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एनआईए अदालत ने समझौता एक्सप्रेस मामले में फैसला सुरक्षित रखा
पंचकूला। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने यहां सोमवार को फरवरी 2007 में समझौता एक्सप्रेस लिंक ट्रेन विस्फोट मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इस विस्फोट में 68 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें से अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे।
एक पाकिस्तानी नागरिक ने सोमवार को मामले में नई याचिका दाखिल की, जिसके बाद अदालत ने 14 मार्च तक अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया।
एनआईए की अदालत ने इस मामले में जनवरी 2014 में हिंदू नेता स्वामी असीमानंद और तीन अन्य आरोपियों कमल चौहान, राजिंद्र चौधरी और लोकेश शर्मा के खिलाफ आरोप तय किए थे।
सभी आरोपी एनआईए अदालत में मौजूद थे।
18 फरवरी 2007 को दिल्ली से लाहौर के बीच चलने वाली इस ट्रेन में हरियाणा के पानीपत में विस्फोट हुआ था, जिसमें 68 लोगों की मौत हुई थी। मृतकों में 43 पाकिस्तानी, 10 भारतीय और 15 अज्ञात थे। इन 68 लोगों में से 64 यात्री थे जबकि अन्य चार रेलवे अधिकारी थे। 10 पाकिस्तानियों सहित दर्जन भर लोग घायल हुए थे।
--आईएएनएस
एक पाकिस्तानी नागरिक ने सोमवार को मामले में नई याचिका दाखिल की, जिसके बाद अदालत ने 14 मार्च तक अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया।
एनआईए की अदालत ने इस मामले में जनवरी 2014 में हिंदू नेता स्वामी असीमानंद और तीन अन्य आरोपियों कमल चौहान, राजिंद्र चौधरी और लोकेश शर्मा के खिलाफ आरोप तय किए थे।
सभी आरोपी एनआईए अदालत में मौजूद थे।
18 फरवरी 2007 को दिल्ली से लाहौर के बीच चलने वाली इस ट्रेन में हरियाणा के पानीपत में विस्फोट हुआ था, जिसमें 68 लोगों की मौत हुई थी। मृतकों में 43 पाकिस्तानी, 10 भारतीय और 15 अज्ञात थे। इन 68 लोगों में से 64 यात्री थे जबकि अन्य चार रेलवे अधिकारी थे। 10 पाकिस्तानियों सहित दर्जन भर लोग घायल हुए थे।
--आईएएनएस
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