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झारखंड में बनती और बदलती रहीं सरकारें ,पर नक्सलवाद बना रहा चुनौती
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि नक्सलियों के सफाए को लेकर रणनीतियां बनती रहती हैं। पिछली सरकार ने भी नक्सलियों के खिलाफ कई रणनीतियां बनाई थीं। पिछले एक साल में 12 नक्सलियों ने आत्ममर्पण किया। पिछली सरकार भी नक्सलियों को समाप्त करने के दावा करती रही, लेकिन नक्सली घटनाओं को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति भी दर्ज कराते रहे।
एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि पुलिस हो या नक्सली, दोनों एक-दूसरे के खिलाफ रणनीतियां बनाते हैं और एक-दूसरे के लिए चुनौती भी समय-समय पर बनते रहते हैं।
उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने आक्रामक नीति बनाते हुए अब मोटरसाइकिल दस्ता बनाया है। ये कई स्थानों पर मोटरसाइकिल से पहुंचकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। अब पुलिस इसके खिलाफ रणनीति बनाएगी। झारखंड में नक्सली बच्चों और महिलाओं का भी इस्तेमाल करते रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि झारखंड में नक्सली घटनाओं में कमी आई है, इस बात को कोई नकार नहीं सकता, लेकिन जरूरत है यहां के बेरोजगार युवकों को रोजगार देने की, बच्चों और अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने की, क्योंकि कोई भी व्यक्ति हाथ में बंदूक नहीं उठाना चाहता।
(आईएएनएस)
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