Nirbhaya Gangrape Case : Retired judge SN Dhingra said, transfer of the judge not stops the hanging of the convicts-m.khaskhabar.com
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रिटायर्ड जज एसएन ढींगरा ने कहा, जज का ट्रांसफर निर्भया के मुजरिमों की फांसी में रोड़ा नहीं

khaskhabar.com : गुरुवार, 23 जनवरी 2020 7:41 PM (IST)
रिटायर्ड जज एसएन ढींगरा ने कहा, जज का ट्रांसफर निर्भया के मुजरिमों की फांसी में रोड़ा नहीं
नई दिल्ली। मौत की सजा पाए मुजरिम को फांसी लगने से पहले डेथ-वारंट जारी करने वाले जज का ट्रांसफर हो जाने से फांसी नहीं रुका करती। अगर कोई और कानूनी पेंच या सरकार की तरफ से कोई बात कानूनी दस्तावेजों पर न आ जाए, तो निर्भया के मुजरिमों का यही डेथ-वारंट बदस्तूर बरकरार और मान्य होगा। डेथ वारंट जारी करने वाले जज का ट्रांसफर हो जाना फांसी पर लटकाए जाने में रोड़ा नहीं बन सकता।

रिटायर्ड जस्टिस शिव नारायण ढींगरा ने गुरुवार को आईएएनएस से विशेष बातचीत के दौरान यह खुलासा किया। ढींगरा दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज और 1984 सिख विरोधी कत्ले-आम की जांच के लिए बनी एसआईटी में से एक के चेयरमैन रहे हैं। संसद पर हमले के आरोपी कश्मीरी आतंकवादी अफजल गुरु को फांसी की सजा मुकर्रर करने वाले एसएन ढींगरा ही हैं।

13 दिसंबर सन 2001 को भारतीय संसद पर हुए हमले के मुख्य षडयंत्रकारी अफजल गुरु को सजा-ए-मौत सुनाने के वक्त ढींगरा दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सत्र न्यायाधीश थे। विशेष बातचीत के दौरान एसएन ढींगरा ने आईएएनएस से कहा कि संसद हमले का केस जहां तक मुझे याद आ रहा है, जून महीने में अदालत में फाइल किया गया था।

18 दिसंबर सन 2002 को मैंने मुजरिम को सजा-ए-मौत सुनाई थी। उसके बाद मैं दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया। मेरे द्वारा सुनाई गई सजा-ए-मौत के खिलाफ अपीलें हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तक जाती रहीं। मैं ट्रांसफर हो गया तब भी तो बाद में अफजल गुरु को फांसी दी गई।

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