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ब्याज दर कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को दें बैंक : नीति आयोग
नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने शुक्रवार को कहा कि बैंक अब ब्याज दरों में कटौती का फायदा उपभोक्ताओं और उद्योग को प्रदान करने की स्थिति में हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सात फरवरी को रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की थी। रेपो रेट ब्याज की वह दर है जिसपर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण मुहैया करता है।
इसके बाद अब तक सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक ने ब्याज दर में महज पांच आधार अंक की कटौती की है।
कुमार ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘साख वृद्धि आकर्षक बन गई है और आगे इसमें और इजाफा होगा, इसलिए बैंक ब्याज दर कटौती का फायदा हस्तांतरित करने की स्थिति में हैं।’’
उन्होंने कहा कि सरकार को बैंकिंग क्षेत्र में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) से जूझना पड़ा।
कुमार ने कहा, ‘‘हमें विरासत में बैंकिंग क्षेत्र में 10.5 लाख करोड़ का एनपीए मिला। लेकिन अब वह संघर्ष समाप्त होता प्रतीत होता है और बैंकिंग क्षेत्र से फिर संकेत मिल रहा है कि ब्याज दर कटौती का हस्तांतरण अर्थव्यवस्था की संवृद्धि के लिए किया जाएगा।’’
कार्यक्रम में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के प्रबंध निदेशक व सीईओ सुनील मेहता ने कहा, ‘‘जमा दर हमारे वित्तपोषण के स्रोत हैं। वित्तपोषण कम होने की सूरत में हम अपने ग्राहकों को सेवा प्रदान करने में सक्षम नहीं होंगे।’’
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों के सीईओ व प्रबंध निदेशकों से मुलाकात कर उनको कम ब्याज दरों का फायदा ग्राहकों को हस्तांतरित करने को कहा।
लेकिन बैंकों ने एनपीए के लिए प्रदान करने और बैंकिंग संचालन की मार्जिन की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की। उनका कहना था कि अगर वे ब्याज दर की पूरी कटौती ग्राहकों को हस्तांतरित करना शुरू करेंगे तो इसका उनपर असर होगा।
(आईएएनएस)
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सात फरवरी को रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की थी। रेपो रेट ब्याज की वह दर है जिसपर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण मुहैया करता है।
इसके बाद अब तक सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक ने ब्याज दर में महज पांच आधार अंक की कटौती की है।
कुमार ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘साख वृद्धि आकर्षक बन गई है और आगे इसमें और इजाफा होगा, इसलिए बैंक ब्याज दर कटौती का फायदा हस्तांतरित करने की स्थिति में हैं।’’
उन्होंने कहा कि सरकार को बैंकिंग क्षेत्र में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) से जूझना पड़ा।
कुमार ने कहा, ‘‘हमें विरासत में बैंकिंग क्षेत्र में 10.5 लाख करोड़ का एनपीए मिला। लेकिन अब वह संघर्ष समाप्त होता प्रतीत होता है और बैंकिंग क्षेत्र से फिर संकेत मिल रहा है कि ब्याज दर कटौती का हस्तांतरण अर्थव्यवस्था की संवृद्धि के लिए किया जाएगा।’’
कार्यक्रम में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के प्रबंध निदेशक व सीईओ सुनील मेहता ने कहा, ‘‘जमा दर हमारे वित्तपोषण के स्रोत हैं। वित्तपोषण कम होने की सूरत में हम अपने ग्राहकों को सेवा प्रदान करने में सक्षम नहीं होंगे।’’
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों के सीईओ व प्रबंध निदेशकों से मुलाकात कर उनको कम ब्याज दरों का फायदा ग्राहकों को हस्तांतरित करने को कहा।
लेकिन बैंकों ने एनपीए के लिए प्रदान करने और बैंकिंग संचालन की मार्जिन की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की। उनका कहना था कि अगर वे ब्याज दर की पूरी कटौती ग्राहकों को हस्तांतरित करना शुरू करेंगे तो इसका उनपर असर होगा।
(आईएएनएस)
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