण में नागौर, खींवसर, मेड़ता एवं डेगाना तहसील के 494 गांव एवं 5 कस्बोंं को लाभान्वित करना प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि नागौर लिफ्ट कैनाल की द्वितीय चरण की परियोजना में नागौर जिले के 7 कस्बों एवं 986 ग्रामों के लिए 24 अगस्त 2012 को 2938.00 करोड़ रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी हुई थी। उन्होंने परियोजना के उक्त दोनों चरणों की माह सितम्बर, 2017 तक की प्रगति का वांछित विवरण सदन के पटल पर रखा।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने बताया कि नागौर लिफ्ट कैनाल वृहद् पेयजल परियोजना के प्रथम एवं द्वितीय चरण में सम्मिलित विभिन्न पैकेजों के कार्य संबंधित अनुबंधक फमोर्ं द्वारा धीमी गति से करने एवं तय समय सीमा में पूर्ण नहीं करने पर विभाग द्वारा अनुबंध की शतोर्ं के अनुसार फमोर्ं की क्षतिपूर्ति राशि रोक ली गई है। उन्होंने इसका वांछित पूर्ण विवरण सदन की मेज पर रखा।
उन्होंने बताया कि नागौर लिफ्ट कैनाल की द्वितीय चरण की उक्त स्वीकृत परियोजना के अंतर्गत फ्लोरोसिस नियंत्रण कार्यक्रम के 10वें पैकेज के लिए विभागीय तकनीकी समिति की 637वीं बैठक 07 अप्रेल 2016 द्वारा 43.00 करोड़ रुपए की राशि संशोधित तकनीकी स्वीकृति जारी की गई थी।
उन्होंने कहा कि फ्लोरोसिस नियंत्रण कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए गैर सरकारी संगठन श्री परमात्मा चन्दर भण्डाकरी चैरिटेबल ट्रस्ट (लीड पार्टनर), जोधपुर, स्टूडेन्ट्स रिलीफ सोसायटी, जयपुर एवं जयपुर सेवा फाउंडेशन, जयपुर के जॉइंट वेन्चर को 19 सितंबर 2016 को 40.09 करोड़ रुपए की राशि का कार्यादेश जारी किया गया। उन्होंने उक्त कार्यादेश के तहत अब तक सम्पादित किए गए कार्यों को विवरण सदन की मेज पर रखा। उक्त कार्यक्रम के अंतर्गत माह सितम्बर, 2017 तक 38.48 लाख रुपए की राशि व्यय हुई है ।
गोयल प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रथम पैकेज में नोखा-दैया-बीकानेर से नागौर तक पेयजल परिवहन के लिए आधारभूत संरचना कायोर्ं का कार्यादेश 331.64 करोड़ रुपए का वर्ष 2007 में जारी किया गया था, जिसे जनवरी 2012 में पूर्ण कर लिया गया। द्वितीय पैकेज नागौर एवं बासनी गांव तथा नागौर एवं खींवसर क्षेत्र में 167 गांवों को पेयजल उपलब्ध का कार्यादेश मई 2011 में 156.88 करोड़ रुपए का जारी किया गया। इसमें से 128 करोड़ रुपए खर्च कर इसे जून 2016 में पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस पैकेज से नागौर तहसील के 79 और खींवसर तहसील के 87 गांव यानी कुल 166 गांव और नागौर और बासनी कस्बे को नहरी पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मूंडवा शहर की 2001 की आबादी 16 हजार 17 है तथा वर्तमान में 20 हजार है, जिसके अनुसार वर्तमान में 20 लाख लीटर प्रतिदिन की मांग की आपूर्ति पुराने सिस्टम में माह मई, 2016 से लगातार की जा रही है। नए सिस्टम के तहत दो उच्च जलाशय को पंपहाउस से जोड़ने एवं पुराने वितरण सिस्टम से जोड़ने को कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि दिसंबर, 2017 तक नए सिस्टम से मूंडवा शहर को जोड़कर पेयजल उपलब्ध कराया जा सकेगा।
गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अक्टूबर 2015 में नागौर प्रवास में दिए गए निर्देशों की पालना में विभाग ने वृहद परियोजनाओं से ढाणियों को जोड़ने के लिए एक पॉलिसी बनाई, जिसके अंतर्गत 100 से अधिक आबादी वाली ढाणियों तथा पाइपलाइन अलाइनमेंट में 300 मीटर की दूरी पर 50 से 100 आबादी वाली ढाणियों को लाभान्वित किया जाना प्रस्तावित है। इस नीति के अनुरूप नागौर जिले में वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार कुल 1480 गांव की 3758 ढाणियां आती है उनमें से प्रथम चरण के अंतर्गत 1259 ढाणियां तथा द्वितीय चरण के अंतर्गत 1730 ढाणियां कुल 2989 ढाणियां नीति अनुरूप लाभान्वित किए जाने की श्रेणी में आती हैं।
उन्होंने कहा कि जायका पोषित द्वितीय चरण के पैकेज परबतसर, मकराना, डीडवाना एवं डेगाना के अंतर्गत 1063 गांवों को सम्मिलित कर लिया गया है एवं क्लस्टर कायोर्ं के साथ ही ढाणियों को लाभान्वित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि फेज प्रथम के तीन पैकेज खींवसर, मूंडवा, कुचेरा एवं मेड़ता तथा फेज द्वितीय के प्रगतिरत लाडनूं एवं कुचामन के अंतर्गत नीति अनुरूप आने वाली ढाणियाें का सर्वेक्षण एवं पैकेज बनाने के लिए लगभग 84 लाख रुपए व्यय करने की सैद्धांंितक अनुमति वित्त विभाग द्वारा जारी की गई है एवं इस कार्य के लिए टीओआर बनाने का कार्य प्रक्रियाधीन है। सर्वेक्षण के बाद डीपीआर के प्रावधानों एवं बजट उपलब्धता के आधार पर आगामी वर्ष में कार्य करवाया जाना प्रस्तावित है।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने बताया कि नागौर में गुणवत्ता युक्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए फ्लोरोसिस निराकरण कार्यक्रम जायका द्वारा वित्त पोषित है। इसके द्वारा फ्लोरोसिस बीमारी का परियोजना के क्षेत्र के 986 गांव और 7 कस्बों का सर्वे कराकर एक विस्तृत डाटाबेस तैयार करना है। इसके लिए आशा सहयोगिनी और महिला कार्यकर्ताओं की मदद ली जा रही है। उन्होंने बताया कि ये सभी कार्य एनजीओ द्वारा 40 माह की अवधि में पूर्ण किए जाने हैं, जिस पर 40 करोड़ रुपए व्यय होने प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि सभी कार्य समय पर पूर्ण होने हैं।
गोयल ने कहा कि परबतसर-मकराना-डेगाना में निविदा की कार्यवाही प्रारंभ कर दी है, आगामी 33 माह में यहां पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि कुचामन और लाडनूं को मार्च 2018 तक पानी पहुंचा दिया जाएगा और अक्टूबर से आमजन को पेयजल आपूर्ति की जा सकेगी।
इससे पहले विधायक हबीबुर्ररहमान अशरफी लाम्बा के मूल प्रश्न के उत्तर में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने बताया कि नागौर लिफ्ट परियोजना के माध्यम से नागौर जिले को इंदिरा गांधी नहर का जल उपलब्ध कराने की परियोजना निम्नानुसार दो चरणों में क्रियान्वित की जा रही है। उन्होनें बताया कि नागौर लिफ्ट कैनाल परियोजना के प्रथम चरण की मूल योजना एवं संशोधित योजना की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति क्रमशः माह अगस्त, 2006 एवं अप्रेल, 2016 में 761.01 करोड़ रुपए एवं 1194.26 करोड़ रुपए की राशि जारी हुई थी। परियोजना के प्रथम चरण में नागौर, खींवसर, मेड़ता एवं डेगाना तहसील के 494 गांव एवं 5 कस्बोंं को लाभान्वित करना प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि नागौर लिफ्ट कैनाल की द्वितीय चरण की परियोजना में नागौर जिले के 7 कस्बों एवं 986 ग्रामों के लिए 24 अगस्त 2012 को 2938.00 करोड़ रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी हुई थी। उन्होंने परियोजना के उक्त दोनों चरणों की माह सितम्बर, 2017 तक की प्रगति का वांछित विवरण सदन के पटल पर रखा।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने बताया कि नागौर लिफ्ट कैनाल वृहद् पेयजल परियोजना के प्रथम एवं द्वितीय चरण में सम्मिलित विभिन्न पैकेजों के कार्य संबंधित अनुबंधक फमोर्ं द्वारा धीमी गति से करने एवं तय समय सीमा में पूर्ण नहीं करने पर विभाग द्वारा अनुबंध की शतोर्ं के अनुसार फमोर्ं की क्षतिपूर्ति राशि रोक ली गई है। उन्होंने इसका वांछित पूर्ण विवरण सदन की मेज पर रखा।
उन्होंने बताया कि नागौर लिफ्ट कैनाल की द्वितीय चरण की उक्त स्वीकृत परियोजना के अंतर्गत फ्लोरोसिस नियंत्रण कार्यक्रम के 10वें पैकेज के लिए विभागीय तकनीकी समिति की 637वीं बैठक 07 अप्रेल 2016 द्वारा 43.00 करोड़ रुपए की राशि संशोधित तकनीकी स्वीकृति जारी की गई थी।
उन्होंने कहा कि फ्लोरोसिस नियंत्रण कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए गैर सरकारी संगठन श्री परमात्मा चन्दर भण्डाकरी चैरिटेबल ट्रस्ट (लीड पार्टनर), जोधपुर, स्टूडेन्ट्स रिलीफ सोसायटी, जयपुर एवं जयपुर सेवा फाउंडेशन, जयपुर के जॉइंट वेन्चर को 19 सितंबर 2016 को 40.09 करोड़ रुपए की राशि का कार्यादेश जारी किया गया। उन्होंने उक्त कार्यादेश के तहत अब तक सम्पादित किए गए कार्यों को विवरण सदन की मेज पर रखा। उक्त कार्यक्रम के अंतर्गत माह सितम्बर, 2017 तक 38.48 लाख रुपए की राशि व्यय हुई है ।
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