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झारखंड में बनती और बदलती रहीं सरकारें ,पर नक्सलवाद बना रहा चुनौती

झारखंड में नई सरकार बनते ही एकबार फिर से नक्सल अभियान तेज करने की कवायद शुरू हो गई है। झारखंड के पुलिस महानिदेशक कमल नयन चौबे भी कहते हैं कि सरकार ने चुनौती के रूप में नक्सलवाद को लिया है और चुनौती के रूप में इससे निपटेगी।
पुलिस मुख्यालय में दर्ज आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले वर्ष यानी 2019 में नक्सली संगठनों ने झारखंड के 15 जिलों में 133 नक्सली वारदातों को अंजाम दिया है, जबकि नौ जिले ऐसे भी हैं, जहां नक्सली वारदातों की पुष्टि नहीं हुई है।
झारखंड में कई नक्सली संगठन हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत है। सबसे ज्यादा भाकपा माओवादी ने जहां 67 नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया है, वहीं तृतीय प्रस्तुति कमिटी (टीपीसी) 27, पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) ने 22, झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) 13 तथा चार घटनाएं छोटे संगठनों की संलिप्तता सामने आई हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष राज्य में नक्सली और पुलिस के बीच मुठभेड़ की 36 घटनाएं हुईं, जिसमें 24 नक्सलियों को मार गिराया गया। हालांकि इसमें आम लोगों को भी नुकसान उठाना पड़ा। नक्सलियों द्वारा पिछले साल अलग-अलग जिलों में 22 लोगों की हत्या की गई, जबकि आगजनी की 26, अपहरण की दो, विस्फोट की 13 घटनाओं को अंजाम दिया गया। नक्सलियों ने इस दौरान पुलिस टीम पर चार बार हमले भी किए।
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