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कोरोना रोकने के लिए घरेलू उड़ानों की संख्या घटाने की ज़रूरत - स्वास्थ्य मंत्री, पंजाब
चंडीगढ़ । पंजाब के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि राज्य में कोविड -19 के फैलाव को रोकने के लिए खासकर मुंबई और अहमदाबाद से घरेलू उड़ानों की संख्या घटाने की ज़रूरत है क्योंकि यहाँ बड़ी संख्या में कोविड -19 के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में लिए गए 72, 468 नमूनों में से सिफऱ् 2.8 प्रतिशत पाजि़टिव मामले सामने आए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये स. सिद्धू ने कहा कि पंजाब में रिपोर्ट किये गए ज़्यादातर मामले अन्य राज्यों और देशों की ट्रैवल हिस्ट्री से सम्बन्धित हैं, इसलिए इस वायरस के समूह में फैलाव को रोकने के लिए विशेष तौर पर उच्च जोखिम वाले राज्यों और देशों में से आने वाले यात्रियों पर ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि वह कल होने वाली कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री पंजाब के साथ इस अहम मुद्दे पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि यह रिकॉर्ड में है कि राज्य में सिफऱ् 151 पाजि़टिव व्यक्ति ऐसे हैं जिनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। 99.9 प्रतिशत संपर्क ट्रेसिंग से 1476 व्यक्ति पाजिटिव पाये गए हैं जोकि लगभग 8 फीसदी बनता है।
मंत्री ने मीटिंग के दौरान हिदायतें जारी की कि संक्रमण से प्रभावित व्यक्तियों का पता लगाने के लिए यात्रियों के अधिक से अधिक नमूने लेने को यकीनी बनाया जाये। उन्होंने कहा कि अब तक 40 मरीज़ों की मौत हुई है, उनकी उम्र 50 साल से अधिक थी। इनमें से 31 व्यक्ति (77 प्रतिशत) आखिरी पड़ाव पर गुर्दे, कैंसर और एचआईवी जैसी गंभीर बीमारियों के अलावा शुगर और हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे थे। उन्होंने कहा कि पंजाब में मौत दर को आगे और कंट्रोल करने के लिए सभी मौतों का गहराई से ऑडिट किया जायेगा।
स. बलबीर सिंह सिद्धू ने डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं डा. अवनीत कौर को हिदायत की कि वह मैडीकल और पैरा मैडीकल स्टाफ के खाली पदों की फाइल पेश करें जिससे स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए यह फाइल अगली कैबिनेट मीटिंग में रखी जायेगी। उन्होंने कहा कि पहले लोगों को स्वास्थ्य विभाग में विश्वास नहीं था परन्तु कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तरफ से तरफ से स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रदान की गई मानक स्वास्थ्य सेवाओं से अब राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में उनका पूरा भरोसा बंध गया है।
टीकाकरण प्रोग्राम का जायज़ा लेते हुये मंत्री ने मीटिंग को बच्चों के लिए 100 प्रतिशत टीकाकरण को यकीनी बनाने के लिए कहा जिससे बच्चों को आम बीमारियों से बचाया जा सके। उन्होंने डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) डा. प्रभदीप कौर जौहल को हिदायत की कि टीकाकरण प्रोग्राम में तेज़ी लाई जाये और राज्य स्तरीय टीमों को जिलों में भेजा जाये जहाँ टीकाकरण की दर बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि 100 इंस्टीट्यूशनल डिलीवरीज़ का लक्ष्य हासिल करने के लिए मदर एंड चाइल्ड हैल्थ केयर और सरकारी अस्पतालों के कामकाज की रोज़मर्रा के आधार पर समीक्षा की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा हालातों को देखते हुये सभी प्रशिक्षण सैशन जि़ला स्तर पर आयोजित किये जाएंगे या टैलीकम्युनीकेशन के द्वारा पूरे किये जाएंगे।
डेंगू और मलेरिया के फैलने वाले मौसम के मद्देनजऱ मंत्री ने स्टेट प्रोग्राम अफ़सर, आईडीएसपी को निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग कोविड -19 के विरुद्ध अथक लड़ाई लड़ रहा है और साथ ही डेंगू, मलेरिया और पानी के साथ होने वाली अन्य बीमारियों की जांच और प्रबंधन के लिए तैयारी को भी राज्य में यकीनी बनाया जाये।
मंत्री ने मीटिंग को कोविड -19 के प्रबंधन और रोकथाम को और मज़बूत करने के लिए कहा, पंजाब सरकार ने कोरोना वायरस के फैलने को रोकने के लिए जारी की गई हिदायतों और दिशा निर्देशों के उल्लंघन के मामलो में जुर्माने में विस्तार किया है। उन्होंने कहा कि सिविल सर्जनज़ की तरफ से अपने अधिकार क्षेत्र में दिशा-निर्देशों की पालना को सख्ती से यकीनी बनाया जाये।
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये स. सिद्धू ने कहा कि पंजाब में रिपोर्ट किये गए ज़्यादातर मामले अन्य राज्यों और देशों की ट्रैवल हिस्ट्री से सम्बन्धित हैं, इसलिए इस वायरस के समूह में फैलाव को रोकने के लिए विशेष तौर पर उच्च जोखिम वाले राज्यों और देशों में से आने वाले यात्रियों पर ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि वह कल होने वाली कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री पंजाब के साथ इस अहम मुद्दे पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि यह रिकॉर्ड में है कि राज्य में सिफऱ् 151 पाजि़टिव व्यक्ति ऐसे हैं जिनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। 99.9 प्रतिशत संपर्क ट्रेसिंग से 1476 व्यक्ति पाजिटिव पाये गए हैं जोकि लगभग 8 फीसदी बनता है।
मंत्री ने मीटिंग के दौरान हिदायतें जारी की कि संक्रमण से प्रभावित व्यक्तियों का पता लगाने के लिए यात्रियों के अधिक से अधिक नमूने लेने को यकीनी बनाया जाये। उन्होंने कहा कि अब तक 40 मरीज़ों की मौत हुई है, उनकी उम्र 50 साल से अधिक थी। इनमें से 31 व्यक्ति (77 प्रतिशत) आखिरी पड़ाव पर गुर्दे, कैंसर और एचआईवी जैसी गंभीर बीमारियों के अलावा शुगर और हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे थे। उन्होंने कहा कि पंजाब में मौत दर को आगे और कंट्रोल करने के लिए सभी मौतों का गहराई से ऑडिट किया जायेगा।
स. बलबीर सिंह सिद्धू ने डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं डा. अवनीत कौर को हिदायत की कि वह मैडीकल और पैरा मैडीकल स्टाफ के खाली पदों की फाइल पेश करें जिससे स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए यह फाइल अगली कैबिनेट मीटिंग में रखी जायेगी। उन्होंने कहा कि पहले लोगों को स्वास्थ्य विभाग में विश्वास नहीं था परन्तु कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तरफ से तरफ से स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रदान की गई मानक स्वास्थ्य सेवाओं से अब राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में उनका पूरा भरोसा बंध गया है।
टीकाकरण प्रोग्राम का जायज़ा लेते हुये मंत्री ने मीटिंग को बच्चों के लिए 100 प्रतिशत टीकाकरण को यकीनी बनाने के लिए कहा जिससे बच्चों को आम बीमारियों से बचाया जा सके। उन्होंने डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) डा. प्रभदीप कौर जौहल को हिदायत की कि टीकाकरण प्रोग्राम में तेज़ी लाई जाये और राज्य स्तरीय टीमों को जिलों में भेजा जाये जहाँ टीकाकरण की दर बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि 100 इंस्टीट्यूशनल डिलीवरीज़ का लक्ष्य हासिल करने के लिए मदर एंड चाइल्ड हैल्थ केयर और सरकारी अस्पतालों के कामकाज की रोज़मर्रा के आधार पर समीक्षा की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा हालातों को देखते हुये सभी प्रशिक्षण सैशन जि़ला स्तर पर आयोजित किये जाएंगे या टैलीकम्युनीकेशन के द्वारा पूरे किये जाएंगे।
डेंगू और मलेरिया के फैलने वाले मौसम के मद्देनजऱ मंत्री ने स्टेट प्रोग्राम अफ़सर, आईडीएसपी को निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग कोविड -19 के विरुद्ध अथक लड़ाई लड़ रहा है और साथ ही डेंगू, मलेरिया और पानी के साथ होने वाली अन्य बीमारियों की जांच और प्रबंधन के लिए तैयारी को भी राज्य में यकीनी बनाया जाये।
मंत्री ने मीटिंग को कोविड -19 के प्रबंधन और रोकथाम को और मज़बूत करने के लिए कहा, पंजाब सरकार ने कोरोना वायरस के फैलने को रोकने के लिए जारी की गई हिदायतों और दिशा निर्देशों के उल्लंघन के मामलो में जुर्माने में विस्तार किया है। उन्होंने कहा कि सिविल सर्जनज़ की तरफ से अपने अधिकार क्षेत्र में दिशा-निर्देशों की पालना को सख्ती से यकीनी बनाया जाये।
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