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खुद दल बदल करने वाले नरेन्द्र ठाकुर अपने गिरेबान में झांकेः लेखराज
हमीरपुर। कंठाओं से ग्रस्त होकर राज्य आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपध्यक्ष राजेन्द्र राणा पर दल बदल का इल्जाम लगाने से पहले खुद अपने गिरेबान में झांके और जनता को यह बताएं कि वह आज तक किस पार्टी में टिककर रहे हैं और किस-किस चुनाव चिन्ह पर उन्होंने अपने चुनाव आज तक लड़े हैं। यह बात सुजानपुर ब्लाॅक कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष लेखराज ठाकुर ने विधायक नरेन्द्र ठाकुर पर पलटवार करते हुए कही है। उन्होंने कहा है कि राणा को सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने कोई टिकट नहीं दिया था, बल्कि जनता के भारी जनसमर्थन से वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 16 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीते थे।
उन्होंने मुख्यमंत्री के आशीर्वाद से सुजानपुर के विकास में नए रंग भरे हैं लेकिन नरेन्द्र यह बताएं कि वह हर बार नए चुनाव चिन्ह पर ही क्यों चुनाव लड़ते हैं। ठाकुर के अतीत और इतिहास से जनता अब अच्छी तरह वाकिफ हो चुकी है। 1994 में ठाकुर को भाजपा ने टिकट दिया लेकिन वह जीत नहीं पाए। वर्ष 2003 में उन्होंने अपनी ही पार्टी और अपनी ही सगी भाभी के खिलाफ विद्रोही उम्मीदवार के तौर पर मित्र मंडली के बैनर तले चुनाव लड़ा और फिर बुरी तरह हारे। उसके बाद कांग्रेस में शामिल होकर उन्होंने लोकसभा और विधानसभा के चुनाव लडे़ और फिर हारे।
उन्होंने मुख्यमंत्री के आशीर्वाद से सुजानपुर के विकास में नए रंग भरे हैं लेकिन नरेन्द्र यह बताएं कि वह हर बार नए चुनाव चिन्ह पर ही क्यों चुनाव लड़ते हैं। ठाकुर के अतीत और इतिहास से जनता अब अच्छी तरह वाकिफ हो चुकी है। 1994 में ठाकुर को भाजपा ने टिकट दिया लेकिन वह जीत नहीं पाए। वर्ष 2003 में उन्होंने अपनी ही पार्टी और अपनी ही सगी भाभी के खिलाफ विद्रोही उम्मीदवार के तौर पर मित्र मंडली के बैनर तले चुनाव लड़ा और फिर बुरी तरह हारे। उसके बाद कांग्रेस में शामिल होकर उन्होंने लोकसभा और विधानसभा के चुनाव लडे़ और फिर हारे।
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