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ब्लू कॉलर जॉब्स के प्रति युवाओं की सोच बदलने की जरूरत - अशोक चांदना
जयपुर । वर्तमान में युवाओं का सरकारी और कॉरपोरेट नौकरियों के प्रति आकर्षण है। वे ब्लू कॉलर जॉब्स को पीढ़ीगत रोजगार मानते हुए इनसे दूरी बना रहे हैं। अब रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों के प्रति नवीन दृष्टिकोण एवं खुली सोच रखने व नए कौशल प्राप्त करने का समय आ गया है, ताकि युवाओं का विकास हो सके।। यह कहना था राजस्थान सरकार के कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक चांदना का।
वे बुधवार को एसएमएस कन्वेंशन सेंटर में ‘फ्यूचर स्किल्स - इंडस्ट्री 4.0‘ थीम पर आयोजित फिक्की राजस्थान स्किल्स समिट में सम्बोधित कर रहे थे। यह समिट राजस्थान स्किल एंड लाइवलीहुड्स डवलपमेंट कारपोरेशन (आरएसएलडीसी) के सहयोग से आयोजित की गई।
इस अवसर पर मंत्री द्वारा पीडब्ल्यूसी नॉलेज रिपोर्ट ‘फास्ट फॉरवर्ड: रेलेवेंट स्किल्स फॉर ए बायंट इंडियन इकोनॉमी‘ का विमोचन भी किया गया।
राजस्थान सरकार के श्रम, रोजगार, कौशल एवं उद्यमिता, सचिव राजेश कुमार यादव ने कहा कि अर्थव्यवस्था के विकास के लिए मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को विकसित किए जाने की आवश्यकता है। रक्षा क्षेत्र में आयात में प्रतिवर्ष 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अतः मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग को विकसित करके देश का इस तरह का भारी खर्च कम किया जा सकता है। उन्होंने फिक्की से कौशल विकास की पहल में उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया तथा मांग, प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनाए रखने और प्रशिक्षित युवाओं के उपयोग का विश्लेषण करने के लिए 6-7 क्षेत्रीय काउंसिल बनाने का सुझाव भी दिया। जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने एवं पलायन रोकने के लिए यादव ने ग्रामीण स्तर पर रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के तरीके खोजने का भी आग्रह किया।
राजस्थान स्किल एंड लाइवलीहुड्स डवलपमेंट कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक निकिया गोहाऐन ने कहा कि वर्तमान में सामान्य शिक्षा के साथ-साथ ‘मार्केट ड्रिवन वोकेशनल एजुकेशन‘ शुरू किए जाने की जरूरत है, ताकि युवाओं के लिए लाभप्रद रोजगार के अवसर सुनिश्चित हो सकें। उन्होंने बेहतर परिणामों के लिए सरकार, उद्योग, प्रशिक्षण प्रदाताओं के मध्य बेहतर समन्वय की आवश्यकता जताई।
राजस्थान आईएलडी स्किल्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, डॉ. ललित के पंवार ने कहा कि ऐसा ईकोसिस्टम बनाने पर फोकस किया जाना चाहिए, जहां नीतियों एवं योजनाओं को अपनाने के साथ-साथ जमीनी स्तर पर बदलाव लाने के लिए कौशल को अपनाया जा सके। यूजीसी द्वारा बीएससी के साथ बैचलर ऑफ वोकेशनल स्टडीज का संयोजन किए जाने के साथ हम उन प्रतिमानों में बदलाव लाने में सक्षम हुए हैं, जहां ब्लू कॉलर वर्कर व्हाइट कॉलर वर्कर बनने की आकांक्षा कर सकता है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया की सोश्यल सेक्टर एडवाइजरी के पार्टनर व प्रमुख अशोक वर्मा ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और रोबोटिक्स जैसे टेक्नॉलोजी डिस्रेप्शन हमारे कार्य करने के तरीकों को बदल देंगे। तकनीकी चुनौतियों का सामना करने के लिये भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को बढ़ावा देने हेतु शिक्षा व प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
इस अवसर पर फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के को-चेयरमेन और होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड के निदेशक रमन कुमार शर्मा द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। फिक्की की आईटी व आईटीईएस उस समिति के चेयरमेन व इंफोसिस लिमिटेड के जयपुर डिलीवरी सेंटर के प्रमुख, सोमेश गुप्ता द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के प्रमुख, अतुल शर्मा ने सत्र का संचालन किया।
इसके पश्चात ‘स्टेटस एंड रोडमैप फॉर स्किल्स रेडी राजस्थान‘ और ‘बिल्डिंग स्केलेबल, सस्टेनेबल स्किल डवलपमेंट एंटिटीज‘ थीम पर दो प्लेनरी सैशंस आयोजित किए गए।
इस सम्बंध में राजस्थान सरकार और इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन के सहयोग से बाढ़मेर के व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र - केयर्न एंटरप्राइज सेंटर द्वारा स्थानीय युवाओं की क्षमता विकसित करने में मदद की जा रही है। इसके द्वारा इलेक्ट्रिकल, बेसिक कंप्यूटर, मोबाइल रिपेयरिंग, मेसनरी जैसे विभिन्न विषयों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम कराए जा रहे हैं।
वे बुधवार को एसएमएस कन्वेंशन सेंटर में ‘फ्यूचर स्किल्स - इंडस्ट्री 4.0‘ थीम पर आयोजित फिक्की राजस्थान स्किल्स समिट में सम्बोधित कर रहे थे। यह समिट राजस्थान स्किल एंड लाइवलीहुड्स डवलपमेंट कारपोरेशन (आरएसएलडीसी) के सहयोग से आयोजित की गई।
इस अवसर पर मंत्री द्वारा पीडब्ल्यूसी नॉलेज रिपोर्ट ‘फास्ट फॉरवर्ड: रेलेवेंट स्किल्स फॉर ए बायंट इंडियन इकोनॉमी‘ का विमोचन भी किया गया।
राजस्थान सरकार के श्रम, रोजगार, कौशल एवं उद्यमिता, सचिव राजेश कुमार यादव ने कहा कि अर्थव्यवस्था के विकास के लिए मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को विकसित किए जाने की आवश्यकता है। रक्षा क्षेत्र में आयात में प्रतिवर्ष 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अतः मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग को विकसित करके देश का इस तरह का भारी खर्च कम किया जा सकता है। उन्होंने फिक्की से कौशल विकास की पहल में उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया तथा मांग, प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनाए रखने और प्रशिक्षित युवाओं के उपयोग का विश्लेषण करने के लिए 6-7 क्षेत्रीय काउंसिल बनाने का सुझाव भी दिया। जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने एवं पलायन रोकने के लिए यादव ने ग्रामीण स्तर पर रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के तरीके खोजने का भी आग्रह किया।
राजस्थान स्किल एंड लाइवलीहुड्स डवलपमेंट कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक निकिया गोहाऐन ने कहा कि वर्तमान में सामान्य शिक्षा के साथ-साथ ‘मार्केट ड्रिवन वोकेशनल एजुकेशन‘ शुरू किए जाने की जरूरत है, ताकि युवाओं के लिए लाभप्रद रोजगार के अवसर सुनिश्चित हो सकें। उन्होंने बेहतर परिणामों के लिए सरकार, उद्योग, प्रशिक्षण प्रदाताओं के मध्य बेहतर समन्वय की आवश्यकता जताई।
राजस्थान आईएलडी स्किल्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, डॉ. ललित के पंवार ने कहा कि ऐसा ईकोसिस्टम बनाने पर फोकस किया जाना चाहिए, जहां नीतियों एवं योजनाओं को अपनाने के साथ-साथ जमीनी स्तर पर बदलाव लाने के लिए कौशल को अपनाया जा सके। यूजीसी द्वारा बीएससी के साथ बैचलर ऑफ वोकेशनल स्टडीज का संयोजन किए जाने के साथ हम उन प्रतिमानों में बदलाव लाने में सक्षम हुए हैं, जहां ब्लू कॉलर वर्कर व्हाइट कॉलर वर्कर बनने की आकांक्षा कर सकता है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया की सोश्यल सेक्टर एडवाइजरी के पार्टनर व प्रमुख अशोक वर्मा ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और रोबोटिक्स जैसे टेक्नॉलोजी डिस्रेप्शन हमारे कार्य करने के तरीकों को बदल देंगे। तकनीकी चुनौतियों का सामना करने के लिये भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को बढ़ावा देने हेतु शिक्षा व प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
इस अवसर पर फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के को-चेयरमेन और होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड के निदेशक रमन कुमार शर्मा द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। फिक्की की आईटी व आईटीईएस उस समिति के चेयरमेन व इंफोसिस लिमिटेड के जयपुर डिलीवरी सेंटर के प्रमुख, सोमेश गुप्ता द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के प्रमुख, अतुल शर्मा ने सत्र का संचालन किया।
इसके पश्चात ‘स्टेटस एंड रोडमैप फॉर स्किल्स रेडी राजस्थान‘ और ‘बिल्डिंग स्केलेबल, सस्टेनेबल स्किल डवलपमेंट एंटिटीज‘ थीम पर दो प्लेनरी सैशंस आयोजित किए गए।
इस सम्बंध में राजस्थान सरकार और इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन के सहयोग से बाढ़मेर के व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र - केयर्न एंटरप्राइज सेंटर द्वारा स्थानीय युवाओं की क्षमता विकसित करने में मदद की जा रही है। इसके द्वारा इलेक्ट्रिकल, बेसिक कंप्यूटर, मोबाइल रिपेयरिंग, मेसनरी जैसे विभिन्न विषयों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम कराए जा रहे हैं।
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